Author Topic: Ranikhet Beautiful Hill Station in U.K आखों में समा जाय रानीखेत की खूबसूरती  (Read 67972 times)

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
 


रानीखेत,उत्‍तराखंड राज्‍य में स्थित यह हिल स्‍टेशन प्रकृति कितना खूबसूरत दिख सकती है यह परिभाषित करने के लिए काफी है। यहां के खूबसूरत फूल, पहाड़ों से सटे मैदानों पर मार्च से अप्रैल में अलग ही एक मनोहारी छटा बिखेरती है।

 तथा जून और जुलाई माह में जंगली पौधे यहां की पहाडियों को घनी हरी झाड़ियों तथा गुलाबी और बैंगनी फूलों की चादर से ढंक देते हैं।

फूलों के ये पौधे एक दूसरे से इस कदर लिपटे रहते हैं कि ये पता लगाना भी मुश्किल हो जाता है कि कौन-सा फूल किस पौधे का है। रंग-बिरंगे और मन को आल्हादित करने वाली महक लिए इन फूलों की सुंदरता अद्भुत होती है।

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
उत्तराखंड राज्य के नैनीताल से 60 किमी की दूरी पर स्थित हिमालय की ढलान पर बसा यह हिल स्टेशन देश-विदेश के सैलानियों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र बना हुआ है।

 खास करके नवविवाहित जोडे यहां पर अपने हनीमून के लिए आते हैं। अब तो विदेशी भी इस स्‍थान को हनीमून के लिए उपयुक्‍त मानने लगे हैं। यहां के नजारों की कल्‍पना आपने सपने में भी नहीं की होगी।

 दूर दिखती खूबसूरत घाटी, बर्फ से ढंके पहाड़, सर्प के आकार की बड़ी-बड़ी पहाड़ी नदियां और कांच की तरह साफ पानी बहा ले जाती छोटी-छोटी नहरें, दूर-दूर तक फैले हरे-भरे मैदान और चारागाह, ऊंचे नीचे पहाड़ी टीले और उनमें से झांकता हुआ इंद्रधनुषी रंग ऐसे प्रतीत होते हैं जैसे आप किसी पोस्‍टर को बिना पलक झपकाए निहार रहे हों।

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
कैसे पडा रानीखेत का नाम-

प्राचीन कहानियों के मुताबिक स्थानीय शासक राजा सुखरदेव की रानी पद्मिनी यहां की अद्भुत सुदंरता को देख यहीं रुक गईं जिसके बाद इस जगह को रानीखेत नाम दिया गया।

 रानी ने यहां रुककर एक महल भी बनवाया जो अब रानीखेत क्लब के नाम से जाना जाता है। पहले ये जगह कुमायनी शासकों के अधीन थी जो बाद में अंग्रेजों ने उनसे छीन ली।

1869 में अंग्रेजी सल्तनत ने इस जगह को पयर्टन स्थल के रूप में विकसित किया। प्रधानमंत्री नेहरू जब यहां आए तो उन्होंने कहा - मैं चाहूंगा ज्यादा से ज्यादा लोग इस जगह को आकर देखें, यहां वे फूलों की महक और वृक्षों की ताजगी महसूस करें, खुली हवा में सांस लें और प्रकृति को करीब से देखें।

 हिल स्टेशन को लेकर आम धारणा होती है कि यहां केवल गर्मी के मौसम में आया जाता है, लेकिन रानीखेत की खूबसूरती साल के बारह महीने लोगों को अपनी ओर खींचती रहती है।


http://www.merapahad.com/forum/tourism-places-of-uttarakhand/mythological-and-historical-based-incidents/45/

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
प्राचीन समय के लोग हिमालय और उसके आसपास फैले मैदानी भागों को देवभूमि कहते थे। यहां के खूबसूरत फूल, पहाड़ों से सटे मैदानों पर मार्च से अप्रैल में खास छटा बिखेरते हैं। वहीं जून और जुलाई में जंगली पौधे पहाड़ी को घनी हरी झाड़ियों और गुलाबी और बैंगनी फूलों की चादर से ढंक देते हैं।

