Author Topic: Ukhimath,Guptkashi-उखीमठ गुप्तकाशी, मह्रिषी दयानंद का बैराग्य स्थान उत्तराखंड  (Read 15161 times)

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मद्महेश्वर मेले को दिया जाएगा भव्य रूप
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ऊखीमठ/रुद्रप्रयाग, निज प्रतिनिधि:

त्रिदिवसीय मद्महेश्वर मेले को भव्य स्वरुप देने को लेकर ब्लॉक सभागार में जिला पंचायत अध्यक्ष चंडी प्रसाद भट्ट की अध्यक्षता में मेला समिति व विभागीय अधिकारियों की बैठक में जहां समिति के पदाधिकारियों ने समस्याओं से संबंधित बिंदु एवं सुझाव रखे। वही विभागीय अधिकारियों द्वारा मेले को चाकचौबंद बनाने के लिए विभागों की तरफ से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया गया।

बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष चंडी प्रसाद भट्ट ने कहा कि प्राचीन काल से धार्मिक मेला आयोजित होता आ रहा है। अब सरकार व विभागों के सहयोग से इसे तीनों का बनाकर भव्यता प्रदान की जा रही है। ब्लॉक प्रमुख फते सिंह रावत ने प्रचार तंत्र को प्रभावी बनाने व मेले में विभागीय स्टालों को भव्य स्वरूप देने की बात कही। व्यापार संघ अध्यक्ष आनंद सिंह रावत ने दलगत राजनीति से हटकर मेले को सफल बनाने में सहयोग की अपील की। मेला समिति के अध्यक्ष व प्रधान ऊखीमठ जगदीश लाल ने कहा कि मद्महेश्वर मेले से जो पहचान मिली है उसे सभी के सहयोग से यादगार बनाया जाएगा।

इस अवसर पर पुलिस उपाधीक्षक आर डीमरी, मेलाधिकारी जगदीश लाल, मेला समिति के सचिव अनुसूया प्रसाद भट्ट, विजेन्द्र नेगी, महेश तिवारी, प्रकाश रावत, गबर सिंह पुष्पवाण, मोहन सिंह रावत, श्याम सिंह बिष्ट, खंड विकास अधिकारी सुनील कुमार, तहसीलदार शशि प्रसाद डिमरी, एसआई सुबोध मंमगाई, मंदिर समिति के कार्यधिकारी अनिल शर्मा सहित कई विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6924389.html


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कालीमठ मंदिर में आज निकलेगी भव्य जल कलश यात्रा



ऊखीमठ प्रखंड सिद्धपीठ कालीमठ मंदिर में कालीमाई की देवरा यात्रा के पश्चात क्षेत्र की खुशहाली एवं विश्व कल्याण के लिए विशाल अयुत महायज्ञ में प्रतिदिन एक हजार से अधिक आहुतियां दी जा रही हैं। 12 को जल यात्रा व 13 मार्च को पूर्णाहुति के साथ यज्ञ का समापन किया जाएगा। यज्ञ में देश-विदेश के साथ ही स्थानीय श्रद्धालु काफी संख्या में पहुंच रहे हैं।


उत्तराखंड के सिद्धपीठ कालीमठ मंदिर में लगभग 22 वर्षो बाद हो रहे अयुत्त महायज्ञ पंचगाई क्षेत्र कालीमठ, बेडूला, ब्यूंखी-कुणजेठी, जग्गी बगवान, कविल्ठा व श्री बद्री केदार मंदिर समिति के संयुक्त प्रयासों से किया जा रहा है।

इस महायज्ञ में पंचगाई के ग्रामीणों एवं श्रद्धालुओं द्वारा बड़ी मात्रा में घी, जौ, तिल, लकड़ी, चावल, आटा, हवन समेत कई सामग्री दान में दी जा रही है। इस महायज्ञ में पित्रों यज्ञ पुरुष, अग्नि देवता, महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, नवग्रह व काल भैंरव सहित सभी देवी देवताओं की प्रतिदिन विधिवत पूजा अर्चना की जाती है।


प्राचीन यज्ञ कुंड के समीप स्थित सरस्वती मंदिर में मां भगवती की उत्सव डोली त्रिवेणी स्नान के बाद यज्ञ में बैठती है। यज्ञ को संपन्न करने में देवशाल के आचार्यो, ह्यूण के ब्रह्माओं, कविल्ठा के पुजारियों, कोठेडा, अन्द्रवाडी, कुणजेठी, रढ़वा, कोटमा, खोनू, दिलमी आदि स्थानों के लगभग 51 पंडितों की ओर से वेद मंत्रोंच्चारण के साथ प्रतिदिन एक हजार से अधिक आहुतियां देकर यज्ञ संपन्न करवाया जा रहा है। जो क्षेत्र की खुशहाली, समृद्धि व विश्व कल्याण के लिए बहुत लाभदायक हैं।


 मान्यता है कि देवरा यात्रा के बाद होने वाले इस महा अयुत्त यज्ञ में जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा के साथ तन, मन व धन से भाग लेकर, पवित्र काली तीर्थ में दान पुण्य करता है। उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है।

 इस अवसर पर देवरा यात्रा व यज्ञ अध्यक्ष सोबन सिंह राणा ने बताया कि यज्ञ में 12 को विशाल जल यात्रा, 13 को पूर्णाहुति तथा 14 मार्च को विशाल ब्रह्मभोज का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर यज्ञ में पंचगाई के हक हकूकधारी, ग्रामीण तथा श्री बद्री केदार मंदिर समिति के पदाधिकारी यज्ञ में प्रतिभाग कर रहें है

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पूर्णाहुति के साथ सम्पन्न हुआ कालीमठ में अयुत्त महायज्ञ


    प्रसिद्ध सिद्धपीठ कालीमठ मंदिर में नौ दिवसीय  अयुत यज्ञ का रविवार को पूर्णाहुति के साथ सम्पन्न हो गया है। जिसमें अंतिम दिन पंचगाई ग्रामीणों व देश-विदेश के श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।


जिले के सिद्धपीठ कालीमठ मंदिर में लगभग 22 वर्षो बाद हो रहे अयुत्त महायज्ञ पंचगाई क्षेत्र कालीमठ, बेडूला, ब्यूंखी-कुणजेठी, जग्गी बगवान, कविल्ठा व श्री बद्री केदार मंदिर समिति के संयुक्त प्रयासों से सम्पन्न हो गया है।

प्रतिदिन की तरह आज सुबह भी ब्राह्मणों ने सर्वप्रथम कालीमाई का अभिषेक कर पूजा-अर्चना की और उसके बाद आहुतियां दी गई। अंत में हवन कुंड से तिलक  निकालकर मां को लगाया गया तथा भक्तों को प्रसाद  वितरित किया।

यज्ञ स्थान सरस्वती मंदिर से बाहर आकर मां की उत्सव डोली ने श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया और अपनी गद्दीस्थल में विराजमान हुई। देवरा यात्रा अध्यक्ष सोबन सिंह राणा व यज्ञपति शिवराज सिंह राणा ने महायज्ञ के सफल आयोजन के लिए ग्रामीणों को बधाई दी। उन्होंने बताया इस उपलब्ध में सोमवार को ब्रह्मभोज का आयोजन किया जाएगा।



Source dainik jagran

   

 

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