Author Topic: Tourism Related News - पर्यटन से संबंधित समाचार  (Read 65762 times)

Rajen

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जैव विविधता के लिए मशहूर राजाजी पार्क     Aug 12, 12:17 am

देहरादून। जैव विविधता के लिए मशहूर राजाजी राष्ट्रीय पार्क मंगलवार को अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर लेगा। रजत जयंती वर्ष के कार्यक्रमों का शुभारंभ मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी के हाथों होगा, जो सालभर चलेंगे। पार्क प्रशासन की ओर से आयोजित कर्टेन रेजर में पार्क की स्थापना से लेकर अब तक के सफर और रजत जयंती वर्ष में होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा पर रोशनी डाली गई।

प्रमुख वन संरक्षक डा.आरबीएस रावत, अपर प्रमुख वन संरक्षक श्रीकांत चंदोला व राजाजी पार्क के निदेशक एसएस रसाईली की मौजूदगी में राजपुर रोड स्थित वन विभाग मुख्यालय में राजाजी पार्क के रजत जयंती के उपलक्ष्य में सोमवार को कर्टेन रेजर का आयोजन किया गया। बताया गया कि 12 अगस्त 1983 को तीन अभ्यारण्यों राजाजी, मोतीचूर व चीला को मिलाकर राजाजी राष्ट्रीय पार्क की स्थापना की गई। 820.42 वर्ग किमी में फैला पार्क जैव विविधता के लिए मशहूर है। यह एशियाई हाथियों का प्रमुख वास स्थल होने के साथ ही भारत एवं एशिया में हाथियों का अंतिम उत्तर पश्चिमी अधिवास है। पार्क के उप निदेशक सुनील मेहता ने पार्क की स्थापना से लेकर अब तक के सफर पर प्रकाश डाला।

हादसों में मारे जा चुके हैं दो दर्जन हाथी

देहरादून। देहरादून, हरिद्वार व ऋषिकेश जैसे बड़े शहरों के साथ ही चारों ओर आबादी से घिरे राजाजी राष्ट्रीय पार्क से गुजरने वाले रेलमार्ग पर वर्ष 1987 से 2000 तक बीस हाथियों को ट्रेन की चपेट में आकर जान गंवानी पड़ी है। मगर, इसके बाद पार्क व रेल प्रशासन द्वारा उठाए गए सुरक्षात्मक उपायों के चलते ऐसा कोई हादसा नहीं हुआ। हाथियों का उत्पात भी काफी बढ़ा है और पिछले चार वर्षाें में चार नर हाथी करेंट से मरे। यही नहीं, पार्क में टाइगर की संख्या भी कम हुई है।

पार्क के रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित कर्टेन रेजर में पत्रकारों के सवालों के जवाब में अपर प्रमुख वन संरक्षक श्रीकांत चंदोला ने यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि हाथियों का उत्पात रोकने को कदम उठाने के साथ ही क्षतिपूर्ति में ढाई गुना तक मुआवजा राशि बढ़ा दी गई है। पूछने पर उन्होंने कहा कि नीलगाय, सूअर व बंदरों के आतंक को देखते हुए मनुष्य के लिए खतरनाक हो चुके सूअरों को मारने और बंदरों को पकड़ने की अनुमति दी जा रही है। एक सवाल पर श्री चंदोला ने माना कि राजाजी पार्क में टाइगर की संख्या घटी है, लेकिन इसे चुनौती के रूप में लिया गया है। प्रयास किया जा रहा है कि पार्क में टाइगर की संख्या अधिक से अधिक बढ़े। यह भी बताया कि पार्क में लैंटाना उन्मूलन, बाघ संरक्षण, गूर्जर पुनर्वास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रमुख वन संरक्षक डा.आरबीएस रावत ने कहा कि वन, वन्य जीव और लोगों के बीच बेहतर सामंजस्य जरूरी है। इसे देखते हुए ईको डेवलमेंट के तहत समेकित विकास कार्यक्रमों के जरिए पार्क के नजदीक बसे लोगों को जोड़ा जाएगा।


