Source : Dainik Jagran
रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड में पर्यटन विकास के तमाम दावों के बावजूद धरातल पर काम होता नहीं दिख रहा है। यह अलग बात है कि सूबे में ऐसी कई जगहें मौजूद हैं, जो विकास होने पर पर्यटन व्यवसाय को खासा लाभ पहुंचा सकती हैं, लेकिन सरकारी बेरुखी के चलते इनमें से अधिकांश स्थान आज भी पर्यटकों की नजरों से अछूते ही हैं। कुछ ऐसा ही हाल है रुद्रप्रयाग जिले में मौजूद बुग्यालों यानी घास के मैदानों का। यहां अधिकतर बुग्याल जहां अपनी खूबसूरती व मखमली घास के मैदानों के लिए जाने जाते हैं, वहीं सर्दियों में बर्फ से ढक जाने पर इनमें स्कीइंग जैसे साहसिक पर्यटन के जरिए देशी- विदेशी पर्यटकों को बड़ी संख्या में आकर्षित करने की संभावनाएं भी मौजूद हैं। इसके बावजूद अब तक न तो इन बुग्यालों को विकसित करने की दिशा में प्रयास किए गए हैं, ना ही यहां पर्यटक सुविधाएं मुहैया कराई जा सकी हैं।
रुद्रप्रयाग जिले में चोपता के साथ ही तुंगनाथ, माटिया बुग्याल, पवालीकांठा बुग्याल लगभग ग्यारह हजार फीट ऊंचाई पर स्थित हैं। कई किमी लंबी ढलानों वाले इन बुग्यालों में सर्दियों के मौसम में महीनों बर्फ जमी रहती है। इसके चलते इन बुग्यालों में स्कीइंग की पर्याप्त संभावनाएं मौजूद हैं। इसके बावजूद इसे बढ़ावा देने के लिए कोई प्रयास आज तक सरकार की ओर से नहीं किए गए। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पवालीकांठा आज भी मोटर मार्ग से करीब चौबीस किमी पैदल दूरी पर स्थित है, आज तक यहां के लिए मोटर मार्ग बनाने के कोई प्रस्ताव तक नहीं भेजा गया है। वहीं, माटिया बुग्याल भी सड़क से कई किमी दूर आज भी पर्यटकों के लिए अनजान है। यहां यह उल्लेखनीय है कि स्कीइंग विश्व भर में साहसिक पर्यटन व खेल की दृष्टि से खासी लोकप्रियता रखता है। ऐसे में यदि इन बुग्यालों में स्कीइंग को बढ़ावा दिया जाए, तो विदेशी पर्यटक बड़ी संख्या में यहां आकर्षित हो सकते हैं। इससे न सिर्फ स्थानीय स्तर पर रोजगार के साधन बढे़ंगे, बल्कि सरकार व पर्यटन विभाग को भी बेहतर राजस्व की प्राप्ति हो सकेगी। इस बाबत, जिला साहसिक खेल अधिकारी सीमा नौटियाल का कहना है कि पर्यटन विभाग इस खेल को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए शासन स्तर पर योजना भेजने की दिशा में भी काम चल रहा है। भारतीय शीतकालीन क्रीड़ा संघ के अध्यक्ष एसएस पांगती भी जिले में स्कींइग के लिए काफी उपयुक्त मानते हैं। उनका कहना है कि जिले के चोपता में आसानी से स्कीइंग शुरू की जा सकती है। यहां पर मोटरमार्ग के साथ ही पर्यटकों के लिए रहने की व्यवस्था उपयुक्त है। वहीं जिले का माटया बुग्याल स्कींइग के लिए सबसे उपयुक्त स्थान है, यहां पर चारों ओर ढलान मौजूद है, जो स्कीइंग के लिए सबसे बेहतर माना जाता है। इसके लिए साथ ही तीन किमी लम्बा व डेढ़ किमी की ढलान मौजूद है। श्री पांगती का कहना है कि इन दोनों बुग्याल में ऊंचाई अधिक होने से बर्फ भी अधिक समय तक टिकी रहती है। पवालीकांठा से पटांगडिया तक चालीस किमी लम्बे रास्ते में भी कई ढलान युक्त पहाड़ियां मौजूद हैं, जो कि स्कींइग के लिए विकसित की जा सकती हैं।