Author Topic: Tourism Related News - पर्यटन से संबंधित समाचार  (Read 67900 times)

Devbhoomi,Uttarakhand

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केदारनाथ यात्रा बाधित
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पहाड़ से मलबा आने के कारण गौरीकुंड से केदारनाथ जाने वाला पैदल मार्ग बंद हो गया। इससे यात्रा ठप हो गई और तकरीबन दो हजार श्रद्धालु फंस गए। फंसे यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के अनुसार मार्ग खोलने के प्रयास जारी है, हालांकि बारिश से कार्य में दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने संभावना जताई की कल तक आवागमन सुचारु हो जाएगा। दूसरी ओर तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश से शुक्रवार को कुछ सुकून रहा। चार धाम यात्रा मार्गो पर जगह-जगह फंसे यात्री गुरुवार शाम से ही अपने-अपने गंतव्य की ओर रवाना होना शुरू हुए। हालांकि स्थिति अभी भी सामान्य नहीं है, रुक-रुक कर भूस्खलन जारी है।

लगातार बारिश से शुक्रवार दोपहर केदारनाथ पैदल मार्ग पर गौरीकुण्ड से लगभग तीन किमी आगे मोरपानी में पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा रास्ते पर आ गया। इससे मार्ग पूरी तरह बंद हो गया। लोक निर्माण विभाग ऊखीमठ मलबे की सफाई में जुट गया है। लोनिवि के सहायक अभियंता हीरा सिंह नेगी का कहना है कि पैदल मार्ग को शीघ्र खोलने का प्रयास किया जा रहा है।

उधर, गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू व देवीधार के बीच नालूपाणी क्षेत्र में रात को मलबा हटाने के बाद यातायात बहाल कर दिया गया। बीआरओ ने फिलहाल यहां मलबा हटाने के लिए मशीनें तैनात कर दी हैं। हालांकि देर रात सोनगाड के पास सड़क पर मलबा आ गया। सीमा सड़क संगठन के जवानों तत्काल मलबा हटाने में जुट गए और सुबह दस बजे तक मार्ग खोल दिया गया।

फाटा प्रतिनिधि के अनुसार सीमा सड़क संगठन द्वारा गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर फाटा से सोनप्रयाग के बीच सड़क चौड़ीकरण का कार्य किया जा रहा है। ऐसे में हल्की बारिश होते ही पहाडि़यों से बोल्डर सड़क पर आ रहे हैं। शुक्रवार सुबह कई जगहों पर हाइवे पर बोल्डर आ जाने से लगभग दो घंटे तक वाहनों की आवाजाही ठप पड़ी रही।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_7951451.html

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गंगोत्री मार्ग पर भूस्खलन जारी, दूसरे दिन भी यातायात ठप

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 गंगोत्री और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन का सिलसिला आज भी नहीं थमा। हालांकि सीमा सड़क संगठन के जवानों ने सोमवार सुबह यमुनोत्री मार्ग से मलबा साफ कर यातायात सुचारु कर दिया, लेकिन गंगोत्री मार्ग पर आवागमन शुरू नहीं हो सका। यहां स्वारीगाड, थेरांग व गंगनानी के समीप पहाड़ी से मलबा गिरने का क्रम जारी है। प्रशासन ने एहतियातन करीब ढाई सौ वाहनों को भटवाड़ी में ही रोक रखा है। दूसरी ओर बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर कर्णप्रयाग के समीप भारी भूस्खलन के चलते 6 घंटे तक यातायात ठप रहा। सायं साढ़े चार बजे के बाद ही लोग अपने गंतव्य की ओर रवाना हुए। इस बीच प्रशासन ने वाहनों को गौचर और रुद्रप्रयाग में ही रोके रखा। इससे करीब दो हजार वाहन जाम में फंस गए। उधर, पौड़ी के पोखड़ा ब्लाक में सड़क से मलबा हटाने के दौरान एक जेसीबी पलट गई। हादसे में चालक और हेल्पर की मौके पर ही मौत हो गई।