फूलों के ये पौधे एक दूसरे से इस कदर लिपटे रहते हैं कि ये पता लगाना भी मुश्किल हो जाता है कि कौन-सा फूल किस पौधे का है। रंग-बिरंगे और मन को आल्हादित करनेवाली महक लिए इन फूलों की सुंदरता अद्भुत होती है।

उत्तरांचल राज्य में नैनीताल से तकरीबन 59.5 किमी की दूरी पर स्थित हिमालय की ढलान पर बसा यह हिल स्टेशन देश-विदेश के तमाम सैलानियों के लिए अद्वितीय अनुभव और सुकूनभरा स्थान है।



यहां स्थित सुंदर घाटी, बर्फ से ढंके पहाड़, सर्प के आकार की बड़ी-बड़ी पहाड़ी नदियां और कांच की तरह साफ पानी बहा ले जाती छोटी-छोटी नहरें, दूर-दूर तक फैले हरे-भरे मैदान और चारागाह, ऊंचे नीचे पहाड़ी टीले और उनमें से झांकता हुआ इंद्रधनुष हर एक को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते है यहां के पाइन के वृक्ष।

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
रानी को भाया रानीखेत

बर्फ से ढंकी पहाड़ी चोटियां जब सूर्य की किरणों से चमकती हैं तो लगता है स्वर्ग धरती पर उतरने को लालायित हो। स्थानीय शासक राजा सुखरदेव की रानी पद्मिनी रानी यहां की अद्भुत सुदंरता को देखयहीं रुक गईं जिसके बाद इस जगह को रानीखेत नाम दिया गया।

 रानी ने यहां रुककर एक महल का बनवाया जो अब रानीखेत क्लब के नाम से जाना जाता है। पहले ये जगह कुमायनी शासकों के अधीन थी जो बाद में अंग्रेजों ने उनसे छीन ली।



1869 में अंग्रेजी सल्तनत ने इस जगह को पयर्टन स्थल के रूप में विकसित किया। प्रधानमंत्री नेहरू जब यहां आए तो उन्होंने कहा - मैं चाहूंगा ज्यादा से ज्यादा लोग इस जगह को आकर देखें, यहां वे फूलों की महक और वृक्षों की ताजगी महसूस कर सकेंगे, खुली हवा में सांस ले सकेंगे, जो उनके शरीर, दिल और दिमाग को एक नए जोश से भर देगा।

हिल स्टेशन को लेकर आम धारणा होती है कि यहां केवल गर्मी के मौसम में आया जाता है, लेकिन रानीखेत की खूबसूरती साल के बारह महीने अपने चरम पर रहती है।

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
    रानीखेत वह स्थान है, जहां से सर्वगिक हिमालय, हरे-भरे वन, शानदार पर्वत, नज़ाकत लिए पौधे और शानदार वन्य प्राणी  सबसे अच्छी तरह देखे जा सकते हैं।

    प्रकृति और इसके तत्वों को पूरे शबाब में देखने के लिए, रानीखेत आदर्श स्थान है। ऐसा कहा जाता है कि इस स्थान ने राजा सुधारदेव की रानी पद्मिनी का मन मोह लिया था। रानी ने इस स्थान को अपना निवास बना लिया, तभी से इसे रानीखेत, अर्थात् "क्वीन्स फील्ड" कहा जाने लगा।



    समुद्र तल से 1829 मी. की ऊंचाई पर स्थित यह हिल रिज़ार्ट निसंदेह पर्यटकों का स्वर्ग है। पहाड़ों से आती सुगंधित हवा, ताज़ा और शुद्ध होती है, चिड़ियों की चहचहाट, हिमालय की सुदंर दृश्यावली - देखने वाले को अवाक कर देती हैं।

