सल्ट क्रांति की एक बिखरी याद जगदीश उपाध्याय ५ सितम्बर हर साल आता है और चला जाता है, किंतु अल्मोडा जिले की सल्ट्वासिओं को वह याद दिलाता है १ ऐसी याद जो युगांत तक भूली नही जा सकती ५ सितम्बर ही तो सल्ट के इतिहास मैं ऐसा दिन है, जब की भारत माँ को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराने को अद्दत सल्ट क्षेत्र की गाँव खुमाड मैं स्वतंत्रता की बलिवेदी पर मानव मुंड लोट रहे थे| और रक्त से नहा रही थी धरती|
Quote from: Anubhav / अनुभव उपाध्याय on July 06, 2008, 10:37:39 AMसल्ट क्रांति की एक बिखरी याद जगदीश उपाध्याय ५ सितम्बर हर साल आता है और चला जाता है, किंतु अल्मोडा जिले की सल्ट्वासिओं को वह याद दिलाता है १ ऐसी याद जो युगांत तक भूली नही जा सकती ५ सितम्बर ही तो सल्ट के इतिहास मैं ऐसा दिन है, जब की भारत माँ को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराने को अद्दत सल्ट क्षेत्र की गाँव खुमाड मैं स्वतंत्रता की बलिवेदी पर मानव मुंड लोट रहे थे| और रक्त से नहा रही थी धरती|Nice info Anubhav ji,