गंगोत्री राजमार्ग पर भटवाड़ी व गंगनानी के बीच लगातार भूस्खलन हो रहा है। इस क्षेत्र में राजमार्ग रविवार की सुबह से ही बंद है। ऐसे में गंगोत्री की ओर करीब सौ वाहन फंसे हुए हैं। सोमवार को भी गंगोत्री से लौट रहे कांवड़ियों का आवागमन थमा रहा। बीआरओ ने भूस्खलन क्षेत्र में भटवाड़ी स्थित यूनिट के सभी जवानों और मशीनों को झोंक दिया है। हालांकि बार-बार मलबा आने से कार्य में बाधा आ रही है। कर्णप्रयाग से मिली जानकारी के अनुसार बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर आज प्रात: 9 बजे लाटूगैर के समीप भारी भूस्खलन के साथ ही चट्टान टूटने से यातायात ठप हो गया। इससे यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ा। पांडुकेश्वर के समीप भी मलबा आने से ढाई घंटे तक आवागमन नहीं हो पाया।
सतपुली: सतपुली से करीब 89 किमी दूर वेदीखाल-सेंधार मार्ग पर मलबा हटाते वक्त जेसीबी पलट गई, जिससे चालक नवीन कुमार (40) निवासी भिक्यासैंण, अल्मोड़ा और हेल्पर वीरेंद्र सिंह ग्राम सिनेथ बगड़ी, ब्लॉक पोखड़ा की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि प्रमोद निवासी भिक्यासैंण,अल्मोड़ा घायल हो गया

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_7998029.html

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छह दिन बाद खुला चारधाम मार्ग




  देहरादून। उत्तराखंड में गत एक पखवाड़े से जारी भारी वर्षा से हुए भूस्खलन तथा पत्थर गिरने की वजह से सड़क पर आए मलबे को साफ कर लेने के बाद गढ़वाल मंडल स्थित चारधाम यात्रा मार्ग को वाहनों के लिए मंगलवार को खोल दिया गया।



 राज्य में पिछले दो दिन से खिली धूप से राज्य में चार धाम की यात्रा पर आए तीर्थयात्रियों को सुकून मिला है।  आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि चारों धाम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ तथा बद्रीनाथ के विभिन्न मार्गों पर जगह-जगह आए मलबे को देर रात तक साफ कर लिया गया तथा मार्गो को बड़े और छोटे वाहनों के लिए मंगलवार को खोल दिया गया। पिछले कुछ दिनों से परेशानी का सामना कर रहे हजारों यात्रियों को इससे सुकून मिला है।





 दूसरी ओर राज्य में वर्षा के चलते रेड अलर्ट घोषित कर आपदा राहत से संबधित कर्मचारियों को अवकाश लेने से मना किया जा चुका है। छुट्टी पर गए कर्मचारियों को वापस बुला लिया गया है।
http://in.jagran.yahoo.com/news/national/general/Chardham-Yatra-Uttarakhand-begin-Today_5_1_8001389.html

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गोमुख जाने पर तीस जुलाई तक रोक
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उत्तरकाशी: लगातार हो रही बारिश से गोमुख यात्रा मार्ग पर सभी नदी नाले उफान पर हैं। इसके चलते गंगोत्री नेशनल पार्क के इस क्षेत्र में आवाजाही तीस जुलाई तक रोक लगा दी गई है।


गोमुख यात्रा मार्ग पर भुजगढ़ी नाला काफी उफान पर है। वनकर्मियों की ओर से नाले पर वैकल्पिक मार्ग बनाने की सभी कोशिशें नाकाम हो रही हैं। बीती 25 जुलाई को इस जगह पर लगी स्थायी पुलिया जल प्रवाह की भेंट चढ़ गई थी। इसके बाद गोमुख की ओर फंसे लोगों को किसी तरह पानी कम होने पर निकाला गया था।


