Tourism in Uttarakhand > Religious Places Of Uttarakhand - देव भूमि उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध देव मन्दिर एवं धार्मिक कहानियां

RELIGIOUS ASSOCIATION उत्तराखंड की प्रमुख धार्मिक संस्थाएं एवं धार्मिक विभूतियाँ

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Devbhoomi,Uttarakhand:
उत्तराखंड की धार्मिक संस्थाएं


उत्तराखंड देवभूमि हैं!जो अनेक ऋषि मुनियों की तपस्थली रह चुकी है, अट्टू आस्था का छेत्र होने के कारण यहाँ पर अनेक

 धार्मिक संस्थाएं स्थापित हैं!जो पूरे विश्व मैं आध्यात्मिक विकास एवं धार्मिक आस्था की ज्योति जलाये हुए हैं!राज्य की प्रमुख

 धार्मिक नगरी हरिद्वार साधू सन्यासियों के अखाडों का प्रमुख केंद्र है!

 यहाँ पर लोक कल्याण के लिए अनेक आश्र्सम हैं,जहां प्रतिदिन सत्संग होते रहते हैं प्रदेश के कुछ धार्मिक संघठन इस प्रकार हैं!

Devbhoomi,Uttarakhand:
अखिल भारतीय अखाडा परिषद्


इस परिषद् के अर्न्तगत १३ अखाडे हैं!इनमें साधू संतों के चार वर्ग है,

१-नागा सन्यासी -यह शैव मतावलंबी हैं इनके निम्न सात अखाडे हैं !
अखाडा                                       इस्ट

१-श्री निरंजनी                          कार्तिकेय

२-श्री जुना                               दतात्रेय

३-श्रे महानिर्वानी                        कपिल

४-श्री अटल                               गणेश

५-श्रे आवाहन                            गणेश

६-श्री आनंद                               सूर्य

७-श्री पंचाग्नि                           गायत्री


इनका मुख्यालय कनखल मायापुर हरिद्वार मैं है!अधिकांस नागा सन्यासी निर्वस्त्र रहते हैं !

Devbhoomi,Uttarakhand:
२-वैरागी -ये वैष्णव मतावलंबी हैं,और रामभक्त होते हैं इनके अर्न्तगत निम्न अखाडे आते हैं!

अखाडा                                  इस्ट

१-श्री निमोही अनी अखाडा         हनुमान

२-श्श्री दिगाम्वर अनी अखाडा     हनुमान

३श्री  निर्वाणी अखाडा                हनुमान

वैरागी संत कनखल वैरागी छेत्र मैं निवास करते हैं 
     

३-उदासीन -ये दो प्रकार के होते हैं !

अखाडा                                                    इस्ट

१-श्री पंचायती अखाडा बड़ा उदासीन            चन्द्र

२-श्रे पंचायती अखाडा छोटा उदासीन          चन्द्र

इनका मुख्यालय राजघाट हरिद्वार मैं है!

Devbhoomi,Uttarakhand:
४-निर्मल अखाडा - इसका मुख्यालय सती घाट हरिद्वार मैं है!कुम्भ के अवसर पर इन अखाडों के सही जुलुस निम्न क्रम से निकलते हैं !

१-निरंजनी जुना

२-मह्निर्वानी

३-वैरागी

४-बड़ा उदासीन

५-नया उदासीन

६-निर्मल अखाडा

Devbhoomi,Uttarakhand:
५-गंगा सभा हरिद्वार

सन १९१६ मैं कर्नल प्रोबी कौट्ले द्बारा गंगा नहर निर्माण के समय गंगा पर बाँध बनाने को लेकर

महामना मदन मोहन मालवीय के नेतृत्व मैं गंगा की धार को अविछिन्न रखने हेतु एक जन आन्दोलन चलाया गया था!

जिसके कारण हर पैडी पर गंगा की अविरल धारा लाकर हिन्दू समाज का इस तीर्थ पर स्थाई प्रतिनिधित्व बनाए रखने के

लिए पुरोहितों की संस्था का गठन कर "गंगा सभा " का नाम दिया गया !

गंगा सभा के तत्वावधान मैं हर पैडी पर प्रतिदिन प्रात काल व सांयकाल श्री गंगा जी की आरती का आयोजन किया गया है!

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