पंकज सिंह महर

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पौड़ी गढ़वाल। नैसर्गिक सौंदर्य से भरपूर पौड़ी जनपद में पर्यटन उपेक्षा का शिकार है। जनपद में अनगिनत स्थल ऐसे है जिन्हें एक बार देखने के बाद हर कोई बार-बार देखना चाहेगा, लेकिन सुविधाओं के अभाव में यह पर्यटकों की नजरों दूर हैं। यदि पर्यटन विभाग और उससे जुड़ी संस्थाएं यदि इस ओर ध्यान दें तो यहां पर्यटन न सिर्फ एक कारोबार का रूप ले ले लेगा अपितु बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी मुहैया होंगे।

पौड़ी को कुदरत ने नैसर्गिक सौंदर्य प्रदान किया है। बड़ी-छोटी पहाड़ियों पर स्थित ये रमणीक स्थल हर किसी को अपनी ओर खींच लेते हैं। जनपद मुख्यालय में क्यूंकालेश्वर मंदिर, कण्डोलिया मंदिर व नागदेव मंदिर शामिल हैं। पौड़ी नगर भी सुरम्य स्थलों में एक है। जनपद के अन्य क्षेत्रों में कोट ब्लाक स्थित देवल मंदिर, ब्लाक मुख्यालय खिर्सू, श्रीडांडानागराजा, व्यासघाट, ताराकुण्ड, विनसर महादेव, पैठाणी व यहां पर स्थित राहू मंदिर, विनसर महादेव, ताड़केश्वर महादेव मंदिर, सुरम्य नगरी लैंसडौंन, थलीसैंण ब्लाक स्थित गबनी क्षेत्र, गगवाड़स्यूं घाटी, कण्डारा घाटी आदि शामिल हैं। इसके अलावा भी छोटे-बड़े कई स्थल ऐसे हैं जिन्हें प्रकृति ने फुरसत से सजाया है। पर्यटक काफी संख्या में यहां पहुंचते भी हैं। हालांकि कई अधिकतर पर्यटक स्थलों तक पहुंचने में खासी दिक्कतें होती हैं। कहीं सड़क मार्ग नहीं है तो कहीं आवासीय सुविधाएं नहीं हैं। इन स्थलों पर सुविधाओं के विकास की जरूरत है। साहसिक खेलों के लिए भी जनपद में बेसुमार स्थल हैं। इन स्थलों पर पर्वतारोहण, रीवर राफ्टिंग, पैरा ग्लाइडिंग की जा सकती है। स्थान-स्थान पर बाहर से आने वाले साहसिक पर्यटक के इच्छुक लोग कैंप भी लगा सकते हैं। यहां के महेश ढौंढियाल का कहना है कि यदि पर्यटक स्थलों तक पहुंचने की व्यवस्थाएं चुस्त-दुरुस्त की जाती है तो यहां पर पर्यटक कारोबार समृद्ध हो सकता है। साहसिक पर्यटन अधिकारी जेएस चौहान का कहना है कि गत वर्ष पौड़ी जनपद व जिले के अन्य हिस्सों के भ्रमण पर करीब 80 हजार पर्यटक पहुंचे और इस बार पर्यटकों की संख्या में करीब 20 फीसदी इजाफा हुआ है। उनका मानना है कि आने वाले समय में जनपद पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान बना सकता है।

हेम पन्त

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देहरादून। विंटर सैफ गेम्स के आयोजन को सरकार ने गंभीरता से कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। पर्यटन मंत्री प्रकाश पंत शुक्रवार को औली जाकर अब तक की तैयारियों का जायजा लेंगे।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि पर्यटन मंत्री श्री पंत कल शुक्रवार की सुबह हेलीकाप्टर के जरिए औली जाएंगे। पर्यटन सचिव राकेश शर्मा और सैफ गेम्स के विशेष कार्याधिकारी उप सचिव एसएस बल्दिया उनके साथ जाएंगे। गौचर से पूर्व मंत्री व विधायक केदार सिंह फोनिया भी उनके साथ औली जाएंगे। औली में विंटर सैफ गेम्स फेडरेशन आफ इंडिया के अध्यक्ष एसएस पांगती भी मौजूद रहेंगे। सूत्रों ने बताया कि औली में बन रहे गढ़वाल मंडल विकास निगम के चार सितारा होटल, स्की स्लोप व अन्य निर्माण कायरें की प्रगति का जायजा लेंगे।

