Paryavaran
चंपावत समुद्र तल से 5,500 फीट ऊपर एक नीचे की पहाड़ी पर स्थित है जहां से आप हिमालय के अद्भुत सौंदर्य खासकर पंचुली श्रृंखला के कुछ दृश्य देख सकते हैं।
वनस्पति
चंपावत के इर्द-गिर्द हरी-भरी पहाड़ियों पर घने देवदार के जंगल हैं। इस शहर में तथा आस-पास कई सेव एवं आडू के बागान हैं। बसंत में शहर काफी सुंदर दिखता है जहां सेव के फूल खिले रहते हैं तथा गुलाब एवं लीली जैसे कई प्रकार के मौसमी फूल खिलकर इर्द-गिर्द की शोभा बढ़ाते हैं।
जीव-जंतु
चंपावत का निकट संबंध जिम कॉर्बेट तथा उनकी प्रथम पुस्तक ‘मैनइटर्स ऑफ कुमाऊं ’ से है। पुस्तक के प्रथम अध्याय में बंगाल बाघिन का वर्णन है, जिसे वर्ष 1907 में जिम कॉर्बेट ने मार दिया। यह बाघिन 19वीं सदी के दौरान कुमाऊं क्षेत्र में प्रमाणित 436 लोगों की मृत्यु की जिम्मेदार थी।
उस समय लोग नैनीताल से चंपावत पैदल ही जाते थे तथा बाघिन के भय ने इस यात्रा को असंभव बना दिया था। उसने दो भिन्न देशों भारत एवं नेपाल के लोगों को मारा और वह इतनी ढ़ीठ एवं निडर थी कि गांव के बाहर सड़कों पर विचरण करती तथा गर्जन कर लोगों को भयभीत कर देती। उस दिन इस बाघिन ने एक 16 साल की लड़की को मार दिया था तब जिम कॉर्बेट ने उसे मार डाला। उसके अधिकांश शिकार महिलाएं एवं बच्चे होते थे।
चंपावत शहर में, जिस जगह बाघिन का अंत हुआ था वहां एक सीमेंट का बोर्ड लगा हुआ है।
आस-पास के जंगली क्षेत्रों में तेंदुए एवं हिरणों को देखा जा सकता है। यहां के पक्षियों में तीतर, गौरेये, स्विफ्ट्स, सारिकाएं, शिकारी पक्षी, ड्रोगों एवं सामान्य कोयल आदि शामिल हैं।