गंगा दशहरे के एक दिन पहले सिद्धपीठ मां सुरकंडा मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया जो देर सांय तक जारी रहा। इस दौरान श्रद्धालुओं ने मां के जयकारे के दर्शन कर पुण्य लाभ कमाया।
गंगा दशहरे के अवसर पर विभिन्न गांव से समूह में आकर लोगों ने देवी के दर्शन किए। कई लोग ढोल-नगाड़ों के साथ मंदिर पहुंचे। इस दौरान यात्रियों की सुविधा के लिए जो भी व्यवस्थाएं की गई थी वह मंदिर समिति ने की है। प्रशासन की ओर से खास व्यवस्था नही है।
मंदिर समिति के अध्यक्ष शिव सिंह जड़धारी, जितेंद्र नेगी ने बताया कि गुरुवार को अधिक भीड़ जुटने की संभावना है क्योंकि यह गंगा दशहरे का मुख्य दिन है। इस दिन देवी के दर्शनों का अधिक महत्व है। उन्होंने बताया कि मंदिर में पेयजल खच्चरों पानी लाकर यात्रियों को सुविधा दी जा रही है।
मंदिर समिति सीमित संसाधनों के बाद भी यात्रियों के लिए हर संभव सुविधा देने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले इस मेले को शासन स्तर से आर्थिक सहायता भी मिलती थी जो अब नही मिल पा रही है। सिद्धपीठ मां सुरकंडा मंदिर स्थल को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए मंदिर समिति ने पहल की है।
Dainik Jagran