Author Topic: Shri 1008 Mool Narayan Story - भगवान् मूल नारायण (नंदा देवी के भतीजे) की कथा  (Read 97253 times)

पंकज सिंह महर

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नौलिंग मन्दिर शनिगाड़

शनिगाड़ का नौलिंग मन्दिर शिखर से अधिक दूर नहीं है। मूल नारायण के दो पुत्र माने गये हैं, नौलिंग और बजैण। जिनके नाम पर एक मन्दिर शनिगाड़ और दूसरा भनार में है। पुत्रों के नाम पर बने यह मन्दिर शिखर मंदिर के नीचे भुजाओं की भांति हैं। लोक मान्यताओं के अनुसार नारायण के एक पुत्र ने शनिगाड़ में एक दुर्दान्त राक्षस का वध किया था, जिसके बाद यह स्थान प्रसिद्ध हो गया। प्राचीन समय में यहां पर एक नौला था, जिसमें से पाषाण लिंग स्वयं उत्पन्न हुआ था, इसी को नौल-लिंग के नाम से सम्बोधित कर पूजा की जाने लगी। कालान्तर में वही नाम नौलिंग हो गया।
      मूल नारायण के दूसरे पुत्र का जन्म बांज के पेड़ के कोटर में माना गया है, इसलिये उसका नाम बजैण पड़ा। यह मंदिर भनार नामक गांव में स्थित है। यह मंदिर भनार (भण्डार गृह) की आकृति में गुफा के अन्दर बना है।
     चैत्र व आश्विन माह के नवरात्रों में नवमी को नौलिंग में बहुत बड़ा मेला लगता है। जो लोग मूल नारायण के दर्शन के लिये शिखर जाते हैं, प्रायः वह सभी शनिगाड़ में भी नौलिंग औए भनार के मंदिरों के दर्शन अवश्य करते हैं। नौलिंग मन्दिर ्में वर्ष भर श्रद्धालुओं का आगमन होता है और यहां पर भक्तजन सत्यनारायण की कथा करवाते हैं।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Mahar Ji,


Thanx for this information.. I have visited Shikhar almost 3-4 times. It is in steep height. Due to lack of transport facility,  a lot people find it difficult to visit there.  However, a lot of people conduct pooja paath there in every here.

One  Baba Ji is presently residing in Shikhar Temple permanently.




श्री त्रिलोक चन्द्र भट्ट द्वारा लिखित "उत्तरांचल के देवालय" में भी इसका वर्णन है, जो आपके सम्मुख प्रस्तुत है-

शिखर मन्दिर-

बागेश्वर-बेरीनाग मार्ग पर धरमघर के लगभग १० कि०मी० की दूरी पर शिखर पर्वत पर भगवान मूलनारायण का प्राचीन मंदिर है। इसी को शिखर मन्दिर भी कहा जाता है, जनश्रुति के अनुसार भगवती नन्दा ने भगवान मूलनारायण से हिमालय में नन्दादेवी की चोटी पर निवास करने का आग्रह किया। उनके आग्रह पर नारायण को वह स्थान पसन्द आ गया। शिखर से कुछ दूरी पर एक गुफा में शीतल जल का स्रोत है, जहां महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। जनश्रुति के अनुसार एक बार नन्दा देवी इस जल स्रोत को देखने के लिये गई थी। जब वह लौट कर शिखर पर पहुंची तो मूल नारायण अदृश्य हो चुके थे। काफी खोजने के बाद जब उन्हें मूल नारायण नहीं मिले तो उन्होंने रुष्ट होकर श्राप दिया कि आज के बाद न तो हमारी-तुम्हारी मुलाकात होगी और न ही हिमालय में तुम्हारा निवास होगा, तुम यहीं शिखर में ही रहोगे। इसके बाद क्रोधित नन्दा नन्दाघूंघटी वापस चली गई।

     एक अन्य जन्श्रुति है कि मालूशाही की प्रेमिका राजुला का पिता सुनपत शौक अपनी भेड़-बकरियों को लेकर इस पर्वत पर रुका हुआ था। यहा के मनोहारे दृश्य से मोहित सुनपत भगवान के ध्याने में लीन हो गया। इसी अवस्था में उसे दैविक आदेश हुआ कि वह तुरन्त अपने देश लौट जाये। जब उसकी तन्द्रा टूटी तो उसने देखा कि जहां उसकी बकरियों के करबोझे रखे थे, वहां पर अब शिला की आकृति बन गई है और बकरियां गायब हैं। आनन-फानन में वह अपने घर के लिये चल पड़ा, लेकिन घर पहुंच के उसके आश्चर्य का ठिकाना न रहा कि बकरियां उससे पहले ही घर पहुंच गई थी और उनके पीठ पर लदे करबोझे मुल्यवान रत्न और सोने से भरे हुये थे।
       सन १९८१-८२ में जनता के सहयोग से मंदिर का जीर्णोद्धार कर इसे भव्य रुप प्रदान कर यहां भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करवाई गई है। इस मंदिर से पुजारी धामी लोग हैं और गौखुरी के पन्त परम्परागत रुप से कथा वाचन करते हैं।


हेम पन्त

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ललित मोहन जोशी की कैसेट से भगवान सनगाडा-नौलिंग को समर्पित एक गाना...

http://www.esnips.com/doc/96040426-05ce-4938-8c2f-85c149beeb8e/SANGADA-NAULING

सुनिये और डाउनलोड करके सब को सुनाइये...

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Jai ho.  ….

Thanx hem.. This is the first release on Mool Narayan and Nauling Ji.

Actually, I have listened a song sung by Maya Upadhyay but could not remember its album name. I would just enquire from Lalit Mohan Joshi.

ललित मोहन जोशी की कैसेट से भगवान सनगाडा-नौलिंग को समर्पित एक गाना...

http://www.esnips.com/doc/96040426-05ce-4938-8c2f-85c149beeb8e/SANGADA-NAULING

सुनिये और डाउनलोड करके सब को सुनाइये...

हेम पन्त

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Yeh gaana "Pardeshi Tu Ni Ja" album se hai...

गाने के बोल इस तरह हैं

सनगाडा-नौलिंग,भनार-बजैन, शिखर मु रैना मेरि भगवती दैणा..

हेम पन्त

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मेहता जी अपनी विगत पहाङ यात्रा के दौरान भगवान मूल नारायण के मन्दिर में भी गये.


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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मेहता जी अपनी विगत पहाङ यात्रा के दौरान भगवान मूल नारायण के मन्दिर में भी गये.




Thanx Hem Da,

Bhagwaan Mool Narayan Ji ke bageshwar mai kayee aaur Mandir Hai Jaise Banklesh, Shikhar, Jarti etc. Kuch ki photo maine yahan dali or koshish karung jayad - se photo yahad aap se liye pratut kar pau.

Anubhav / अनुभव उपाध्याय

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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भगवान् मूल नारायण जी एव बजैण जी पर यह झोडा एक बहुत प्रसिद्ध है !

शिखर भानार मासी का फूल
देवी चदूना मासी का फूल

 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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