शिव लिंग का प्रकट होना
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आकाशवाणी हुयी, " संसार में कोई जगह नहीं, जहाँ शिव नहीं है, इसलिए, ये ऋषियों आश्चर्य मत करो, यदि शिव लिंग दुनिया को शिवलिंग ढक ले!
तब, ब्रह्मा, विष्णु, इन्द्र, सूर्य, चन्द्रमा व अन्य देवगण, जो जागीश्वर में शिव की सुतुती कर कर रहे थे आपने-२ अंश वे शक्ति छोड़कर चले गये ! प्रथ्वी लिंग के बार से दबने लगी, और शिव से प्रार्थना की वह भर से मुक्त की जाय,
तब देवी देवताओ ने लिंग का आदि अंत जानना चाह ! प्रथ्वी ने ब्रह्मा से पूछा "
लिंग कहाँ तक है "
ब्रह्मा जी ने कहा " जहाँ तक प्रथ्वी है वहां तक"
प्रथ्वी ने ब्रह्मा को शाप दिया " तुमने एक बड़े देवता होकर झूठ बोला, इससे संसार में तुमारी पूजा नहीं होगी!
ब्रह्मा ने भी प्रथ्वी को शाप दिया " तुम भी कलयुग के अंत में ग्लेच्छो भर जावोगी!
देवी देवताओ ने प्रथ्वी से तो उन्होंने के कहा - ' जब ब्रह्मा, विष्णु व कपिल इस बात को नहीं जानते, तो वो कैसे जाने, !
तब भगवान् विष्णु से पूछा गया, " वे पातळ गए, पर अंत ना पा सके! तब देवताओ ने विष्णु की प्रार्थना की ! विष्णु शिव के पास गए, और इनसे अनुनय विनय के बाद यह निश्चय हुवा की विष्णु सुरदर्शन चक्र से लिंग को काटे और तमाम खंडो में इसे बात थे !