** मंदिर निर्माण के लिए भी मां ने कराया शक्ति का आभास **
हाट कालिका के वर्तमान मंदिर के निर्माण में भी महाकाली ने अपनी शक्ति का आभास कराया था। 19वीं सदी के प्रारंभ में हाट कालिका के तत्कालीन पुरोहित पं. रुद्र दत्त पंत प्रयागराज कुंभ स्नान के लिए गए हुए थे। वह जिस ठिकाने पर रुके थे, वहीं पर श्री लक्ष्मण जंगम नाम के एक साधु भी टिके हुए थे। जंगम बाबा ने पुरोहित पंत से परिचय प्राप्त करने के बाद बताया कि मां ने उनके साथ उत्तराखंड जाने का आदेश दिया है। जंगम रुद्र दत्त पंत के साथ महाकाली मंदिर पहुंच गए। उन्हें मंदिर के जीर्णोद्घार के लिए आसपास कहीं भी पत्थर नहीं मिला। बाबा परेशान हो उठे। बताया जाता है कि रात में महाकाली स्वप्न में जंगम बाबा को एक स्थान पर ले गई। सुबह होने पर उस स्थान पर खुदाई की गई तो हरे रंग के पत्थरों की प्लेट निकलने लगी। मंदिर निर्माण का काम पूरा होते ही पत्थर की खदान भी बंद हो गई।
** हाट कालिका में नर बलि का भी रहा है विधान **
सदियों से प्रचलित कहावत के अनुसार शंकराचार्य के पदार्पण से पहले हाट कालिका के मंदिर में नर बलि होती थी। उसके बाद पशु बलि की प्रथा चली। इसके लिए बाकायदा एक गांव नियत था। इस गांव के लोगों को मौत उपजाति से जाना जाता था। आज भी इन लोगों का गांव सिमलकोट मां महाकाली के क्रीड़ांगन चौड़िक नामक मैदान के समीप स्थित है। अब यह लोग मेहता उपजाति से जाने जाते हैं। इनके कई परिवार पिथौरागढ़ और अन्यत्र स्थानों में बसे हैं। आज भी चैत्र और आश्विन की नवरात्रि की अष्टमी को मेहता उपजाति के लोग रात्रि में एक बकरे और एक भैंसे की बलि देते हैं।
** कुमाऊं रेजीमेंट हाट कालिका पर न्योछावर क्यों **
कुमाऊं रेजीमेंट हाट कालिका पर न्योछावर है। रेजीमेंट की अगाध श्रद्धा के पीछे की कहानी भी दिलचस्प और मां की शक्ति की झलक दिखलाती है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बंगाल की खाड़ी में भारतीय सेना का एक जहाज डूबने लगा। तमाम कोशिशें भी जहाज में घुस रहे पानी को नहीं रोक पाई। सैन्य अधिकारियों ने बीच समुद्र में जहाज का डूबना निश्चित मानते हुए सैनिकों से अपने-अपने ईष्टों का स्मरण करने को कहा। तमाम तरह से देवी, देवताओं के जयकारे लगने लगे। ज्योंहि कुमाऊं के सैनिकों ने हाट कालिका के जयकारे लगाए तो जहाज आश्चर्य ढंग से किनारे लग गया। तब से कुमाऊं रेजीमेंट मां पर न्योछावर है। मंदिर में अधिकांश निर्माण रेजीमेंट ने ही किए हैं। कहा जाए कि रेजीमेंट का हाट कालिका से अटूट नाता है तो गलत नहीं होगा।