Author Topic: RELIGIOUS ASSOCIATION उत्तराखंड की प्रमुख धार्मिक संस्थाएं एवं धार्मिक विभूतियाँ  (Read 14662 times)

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
१२-गायत्री तीर्थ  शांतिकुंज हरिद्वार

हरिद्वार के सप्त सरोवर छेत्र मैं स्तिथ गायत्रीतीर्थ शांतिकुंज की स्थापना १९७१ मैं वेदमूर्ति पंडित श्री राम शर्मा आचार्य एवं शक्ति स्वरूप माता भगवती देवी रुपी ऋषि युग्म की संकल्प शक्ति से हुई !

भारतीय संसकिरती की सर्वतोमुखी शिक्षण करने वाली,युग पुरोहितों का निर्माण कर धर्म तन्त्र से लोकमानस को प्रेरित करने वाली इस संस्था को गायत्री परिवार के प्रमुख संचालक केंद्र के रूप मैं स्थापित किया गया है!

इस तीर्थ मैं बहुमुखी प्र्विर्तियों का मिश्रण है,जहाँ जीवन जीने की कला के रूप मैं संजीवनी विद्या का नियमित शिक्षण ,९ दिवसीय सूत्रों के रूप मैं वर्ष भर अवरतचलता है !

वहीँ कहीं एक माह के युगशिल्पी प्रशिक्षण द्बारा ल्लोक्सेवी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जाता है!

ये कार्यकर्त्ता साक्षरता विस्तार,हरीतिमा,सर्वधन,गिर्ह उद्योग सहकारिता द्बारा गरीबी उन्नमूलन से लेकर समग्र संरक्षण तथा धर्मतंत्र से लोक शिक्षण की प्रकिर्या का प्रशिक्षण लेकर गाँव गाँव अलख जगाते हैं !वह जन-जन की धर्म चेतना को जागृत करते हैं!

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
समाज मैं नवनिर्माण प्र्विर्तियों के साथ-साथ गायत्री महाशक्ति की साधना एवं  तत्व्ग्य्यान घर-घर फैलाने का शिक्षण यहाँ की सबसे बड़ी विशेषता है,यहाँ समाज मई प्रसुप्त पड़ी चेतना को झकझोरने तथा उनकी सामर्थ्य को जगाने के प्रयोग निरंतर चलते रहते हैं ! विघ्यान और अध्यात्म के सम्न्वआत्म  प्रयोगों का अद्धुनिकतम उपकरणों द्बारा यहाँ परीक्षण किया जाता है,एवं ब्रहम वर्चस शोध संस्थान नामक प्रयोग शाला मैं प्रमाण एकत्र किये जाते हैं !

जो बताते हैं कि साधना -उपचार,योग-ब्यायाम,व क्नोशाधि चिकित्सा,मन्त्र विज्ञान,संगीत चिकित्सा,एवं यज्ञों उपचार के शास्त्रोक्त प्रयोग विज्ञान सम्मत हैं!यज्ञं विज्ञान पर प्रयोग कर्ण वाली यह अनूठी प्रयोग शाला है !देश भर मैं इस संस्था के चार हजार प्रज्ञां संसथान ,२४ हजार से ज्यादा पर्ज्ञांमंडल तथा २५ हजार स्वाध्याय मंडल है !

विश्व के ८० देशों मैं इसकी शाखाएं हैं,सभी केन्द्रों से रचनात्मक गतिविधियाँ चलती हैं !रास्त्र प् ग्रामीण स्टार पर उठान हो ,इस के लिए ग्राम्य चिकिय्सा सेवायोजना तथा REACHA (Research and Argo Exrension Association For the Conservation of Horticulture and ArgoForestry)  के नियमित प्रशिक्षण चलते हैं,

जिसके माध्यम से मिटटी एवं जल संरक्षण हरीतिमा सवर्धन,पर्यावरण संरक्षण तथा स्वमसहायता बचत समूह का सन्देश देश के कोने-कोने मैं पहुँचाया जाता है !