    वर्षा के दिनों में, इंद्रधनुषी रंगों के फूल चारों ओर खिल जाते हैं, पेड़ों की टहनियां फूलों से लद जाती हैं और बादलों से आंख-मिचौनी करती धूप पूरे रानीखेत में शानदार प्रभाव छोड़ती है।

    जैसे ही सर्दी आती है, मुलायम रूप में गिरती बर्फ पूरे वातावरण को बर्फ की सफेद चादर में लपेट लेती है। प्रत्येक मौसम की अपनी अलग पहचान है। और कुल मिलाकर यह सब रानीखेत को हरेक-मौसम का गंतव्य स्थल बना देता है।

    कैंटोनमेंट (यह स्थान ब्रिटिश सैनिकों के लिए एक हिल स्टेशन के रूप में चुना गया था और तदनुसार 1869 में यहां कैंटोनमेंट की स्थापना हुई थी) होने के कारण, कुमाऊं रेजमेंटल सेंटर, म्यूजियम और मेमोरियल रानीखेत की शान हैं।

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
यदि आप प्रकृति के सभी अद्भुत नजारों का एक ही स्थान पर आनंद उठाना चाहते हैं तो गर्मी की छुट्टियां बिताने के लिए रानीखेत सबसे बेहतर विकल्प है।



 यहां दूर-दूर तक रजत मंडित सदृश हिमाच्छादित गगनचुंबी पर्वत, सुंदर घाटियां, चीड़ और देवदार के ऊंचे-ऊंचे पेड़, घना जंगल, फलों लताओं से ढके संकरे रास्ते, टेढ़ी-मेढ़ी जलधारा, सुंदर वास्तु कला वाले प्राचीन मंदिर, ऊंची उड़ान भर रहे तरह-तरह के पक्षी.....और शहरी कोलाहल तथा प्रदूषण से दूर ग्रामीण परिवेश का अद्भुत सौंदर्य आकर्षण का केन्द्र है।

मनोरम पर्वतीय स्थल रानीखेत समुद्र-तल से 1830 मीटर की ऊंचाई पर लगभग 25 वर्ग किलोमीटर में फैला है। कुमाऊं क्षेत्र में पड़ने वाले इस स्थान से लगभग 400 किलोमीटर लंबी हिमाच्छादित पर्वत-श्रृंखला का यादातर भाग दिखता हैं। इन पर्वतों की चोटियां सुबह-दोपहर-शाम अलग-अलग रंग की मालूम पड़ती हैं।

इस पूरे क्षेत्र की मोहक सुंदरता का अनुमान कभी नीदरलैण्ड के राजदूत रहे वान पैलेन्ट के इस कथन से लगाया जा सकता है।'' जिसने रानीखेत को नहीं देखा, उसने भारत को नहीं देखा।'' कहा जाता है कि सैकड़ों वर्ष पहले कोई रानी अपनी यात्रा पर निकली हुई थीं। इस क्षेत्र से गुजरते समय वह यहां के प्राकृतिक सौंदर्य से मोहित होकर रात्रि-विश्राम के लिए रुकीं। बाद में उन्हें यह स्थान इतना अच्छा लगा कि उन्होंने यहीं पर अपना स्थायी निवास बना लिया।


चूंकि तब इस स्थान पर छोटे-छोटे खेत थे, इसलिए इस स्थान का नाम 'रानीखेत' पड़ गया। अंग्रेजों के शासनकाल में सैनिकों की छावनी के लिए इस क्षेत्र का विकास किया गया। क्योंकि रानीखेत कुमाऊं रेजिमेन्ट का मुख्यालय है, इसलिए यह पूरा क्षेत्र काफी साफ-सुथरा रहता हैं। यहां का बाजार तो अद्भुत है। पहाड़ के उतार (यानी खड़ी चढ़ाई) पर बना हुआ। इसलिए इसे 'खड़ा बाजार' कहा जाता हैं।

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22