हेम पन्त

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नैनीताल। पर्यटन मंत्री प्रकाश पंत ने कहा है कि राज्य के प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ छेड़छाड़ किए बगैर पर्यटन बढ़ाने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने बताया कि पिथौरागढ़, धूमाकोट, टिहरी व चकराता में पर्यटन बढ़ाने के लिए एशियन विकास बैंक 350 करोड़ की सहायता देगा।

टीआरसी सूखाताल में आयोजित पत्रकार वार्ता में पर्यटन मंत्री पर्यटक स्थलों में बढ़ते प्रदूषण पर खासे चिंतित दिखे। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ, केदारनाथ व गंगोत्री में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना के तहत कूड़ा निस्तारण करने के बाद अन्य स्थानों पर भी यह कार्यक्रम संचालित किया जाएगा। चार धाम यात्रा मार्ग पर 45 शौचालयों के निर्माण के बाद अन्य पर्यटन मार्गो पर भी शौचालयों का निर्माण किया जाएगा, ताकि पवित्र स्थलों को प्रदूषण मुक्त रखा जा सके। राज्य में घटते ग्लेशियर व पिघलते हिमालय से चिंतित श्री पंत ने कहा कि इन क्षेत्रों में बेरोकटोक पर्यटन गतिविधियों पर अंकुश तो नहीं लेकिन नियंत्रित करने पर विचार हो रहा है।

श्री पंत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में औद्योगिक नीति बनाने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि एशियन विकास बैंक द्वारा पिथौरागढ़, धूमाकोट, टिहरी व चकराता में पर्यटन सुविधाओं के विस्तार के लिए 350 करोड़ की सहायता मंजूर की है। इस धनराशि से यहां आधारभूत सुविधाओं का विकास होने के साथ ही पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि नैनी-सैनी, चिन्यालीसौंड़ व गौचर हवाई अड्टों में शीघ्र हवाई उड़ानें शुरू होने के बाद पर्यटन उद्योग को ताकत मिलेगी।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Here's some good news for Uttarakhand tourism. The government has decided to upgrade four cities with maximum tourist draw into tourist spots of international status. The state plans to set the ball rolling very soon and has sought financial assistance from the Asian Development Bank.

Dehra Dun, Mussoorie and Nainital have always been the hot tourist destinations of international repute. Lack of infrastructure and other amenities have never restricted the influx of international tourists to these cities. But despite the breathtaking views, beautiful forests and amazing wildlife most other cities in the state have failed to earn the same status.

Even after Uttarakhand achieved statehood, these cities could not be developed as tourist destinations though they are more mesmerizing and beautiful than Mussoorie and Nainital. 

Realizing the potential of some of these places, the tourism department of the state has now decided to develop at least four cities as tourist destinations of international status. For this they have selected Chakrata, New Tehri (Lake area), Dhomakot and Pithoragarh. A detailed project report is being prepared and work is scheduled to begin soon.

“These four cities would not only be developed as tourist centres but as tourist cities, that could occupy a spot on the international tourist map,”

The ADB has agreed to finance this project of the state government. Now the ministry is only waiting for the project report to be completed.

The minister asserts that work would start as early as October this year. This is perhaps the first time in the history of independent India that a Himalayan region cities are being converted into the tourist cities of international standards, claimed the minister adding that after the success of this the project would be extended to other areas as well.

Besides the ministry is also planning to prepare twelve new tourist destinations and two villages in each district would be tourist villages. There would be one tourist area in each Assembly region.
 

