Author Topic: Tourism Related News - पर्यटन से संबंधित समाचार  (Read 62858 times)

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
आज बंद होंगे हेमकुंड साहिब के कपाट


जोशीमठ। हेमकुंड साहिब-लोकपाल के कपाट बुधवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब के कपाट पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बुधवार पांच अक्तूबर को शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे।

पांच अक्तूबर को इस वर्ष की अंतिम अरदास सुबह 11 बजे से 12 बजे के बीच होगी। इस वर्ष जून माह से सितबंर माह के चार महीनों के यात्रा सीजन में कुल 07 लाख 48 हजार 386 श्रद्धालुओं ने हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेका और पवित्र सरोवर में स्नान किया।

कपाट बंद होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने दिल्ली के सरदार जनक सिंह का जत्था घांघरिया पहुंच चुका है, हेमकुंड साहिब के मुख्य ग्रंथी बाबा जस्सा सिंह इस वर्ष की अतिंम अरदास के दौरान श्रद्धालुओं को प्रवचन सुनाएंगे।


हेमकुंड साहिब-लोकपाल तीर्थ के कपाट के साथ ही बुधबार को लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इस पंरपरा के निर्वहन के लिए भ्यूँडार, पुलना, गोविंदघाट, पांडुके श्वर, पिनौला, लामबगड़ आदि के ग्रामीण भी घांघरियां और लक्ष्मण मंदिर पंहुच गए हैं।

Amarujala

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
केदारनाथ के लिए तीन कंपनियों की उड़ान पर रोक
=========================

केदारनाथ के लिए हवाई सेवाएं उपलब्ध करा रही तीन कंपनियों पर रोक लगा दी गई है। अब मात्र तीन ही कंपनियां केदारनाथ में हवाई सेवाएं संचालित करेंगी। प्रमुख सचिव नागरिक उड्डयन पीसी शर्मा ने निर्णय की पुष्टि करते हुए बताया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय के आदेश पर यह कदम उठाया गया है। इन कंपनियों पर नियम विरुद्ध उड़ान भरने का आरोप है।

केदारनाथ के लिए छह कंपनियां हवाई सेवाएं दे रही हैं। इनमें ट्रंास भारत, आरियन, सुमित हेरिटेज, पवन हंस, प्रभातम और हिमालयन हेली शामिल हैं। बताया जा रहा है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ट्रंास भारत, आरियन और सुमित हेरिटेज पर रोक लगाने के आदेश दिए। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय की जांच में सामने आया कि ये कंपनियां निर्धारित समय से ज्यादा उड़ान भरती रही हैं। इसके बाद नागरिक उडडयन मंत्रालय ने इन कंपनियों के सेवाओं पर रोक लगा दी है। वर्तमान में केदारनाथ के लिए पवन हंस, प्रभातम और हिमालयन हेली ही सेवाएं संचालित कर पाएंगी।

केदारनाथ के कपाट आगामी 28 नवंबर को बंद होने है, ऐसे में दर्शनों के लिए हवाई सेवा का इस्तेमाल करने वालों को कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_8330662.html

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
पिंडारी-मुनस्यारी के बीच नया टै्रकिंग रूट खोज निकाला
============================

बागेश्वर: आठ दिवसीय सर्च ट्रैक अभियान दल ने पिंडारी ग्लेशियर-मुनस्यारी के बीच नया रास्ता खोजा है। इस रूट को पर्यटक पिंडारी से मुनस्यारी जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग के रूप में प्रयोग कर सकते हैं।

पर्यटन विकास परिषद व नंदाकोट पर्यटन विकास सहकारी समिति बहुली द्वारा आयोजित आठ दिवसीय सर्च ट्रैक अभियान दल ने बागेश्वर पहुंचकर यह जानकारी दी। इस नये मार्ग की विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है। अभियान में दल के सदस्य शामा, लीती होते हुए गोगिना, नामिक, गैलगाड़ी, धारपानी, बैछम, खलियाटाप, खुलियाथल तक पहुंचे। यहां से मुनस्यारी की दूरी 8 किमी है जो मोटर मार्ग से तय की जा सकती है।

