Author Topic: Khatling Glacier Tehri, Uttarakhand,खतलिंग ग्लेशियर टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड  (Read 15637 times)

Devbhoomi,Uttarakhand

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खतलिंग पर्यटन विकास मेला शुरू
भिलंगना के घुत्तू में सात दिवसीय खतलिंग पर्यटन विकास मेले का शुभारम्भ सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ खतलिंग यात्रा शुरू हो गयी है जिसमें क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। मेले के मुख्य अतिथि क्षेत्र के विधायक बलबीर सिहं नेगी ने कहा कि विकास खंड भिलंगना के घुत्तू में पर्यटक स्थलों की कमी नहीं है, लेकिन प्रदेश की सरकार इन पर्यटक स्थलों को विकसित करने के बजाय उपेक्षा करने में लगी है।


उन्होंने कहा कि यदि यहां के पर्यटक स्थलों को विश्व के मानचित्र पर लाकर यहां तक पहुंचने के लिये अच्छे मार्ग बनाये जाते तो इस क्षेत्र में बहार से आने वाले पर्यटकों के आगमन में भारी इजाफा होगा और यहां के स्थानीय बेरोजगार लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। जिलाधिकारी राधिका झा ने कहा कि उक्त क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनायें हैं इनको विकसित करने के लिये आधिकारिक तौर पर यात्रा के लिये एक अच्छा प्रोजेक्ट तैयार कर शासन को भेजा जाएगा।


कार्यक्रम में पूर्व प्रमुख धनीलाल शाह ने कहा कि यह मेला स्व. इन्द्रमणी बडोनी के द्वारा शुरू किया गया था सभी लोगों को इस में दलगत भावना से उपर उठ कर कार्य करना चाहिए ताकि क्षेत्र का विकास हो सके। राइंका घुत्तू के प्रधानाचार्य के द्वारा विद्यालय में वर्षो से रिक्त चल रहे प्रवक्ताओं के पदों सर्जित करने के लिये डीएम के माध्यम से पत्र प्रस्तुत कर मुख्य सचिव को भेजा गया।


इस मौके पर खतलिंग पर्यटन विकास मण्डल के अध्यक्ष भरत सिंह गुसांई, मेला अध्यक्ष सुन्दर लाल उनियाल, विजय उनियाल, मुनेद्र राणा, श्रीराम सेमवाल, राजेन्द्र सिहं राणा, रतन सिंह, सोहन लाल, प्रेम लाल त्रिकोटिया, माल चन्द, शूरबीर लाल सहित विभाग के सभी अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन बीके नौटियाल ने किया।


http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_8245610.html

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पर्यटक स्थलों की सुध नहीं
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विकास खंड भिलंगना में एक दर्जन से अधिक पर्यटक व तीर्थाटन स्थल सरकार व विभाग की लापरवाही के चलते उपेक्षित हैं। यहां तक पहुंचने के लिये मोटर मार्ग तथा रज्जू मार्ग न होने के कारण पर्यटकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

प्रदेश सरकार भले ही पर्यटन व तीर्थाटन को विकसित करने के लाख दावे कर रही हो लेकिन इसकी हकीकत भिलंगना प्रखंड मे परे है। यहां पर एक दर्जन से भी अधिक पर्यटन स्थल सरकार व पर्यटन विभाग की उपेक्षा के चलते वीरान पड़े हैं। अगर इन स्थलों का सौंदर्यीकरण किया जाता तो पर्यटकों के आने से यहां पर स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलता और पलायन पर भी रोक लगती। प्रखंड मे एक भी ऐसा पर्यटन स्थल नहीं है जहां जाने के लिये आज तक सड़क या कोई रज्जू मार्ग बना हो। स्थानीय लोग कई बार इस संबंध मे विभाग को अवगत करा चुके हैं लेकिन आज तक इस ओर कई ध्यान नहीं दिया गया है। पर्यावरणविद् डॉ.एसडी जोशी, लायक राम, सुन्दर सिंह कठैत, आदि लोगों का कहना है कि यदि यहां के पर्यटक स्थलों को सड़क मार्ग से जोड़ा जाता यहां पर पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।

प्रखंड में पर्यटक तथा तीर्थाटन स्थल और सड़क से दूरी

स्थान दूरी

पंवाली कांठा सड़क से 16 किमी जराल ताल सड़क से 12 किमी विश्वनाथ सड़क से 8 किमी

मेंडू पर्वत सड़क से 15 किमी भांसर ताल सड़क से 14 किमी लिंग ताल सड़क से 20 किमी द्रोपती ताल सड़क से 20 किमी हटकुणी सड़क से 25 किमी

 

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