पंकज सिंह महर

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देहरादून। उत्तराखंड इस बर्ष 'गैलिलियो एक्सप्रेस ट्रेवल व‌र्ल्ड' एवार्ड प्राप्त करने में सफल रहा है।

गुरुवार को द्रोण राजकीय अतिथिगृह में आयोजित पत्रकार वार्ता में पर्यटन मंत्री प्रकाश पंत ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पर्यटन में सर्वोतम व्यावसायिक गुणवत्ता प्रदर्शन के लिए गैलिलियो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड व एक्सप्रेस ट्रेवल व‌र्ल्ड की ओर से संयुक्त रूप से वर्ष 2003 से 'गैलिलियो एक्सप्रेस ट्रेवल व‌र्ल्ड एवार्ड' के तहत 29 तरह के पुरस्कार दिए जाते हैं। मंत्री ने बताया कि 'बेस्ट डोमेस्टिक टूरिज्म डेस्टिनेशन' पुरस्कार अब तक केरल को मिलता रहा है। इस बार इसके लिए केरल, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक व तमिलनाडू नामित हुए थे। उन्होंने कहा कि बेहतर पर्यटन प्रबंधन के लिए वर्ष-04 में उत्तराखंड को 'बेस्ट स्टेट टुरिज्म बोर्ड' श्रेणी का पुरस्कार मिल चुका है। श्री पंत ने यह बताया कि राज्य का यह लगातार प्रयास रहा है कि यहां आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों को पर्याप्त बेहतर व्यावसायिक आतिथ्य सत्कार का अवसर उपलब्ध हो। उन्होंने जानकारी दी कि गत वर्ष उत्तराखंड में आने वाले दो करोड़ 22 लाख पर्यटकों में एक लाख से अधिक विदेशी थे। इस वर्ष अक्टूबर तक 1.9 करोड़ से अधिक पर्यटकों में करीब 94 हजार विदेशी आ चुके हैं।

पंकज सिंह महर

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जागरण कार्यालय, रामनगर: कुमाऊं महोत्सव का आयोजन इस बार रामनगर में 6 से 10 जनवरी तक किया जाएगा। शनिवार को पर्यटक आवास गृह में वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि कुमाऊं महोत्सव के लिए दस लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। श्री पंत ने कहा कि रामनगर में होने वाले कुमाऊं महोत्सव में लोक संस्कृति, लोक गाथा एवं लोक कलाओं का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। पर्यटन मंत्री श्री पंत ने कहा कि इस राज्य की पहचान देवभूमि के रूप में कायम हो इसके लिए सतत प्रयास सरकार द्वारा किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि गंगा, जमुना, सरस्वती का उद्गम उत्तराखंड में है। इसलिए पर्यटन की दृष्टि से गंगोत्री, जमुनोत्री समेत चारों धाम महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में सन् 2003 से 2007 तक मिलने वाला गैलेलियो इंटरनेशनल अवार्ड केरल को मिला था। लेकिन 2007-08 में यह पुरस्कार उत्तराखंड सरकार को मिला है। जो राज्य के लिए गर्व की बात है। उन्होंने माना कि प्रदेश में 44 पर्यटन सूचना केन्द्र ऐसे हैं जो कार्य नही कर रहे हैं। इन सबको सक्रिय किया जाएगा। मुम्बई में हुए बम धमाकों के बाद राज्य में आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के सवाल में उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन पुलिस की व्यवस्था की गई है। इसका विस्तारीकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यटन पुलिस का कार्य पर्यटकों की सुरक्षा के साथ उन्हें उचित मार्ग दर्शन देना भी होगा। उन्होंने कहा कि पर्यटकों की सुरक्षा के लिए देहरादून, हरिद्वार एवं चारों धामों के अलावा विभिन्न शहरों में क्लोज सर्किट कैमरे लगाए गए हैं। इसकी मानिटरिंग प्रतिदिन की जाती है। रेलवे स्टेशन एवं बस स्टेशनों पर भी बराबर नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में 2007-08 में दो करोड़ बाईस लाख से अधिक पर्यटक उत्तराखंड में आए। इस साल के अक्टूबर माह तक एक करोड़ नब्बे लाख से अधिक पर्यटक राज्य में आ चुके है। अभी इनके और बढ़ने की उम्मीद है। पत्रकार वार्ता के दौरान विधायक दीवान सिंह बिष्ट, मदन माहेश्र्वरी, सुदीप मासीवाल, निर्मला रावत, भगीरथ लाल चौधरी, अरविंद गुंसाई, जगमोहन बिष्ट, भूपेन्द्र सिंह खाती, विजय सुप्याल, सत्यप्रकाश शर्मा, मनीष अग्रवाल मौजूद थे।
 