 इस मार्ग में 6 कैंप स्थल बनाये गये हैं। बताया कि यात्रा मार्ग में बारह महीने पर्याप्त पानी उपलब्ध है। नये मार्ग से पंचाचूली, राजरंभा, नंदादेवी, मैकतोली, नंदाखाट, बल्जूरी, नंदाकोट, पन्वालीद्वार आदि पर्वत श्रंखलाओं के नजदीक से दर्शन किये जा सकते हैं। अभियान दल का नेतृत्व विनोद कालाकोटी ने किया।

 दल में रवींद्र सिंह, राजकुमार मेहता, जीवन परिहार, जगदीश बड़ती, जगदीश रावल, दीपक जोशी शामिल थे। दल के बागेश्वर पहुंचने पर स्वागत किया गया। इस मौके पर साहसिक खेल अधिकारी राजेंद्र सिंह ऐरी, संजय परिहार, जीएस बाफिला, प्रबंधक उत्तम सिंह बिष्ट, लाल सिंह, राजेंद्र बिष्ट, कैलाश कन्याल आदि मौजूद थे।

Source dainik jagran

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
शीतकाल के लिए बंद हुए रुद्रनाथ मंदिर के कपाट
=======================

चतुर्थ केदारों में एक भगवान रुद्रनाथ मंदिर के कपाट सोमवार को ब्रह्मा मुहूर्त में विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद हो गये। पौराणिक परंपरा के अनुसार शीतकाल में अब भगवान रुद्रनाथ की उत्सव डोली की पूजा गोपेश्वर स्थित प्राचीन गोपीनाथ मंदिर में होगी।

समुद्रतल से 10780 फीट की ऊंचाई पर स्थित भगवान रूद्रनाथ को चतुर्थ केदार के रूप में पूजा जाता है, जहां भगवान शिव एक गुफा के अन्दर ध्यान मुद्रा में विराजमान है। इसके अलावा गुफा में गणपति तथा गौरी शंकर की शिला मूर्तियां भी हैं। ग्रीष्मकाल में इसी गुफा रूपी मंदिर में श्रद्धालु भगवान रुद्रनाथ जी की पूजा अर्चना करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि रुद्रनाथ तीर्थ में गोत्र हत्या के पाप से मुक्त होने के निमित पिण्डदान तथा तर्पण किया जाता है। इस मंदिर में भगवान रुद्रनाथ विष्णु रूप में विराजमान हैं इसलिये मूर्ति को स्पर्श करने का अधिकार मात्र पुजारी को ही है।

 सोमवार को पूरे विधि विधान के साथ मंदिर के पुजारी जर्नादन प्रसाद तिवाड़ी, भगवती प्रसाद भटट ने वर्ष की अंतिम पूजा की तथा शीतकाल के लिये मंदिर के कपाट बंद कर दिये। बाद में गाजे-बाजे के साथ भगवान रुद्रनाथ की उत्सव डोली को लेकर श्रद्धालु मध्य हिमालय के बीच से देर सांय पनार नामक स्थान पहुंचे, जहां उत्सव डोली की लोगों ने पंरपरा के अनुसार पूजा की।

 सोमवार को पनार में रहने के पश्चात कल (आज) भगवान की डोली ग्वाड, सगर, गंगोल गांव से होकर सकलेश्वर मंदिर में पहुंचेगी। बुधवार को भगवान रूद्रनाथ की डोली गोपेश्वर स्थित प्राचीन गोपीनाथ मंदिर में विराजमान होगी। यही शीतकाल के दौरान अब श्रद्वालु भगवान रुद्रनाथ के उत्सव डोली की पूजा अर्चना करेंगे।

Source dainik jagran

विनोद सिंह गढ़िया

  • Moderator
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 1,676
  • Karma: +21/-0
अंतरराष्ट्रीय साधना केंद्र का रूप ले चुका है बौद्ध मठ