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
राज्य के कुछ अन्य विशिस्ट धार्मिक संगठन एवं उनके किर्य्क्लाप निम्नवत हैं-


१-काली कमली छेत्र  हरिद्वार धर्मशालाएं तथा सदाव्रत


२-जयराम आश्रम  हरिद्वार अन्य छेत्र संसकिरती विद्यालय,आयुर्वैधिक औषधालय,ध्यान केंद्र योग इन्तार्नेस्नल केंद्र,प्रशूती

औषधालय तथा गऊ सदम !


३-कैलास आश्रम ऋषिकेश हिन्दू दर्शन,ध्यान केंद्र


४-स्वर्गाश्रम (पोडी गढ़वाल) पुत्कालय,औषधालय,संसकिरत पाठशाला,यात्री निवास


५-परमार्थ निकेतन (पोडी गढ़वाल)गौशाला,चिकित्शालय,आदि,

हिन्दुओं के धार्मिक संगठनों के अतिरिक्त इस्लाम धर्माविलाम्बियों का श्रधा केंद्र,पीरान कलियत रुड़की के पास हरिद्वार

जनपद मैं स्तिथ है!जिसका विवरण पिर्थक रूप से दिया गया है!


Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
उत्तराखंड की धार्मिक विभूतियाँ


देवभूमि मैं अनेक संत,योगी तथा धार्मिक महापुरुषों को उनके ब्यक्तित्व चमत्कारों और उनके द्बारा संचालित आश्रमों के कारण परम भक्तिभाव एवं श्रधा से स्मरण किया जाता है !

इन धार्मिक विभूतियों मैं कतिपय प्रमुख संत योगियों का विवरण निम्नवत है !

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
१-बाबा नीम करौली - यह चमत्कारी बाबा थे,जिनके विर्न्दावन तथा नैनीताल के भूमियाधर छेत्र मैं कैंची नामक स्थान पर दो

आश्रम हैं!बाबाजी कको अन्नपूर्णा की सिधी थी, इन्होंने राज्य के विभिन्न भागों मैं हनुमान जी की मूर्तियाँ स्थापित की थीं !

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
२-स्वामी विशुधानंद

यह बंगाल के परमप्रशिध योगी थे यह टाप करने के लिए गंगा के तट पर आश्रम बनाकर रहने लगे !पहले यह दंडी स्वामी बने,फिर सन्यासी बनकर यह स्वामी विशुधानंद के नाम से प्रशिध हुए!इन्हें सूर्यविज्ञान और वायु शक्ति पर चामत्कारिक अधिकार था !

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1

३-सोमवारी महाराज

कुमाऊँ मैं कोसी नदी के तट पर काकडी घाट आश्रम के संस्थापक सोमवारी महाराज को अन्नपूर्णा की सिधि थी !यह प्रति सप्ताह सोमवार को विशाल भंडारा करते थे !

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
४-बाबा हैडाखान


यह  पंचाग्नि तप-उपासक थे ! बाबा हवन मैं घी के स्थान पर जल की आहुति देते थे!कहा जाता है कि वह सूक्षम शरीर धारण कर आकाश विचरण कर कहीं भी पंहुंच जाने की छमता रखते थे,अल्मोडा जिले मैं रानीपर्वत के पास चिलियानौला मैं बाबा का आश्रम है !

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
५-स्वामी रामतीर्थ

इन्होने ब्रह्मपुरी मैं गंगा तट पर तप किया था !और भागीरथी के तट पर संन्यास लिया था ,यह जीवन के अंतिम वर्षों मैं सिमलास
टिहरी मैं रहते थे,वहीं इन्होने भिलंगना नदी मैं जल समाधि भी ली थी !

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
६-बाबा कालीकमली

इनका वास्तविक नाम श्री विशुधानंद था ,ये बाबा जी काला कम्बल धारण किया करते थे !इन्होने उत्तराखंड के समस्त तीर्थों मैं कालीकमली नाम की धर्मशालाएं एवं उनमें बँटने वाले सदाव्रत की परम्परा चलाई !

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22