पतंजलि योगपीठ Haridwar
महाकुंभ में यदि आप गंगा स्नान के साथ ही आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में विश्वास रखते हुए अपनी सेहत को दुरुस्त करना चाहते हैं, तो इसके लिए पतंजलि ने विशेष तैयारी की है। करोड़ों श्रद्धालुओं में अधिकांश ऐसे होंगे, जो पतंजलि योगपीठ का भ्रमण करने पहुंचेंगे। कुछ ऐसे भी होंगे जो जटिल रोग से ग्रस्त होंगे और उन्हें पतंजलि आकर इलाज का मौका नहीं मिल रहा होगा। वहीं, महाकुंभ के इस पावन पर्व पर वह स्नान के साथ ही पतंजलि में विशेष वैद्यों से उपचार करा सकते हैं।
पतंजलि में महाकुंभ के दौरान वैद्यों की तादाद बढ़ाई गई है। एक दिन में छह हजार से अधिक मरीज देखने की व्यवस्था की गई है। इससे लोगों को सामान्य दिनों में उपचार को लंबी कतार लगाने की जरूरत नहीं होगी।
स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण महाकुंभ में पतंजलि की ओर से विशेष सहयोग करने की दिशा में कदम बढ़ा चुके हैं। पतंजलि योगपीठ के स्वास्थ्य विंग में महाकुंभ को लेकर खास तैयारी की गई है।
कुंभ में लगभग 32 ओपीडी तैयार की गई हैं। ओपीडी में दो शिफ्ट में चिकित्सक मरीजों की सेहत दुरुस्त करने को कमर कस चुके हैं। दो शिफ्ट में कुंभ को लेकर मरीजों को देखने की व्यवस्था की गई है। तकरीबन 60 वैद्य एक समय में मरीजों को देखेंगे।
कुंभ को लेकर पतंजलि में एक दिन में छह हजार मरीजों का आसानी से इलाज किया जा सकेगा। पंचकर्म और षष्ठ कर्म विधि से मरीजों के विशेष उपचार की व्यवस्था की गई है। कुंभ को देखते हुए इंडोर पंचकर्म की जो सुविधा 100 मरीजों की थी, वह बढ़ाकर 500 के करीब कर दी गई है। कुल मिलाकर पतंजलि योगपीठ के स्वास्थ्य विंग को हर तरह से मुस्तैद और चुस्त-दुरुस्त करने की कोशिश की गई है।
पतंजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह महापर्व मनाने का मौका बारह वर्ष बाद मिलता है। पतंजलि योगपीठ भी इसकी तैयारियों में जुटी हुई है। उन्होंने बताया कि चूंकि स्वास्थ्य बेहद अहम होता है, इसलिए पतंजलि योगपीठ इस ओर विशेष तौर पर कार्ययोजना बनाकर उसे मूर्त रूप दे चुकी है।