अल्मोड़ा के निकट कसारदेवी में स्थित बौद्ध मठ बौद्ध धर्म अनुयायियों का अंतरराष्ट्रीय साधना केंद्र का रूप ले चुका है। यहां देश विदेश से बौद्ध साधक साधना के लिए आते हैं और उन्हें एकांत में रहकर तीन साल, तीन माह और तीन दिन की कठिन साधना करते हैं। अब तक देश विदेश के सैकड़ों बौद्ध साधक यहां से साधना प्राप्त कर चुके हैं। वर्तमान में भी वहां सात बौद्ध साधक साधना कर रहे हैं इनमें तीन दूसरे देशों से हैं। कसारदेवी का यह केंद्र प्रख्यात बौद्ध विद्वान लामा गोविंदा की कर्म स्थली भी रहा है।
अल्मोड़ा से करीब सात किमी दूर कसारदेवी का इलाका शुरू से ही आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र माना जाता है। प्राचीन समय से ही यहां अनेक महान संत साधना के लिए आते रहे। स्वामी विवेकानंद भी हिमालय यात्रा के दौरान यहां आए। जाने माने संत नीब करोरी बाबा, मां आनंदमयी सहित कई अन्य महात्मा यहां पहुंचे। कसारदेवी मंदिर के पास ही बौद्ध दर्शन और ज्ञान के लिए केंद्र स्थापित है। इसे इवांग छोंग कोटलिंग डिगुग कग्यूत नाम से जाना जाता है। कसारदेवी की आध्यात्मिक ऊर्जा से प्रभावित होकर बौद्ध विषयों के विद्वान डब्लूवाई इवांस वैंज ने 1933 में यहां अपना निवास बनाया। इवांस वैंज बुक ऑफ डैड नामक प्रसिध्द पुस्तक के रचियता थे। बाद में प्रख्यात बौद्ध विद्वान लामा गोविंदा का निवास स्थल भी यही आश्रम रहा। लामा गोविंदा और उनकी पत्नी ली गोतमी को बौद्ध ग्रंथों का अनुवादक माना जाता है।
लामा गोविंदा मूल रूप से जर्मन थे। बाद में वह बौद्ध धर्म में दीक्षित हुए। उन्होंने विश्व आर्य मैत्रेय मंडल की स्थापना की थी। अल्मोड़ा में रहकर उन्होंने तिब्बत की रहस्यमय योग साधना पर अनेक पुस्तकों का अनुवाद किया। उनकी लिखी पुस्तक द वे आफ व्ह्वाइट क्लाउड काफी चर्चित रही। इस पुस्तक से उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिली। लामा गोविंदा ने ही 1968 में आश्रम का यह स्थान लामा रिंगझेम को उपलब्ध कराया। बाद में लामा रिंगझेम की पत्नी सोनम छोट्म ने इस केंद्र को बौद्ध मठ और अंतरराष्ट्रीय ध्यान केंद्र स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पिछले 43 सालों से यह स्थान अंतर्राष्ट्रीय साधना के लिए प्रसिद्ध हो चुका है। अब तक अमेरिका, जर्मनी, सिंगापुर सहित अनेक देशों के सैकड़ों साधक यहां साधना कर चुके हैं। यहां आने वाले साधकों को तीन साल, तीन माह और तीन दिन की साधना करनी होती है। साधना के बाद विधिवत पूजा होती है और फिर साधक अपने स्थानों को लौटकर बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार के लिए काम करते हैं। पूजन के समय को छोड़कर साधक का पूरी साधना अवधि में दुनियां से संपर्क नहीं रहता। बौद्ध आचार्य (रिंपोछे) उन्हें धार्मिक क्रिया कलाप का प्रशिक्षण देते हैं। मुख्य मंदिर में भगवान बौद्ध की भव्य मूर्ति है। यह मंदिर की मुख्य प्रतिमा है। इसके अलावा कुछ बौद्ध धर्म से जुड़ी छोटी मूर्तियां भी स्थापित हैं। इस केंद्र में सात लोग साधना कर रहे हैं। इनमें तीन लोग विदेशी हैं। साधना केंद्र के प्रबंधक प्रेमा दोरजे कहते हैं कि गोविंदा लामा की कर्म भूमि रह चुके इस स्थान से बौद्धधर्म ही नहीं अन्य समुदायों का भी लगाव बना हुआ है।

श्रोत : अमर उजाला

Kiran Rawat

  • Full Member
  • ***
  • Posts: 135
  • Karma: +12/-0
Uttarakhan Tungnath & Roopkund again in the LONELY PLANET an international travel magzine

Cover Page of Lonely Planet




Tungnath in Snow fall (A big appreciation to Rituraj Choudhury from Banglore)



Roopkund's Ali Bugyal (A big thanks to Mayank Soni)



more to come ...........


cheers

Kiran Rawat

  • Full Member
  • ***
  • Posts: 135
  • Karma: +12/-0
more of Roopkund from Lonely Planet











Cheers

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Great sir.. nice photos.