 तब से गोमुख की ओर जाने पर रोक लगा दी गई थी। इसके अलावा देवगाड व चीड़वासा नाले भी उफान पर हैं। वहीं, भुजगढ़ी में वनकर्मी तैनात कर दिये गए हैं। साथ ही गोमुख आवागमन पर तीस जुलाई तक रोक लगा दी गई है।



इस संबंध में डीएफओ आईपी सिंह ने बताया कि प्रतिकूल मौसम को देखते हुए फिलहाल गोमुख जाने पर रोक लगाई गई है। वनकर्मी भुजगढ़ी में मौजूद हैं और पानी कम होते ही पुलिया तैयार करने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
   
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_8083006.html

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भारी भूस्खलन,केदारनाथ यात्रा रोकी
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मौसम का मिजाज चारधाम यात्रियों पर भारी पड़ रहा है। शुक्रवार पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण केदारनाथ पैदल मार्ग बंद हो गया है। इससे वहां तकरीबन छह सौ यात्री फंस गए हैं। सुरक्षा के मद्देनजर फिलहाल यात्रा रोक दी गई है। इस दौरान एक यात्री की भूस्खलन की चपेट में आने से मौत हो गई, जबकि एक जख्मी हो गया। भूस्खलन इतना जबरदस्त है कि आपदा प्रबंधन की टीम शव तक नहीं निकाल पाई है। हालात को देखते हुए प्रशासन यात्रियों को रामबाड़ा और गौरीकुंड में ही रोक रहा है। इधर, नालूपाणी के पास चट्टान दरकने से गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। इसके अलावा नारायणबगड़ के पास पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण लोनिवि के एक मजदूर की भी मृत्यु हो गई है। उधर मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों तक मौसम के मिजाज में कोई परिवर्तन नहीं आने वाला।

शुक्रवार को गौरीकुण्ड से लगभग तीन किमी दूर जंगलचट्टी में सुबह मलबा आने से केदारनाथ पैदल मार्ग अवरुद्ध हो गया था, लेकिन लोनिवि के मजदूरों ने मलबा साफ कर दिया। इसके बाद आवाजाही फिर शुरू हो गई। इस बीच दोपहर लगभग साढे बारह बजे पहाड़ी से जबरदस्त भूस्खलन शुरू हो गया और दो यात्री बरसते पत्थरों की चपेट में आ गए। इनमें से एक को बचा लिया गया, जबकि दूसरा खाई में जा गिरा। भूस्खलन इतना भयावह था कि कोई भी वहां जाने की हिम्मत नहीं जुटा सका। लगभग तीन घंटे बाद आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन खाई से शव नहीं निकाला जा सका था। लगातार हो रही बारिश के कारण राहत कार्यो में दिक्कत आ रही है। घायल यात्री को गौरीकुण्ड चिकित्सालय में पहुंचाया गया है। दूसरी ओर आपदा प्रबंधन टीम मार्ग पर फंसे छह सौ से अधिक यात्रियों का निकालने का प्रयास कर रही है।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_8093212.html

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जलक्रीड़ा केंद्र से जुड़ेगा एक नया अध्याय





  नई टिहरी, जागरण संवाददाता: टिहरी बाध की विशालकाय झील में वाटर स्पो‌र्ट्स की कड़ी में 10 अगस्त से नया अध्याय जुड़ने वाला है। इस दिन कोटी कालोनी में जलक्रीड़ा केंद्र का शुभारभ होगा।
सोमवार को जिलाधिकारी व पुनर्वास निदेशक राधिका झा ने एक भेंट में बताया कि टीएचडीसी के जेपी गेस्ट हाउस में अस्थाई रूप से कोटी में जल क्रीड़ा केंद्र का शुभारभ किया जा रहा है। जल क्रीड़ा का स्थाई केंद्र बालसी गाव में 300 नाली भूमि पर बनेगा

। जब तक यहा पर निर्माण कार्य होते है अस्थाई रूप से यह जेपी गेस्ट हाउस से संचालित होगा। उन्होंने बताया कि इस केंद्र में जिला पर्यटन अधिकारी व संबंधित विभाग के अधिकारी उपलब्ध रहेगे।