more of Roopkund from Lonely Planet











Cheers

विनोद सिंह गढ़िया

  • Moderator
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 1,676
  • Karma: +21/-0
पर्यटन को 121 करोड़ का एमओयू
« Reply #228 on: April 03, 2012, 02:30:31 AM »
पर्यटन को 121 करोड़ का एमओयू

90 फीसदी अनुदान, 10 फीसदी ऋण 20 साल में चुकाना होगा

उत्तराखंड में पर्यटन विकास के लिए सोमवार को दिल्ली में 121 करोड़ का एमओयू साइन हुआ। पर्यटन संरचना विकास निवेश कार्यक्रम के अंतर्गत एशियन डेवलपमेंट बैंक, वित्त मंत्रालय भारत सरकार और उत्तराखंड शासन के बीच ये एमओयू हुआ है। इसके बाद उत्तराखंड में पर्यटन विकास के काम के आगे बढ़ने की उम्मीद है। एमओयू पर उत्तराखंड की तरफ से पर्यटन सचिव डा. एसएस संधू, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से संयुक्त सचिव वेणु राजामनी और एडीबी की ओर से डिप्टी कंट्री डायरेक्टर ऑफ इंडिया नरहरि राव ने हस्ताक्षर किए हैं।

साभार : अमर उजाला

विनोद सिंह गढ़िया

  • Moderator
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 1,676
  • Karma: +21/-0
अब उड़नखटोले में बैठकर करें लेक टूर


भीमताल। जिले में आने वाले पर्यटक अब हेलीकाप्टर में बैठकर बेहद कम समय में यहां की झीलों का दीदार कर सकेंगे। निजी क्षेत्र में हवाई सेवाएं उपलब्ध कराने वाली कंपनी विराट एवियेशन इसी महीने से इसे संभव करने जा रही है। कुमाऊं मंडल में अपनी तरह के इस अनोखे प्रोजेक्ट को प्रदेश के नागरिक उड्डयन विभाग से स्वीकृति मिल चुकी है। कंपनी ने भीमताल में लीज पर ली गई भूमि में हैलीपैड का निर्माण शुरू करा दिया है।मूल रूप से हरियाणा के हिसार क्षेत्र निवासी और विराट एवियेशन कंपनी के डायरेक्टर कैप्टन भूपेंद्र ने अमर उजाला से विशेष भेंट में अपने इस प्रोजेक्ट की जानकारी दी। भारतीय वायु सेना में पायलट रह चुके कैप्टन भूपेंद्र के अनुसार हिमाचल के पर्यटन स्थलों के लिए हवाई सेवाएं होने और सड़कें अच्छी होने से पर्यटक उत्तराखंड के बजाय वहां जाना पसंद करते हैं। इसी के मद्देनजर उन्होंने भीमताल से लेक-टूर के रूप में हवाई सेवा शुरू करने का मन बनाया है। हर व्यक्ति का सपना होता है कि वह हेलीकाप्टर में उड़ान भरे और वह आम आदमी के इस सपने को साकार करना चाहते हैं।उन्होंने बताया कि शुरू में वह 6 सीटर हेलीकाप्टर से पर्यटकों को भीमताल, सातताल, नौकुचियाताल, नैनीताल, खुर्पाताल आदि के दीदार कराएं जाएंगे। जरूरत पड़ने पर एक और हेलीकाप्टर की मदद लेंगे। भीमताल-भवाली रोड में पुराने हाटमिक्स प्लांट की भूमि पर हैलीपैड बनाया जा रहा है। भूमि वीरेंद्र सिंह बिष्ट से लीज पर ली गई है। जिला प्रशासन की टीम हैलीपैड स्थल का निरीक्षण कर चुकी है। कैप्टन भूपेंद्र का कहना है कि निकट भविष्य में भीमताल से ही कुमाऊं के अन्य पर्यटक स्थलों छोटा कैलास, पंचाचूली, कौसानी, मुनस्यारी आदि के लिए हवाई सेवाएं शुरू करने पर भी विचार करेंगे। 12 मई से हेलीकाप्टर से लेक टूर की सुविधा शुरू हो जाएगी। इसके लिए प्रत्येक बड़े शहरों में बुकिंग काउंटर खोले जाएंगे ताकि सैलानियों को आसानी से टिकट उपलब्ध हो सकें।


 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22