विदित हो कि टिहरी बाध की झील भारत के उन 12 चुनिंदा स्थानों में शामिल है जो मेगा-मेगा प्रोजेक्ट के लिए चयनित है। इसी परियोजना के तहत पर्यटन के लिए पाच करोड़ भी अवमुक्त हो चुके है, जिससे इस केंद्र का विकास किया जायेगा।


उन्होंने बताया कि यह पर्यटन के दृष्टि से ऐतिहासिक शुरूआत है। डीएम ने बताया कि बाध की झील में शुरूआती तौर पर वोट तथा फ्लोटिग जेटी संचालित की जायेंगी। वोट एवं नौकायन के लिए जिला पंचायत ही लाईसेंस देगा। उन्होंने बताया कि गत दिनों देहरादून में हुई बैठक में उनकी पहल पर भागीरथी विकास प्राधिकरण का मुख्य कार्यालय भी देहरादून से नई टिहरी स्थापित करने के लिए सैद्धातिक स्वीकृति हो चुकी है।

 प्राधिकरण के लिए जिला पंचायत टिहरी में चार कमरे आवंटित कर दिए है। इस कार्यालय के यहा शिफ्ट होने पर स्थानीय लोगों को सुविधायें मिल सकेंगी। उन्होंने बताया कि झील में मत्स्य पालन तथा नौकायन के लिए जिला पंचायत अधिकारिक लाईसेंस देगा। उन्होंने बताया कि यह जल क्रीड़ा केंद्र जब पूरी तरह से अस्तित्व में आयेगा तो यहा पर नौकायन के अतिरिक्त कयाकिंग, कैनोईग, स्पा, हाउस बोट आदि का संचालन होगा। उन्होंने बताया कि यह स्वरोजगार की दिशा में नया प्रयास


Source-Dainik Jagran

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गंगोत्री मार्ग बाधित, तीन धाम यात्रा हुई सुचारु

चार धाम यात्रा मार्गो में गंगोत्री राजमार्ग बुधवार को भी नहीं खोला जा सका। उधर, विभिन्न स्थानों पर अवरुद्ध यात्रा मार्गो के खुलने से यमुनोत्री, बदरी-केदारनाथ यात्रा सुचारु हो गई है।

 उत्तरकाशी के सैंज गांव के निकट ध्वस्त हुआ गंगोत्री राजमार्ग लगातार चौथे दिन भी बंद रहा। सैंज के निकट सड़क का चट्टानी हिस्सा टूटने से चट्टान को खोदना बीआरओ के लिये चुनौती बना हुआ है। बीआरओ यहां दो दर्जन से अधिक ब्लास्ट कर चुका है, लेकिन सड़क खुलने लायक स्थिति अब भी नहीं बन सकी है। यह मार्ग बंद होने से गंगोत्री की तरफ करीब पांच सौ यात्री फंसे हुए हैं।


 बीआरओ के कमांडर उमाकांत पांडे ने बताया कि अगर मौसम ने साथ दिया तो गुरुवार को मार्ग तीर्थयात्रियों के आवागमन के लिए सुचारु कर दिया जाएगा। दूसरी ओर, यमुनोत्री राजमार्ग पर कुथनौर में पुल की दीवार ढह जाने से बुधवार को भी यातायात बाधित रहा। इस स्थिति के कारण जानकीचट्टी, रानाचट्टी व हनुमानचट्टी में दिन भर करीब साढे़ पांच सौ यात्री बीते दो दिनों से फंसे रहे। देर शाम को इस मार्ग को छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया।



 चमोली में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बुधवार को सुचारु कर दिया गया। कर्णप्रयाग-ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग पर मलबा आने के कारण  सिरोसैंण गंगानगर के पास सुबह 5 बजे से 10 बजे तक बंद रहा। श्रीनगर-रुद्रप्रयाग के बीच सिरोबगड़ के पास मंगलवार से बंद हुए राजमार्ग को बुधवार की पूर्वाह्न करीब 11 बजे यातायात के लिए खोल दिया गया।
http://in.jagran.yahoo.com

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                    बारिश का कहर, गंगोत्री और यमुनोत्री में छाया सन्नाटा


  उत्तरकाशी: मौसम के तल्ख तेवरों ने इन दिनों गंगोत्री व यमुनोत्री धाम यात्रा को प्रभावित कर दिया है। गंगोत्री राजमार्ग छह दिनों से बंद होने के कारण गंगोत्री धाम में पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ है, जबकि यमुनोत्री धाम में बहुत कम तादाद में यात्री पहुंच रहे हैं।
अगस्त माह चारधाम यात्रा के लिहाज से बेहद खराब साबित हो रहा है। खास तौर पर गंगोत्री धाम की यात्रा एकदम बंद हो चली है। उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से बीस किमी दूर सैंज गांव के निकट सड़क टूटने से छह दिनों से वाहनों का आवागमन नहीं हो पा रहा है। जिसके चलते गंगोत्री धाम में एकदम सन्नाटा पसर गया है।


धाम में मौजूद व्यवसायी व तीर्थ पुरोहित इन दिनों हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। यही स्थिति यमुनोत्री धाम में भी बनी हुई है। कुथनौर व छटांगा में लगातार सड़क बाधित होने के कारण यमुनोत्री धाम में बहुत कम यात्री पहुंच रहे हैं। यात्रा मार्ग पर फंसने की आशंका को देखते हुए यात्रियों का आवागमन भी कम हो गया है।


Source Dainik jagran

   

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पहाड़ों में वाहन चलाने के लिए सड़क संघठन से नियमों का पालन करें और प्रकिरती का आनद लें


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हेमकुंड साहिब हेलीकॉप्टर सेवा का किया विरोध
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हेमकुंड साहिब के लिए शुरू की गई हवाई सेवा विवादों के घेरे में आ गई है। स्थानीय लोगों ने इस सेवा को पर्यावरणीय दृष्टि से घातक बताकर तत्काल हेलीकॉप्टर सेवा को बंद कराए जाने की मांग की। कहा गया कि 27 सितंबर को गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब में बाजार बंद का निर्णय लिया है। लोगों का आरोप है कि हेलीकॉप्टर सेवा नियमों के विपरीत आरक्षित वन क्षेत्र में संचालित की जा रही है।

इस सबंध में व्यापार संघ के अध्यक्ष किशोर पंवार की अध्यक्षता में बैठक में आयोजित की गई, जिसमें घोड़ा यूनियन, डंडी यूनियन, ईडीसी, ग्राम सभा, व्यापार संघ सहित हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग से जुड़े लोगों ने शिरकत की। इसमें जनप्रतिनिधियों ने कहा कि पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील भ्यूंडार, हेमकुंड घाटी में सड़क सहित अन्य विकास कार्यो के लिए तो स्वीकृति नहीं मिल रही है, लेकिन हेलीकॉप्टर सेवा इस संरक्षित क्षेत्र में लगातार उड़ानें भरकर घाटी क्षेत्र में नियमों के विपरीत संचालित हो रही है, उससे यहां रहने वाले वन्य जीव खतरे में हैं। यहां बढ़ते प्रदूषण से विश्व धरोहर फूलों की घाटी व नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क में रहने वाले जीव-जतुओं के जीवन पर संकट के बादल मंडरा रहा है। ध्वनि प्रदूषण के चलते इस घाटी में लोगों का जीना मुहाल हो गया है। बैठक में निर्णय लिया गया कि अगर तत्काल हेलीकॉप्टर सेवा बंद नहीं की गई तो 27 सितंबर को व्यापारी सहित क्षेत्र के लोग अपने प्रतिष्ठान बंद कर विरोध प्रदर्शन करेंगे। बैठक में ईडीसी के अध्यक्ष सतीश भट्ट, पांडुकेश्वर के प्रधान बख्तावर सिंह पांगती, घोड़ा यूनियन के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह, सतीश डिमरी सहित कई जनप्रतिनिधियों ने विचार व्यक्त किये।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_8265833.html

 

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