Rajen

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अब वरुणावत के मलबे बाधित नहीं होगा गंगोत्री मार्ग

उत्तरकाशी। तांबाखाणी-ज्ञानसू सुरंग का मुहाना खुलने के बाद वरुणावत के मलबे से गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने का खतरा हमेशा के लिए समाप्त हो गया है।

वर्ष 1991 में आए भूकंप के बाद गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग हल्की बारिश में वरुणावत से मलबा आने के कारण बंद हो जाता था। वरुणावत पैकेज के तहत वर्ष 2005 में 6 करोड़ 66 लाख की धनराशि में 330 मीटर सुरंग निर्माण का निर्णय तत्कालीन सरकार ने लिया था। वर्ष 2007 में निर्माण शुरू हुआ। बहुप्रतीक्षित निर्माणाधीन सुरंग का काम सोमवार की रात में पूरा हो गया है। सोमवार की रात्रि में सुरंग के भीतर हुए अंतिम विस्फोट के बाद ज्ञानसू-ताम्बाखाणी आपस में जुड़ गए हैं। सुरंग का मुहाना खुलते ही कार्यदायी संस्था श्रींग कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मचारियों के चेहरे खिल उठे। संस्था के सर्वेयर एसएन उपाध्याय व उप महाप्रबंधक कुलविन्दर सिंह ने बताया कि सुरंग का मुहाना खुलने के बाद अब कंकरीटिंग पर तीन हफ्ते का समय लगेगा। उन्होंने बताया कि फरवरी के पहले सप्ताह में सुरंग से वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी।




http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_5095736.html

हेम पन्त

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SAF Winter games deferred till December
« Reply #88 on: January 08, 2009, 10:22:32 AM »
DEHRADUN: The inaugural South Asian Winter Games, scheduled from next month, have been deferred till December because of 'technical reasons' even though speculation is rife that the strained relations between India and Pakistan have taken a toll on the event.

The Games were scheduled to be held here and at Auli in February and March.

The decision to defer the games was taken at a meeting of officials of Uttarakhand government with Indian Olympic Association (IOA) on Wednesday.

However, IOA General Secretary Randhir Singh dismissed suggestions that the decision to defer the games has been taken in view of the strained relations with Pakistan post 26/11 Mumbai terror attack.

"The games have been deferred due to technical reasons," he said.

Singh, however, said that considering the current situation, the possibility of Pakistan competing in the Games was less.

"If the games are held in December, Pakistan might also participate," he added.

A training camp for Snow Skiing would be organised from February 20 to March 4 while first Nanda Devi International Snow Carnival would be held from March 6 to March 8 at Auli, Singh said.

The carnival would be made an annual feature in future. He said for the trials of Ice Skating, a training camp would be held from March 31 to April 14 while a national and international coaching camp would be held from April 16 to April 30 at Raipur.

With an aim to establish Uttarakhand as an international centre for winter games, a good infrastructure is being developed in the hill state, Singh said.

Stating that 2011 Asian Winter Games are being held in Almatti, Singh said," When a small place like Almatti can host Asian games, then Uttarakhand is also a fit place to hold such games."

हेम पन्त

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ग्वालदम (बागेश्वर)। शासन ने ग्वालदम के प्रसिद्ध खंपाधार बौद्ध मंदिर के सौंदर्यीकरण का निर्णय लेते हुए 8.38 लाख रुपये स्वीकृत किये है। मुख्यमंत्री के पर्यटन सलाहकार प्रकाश सुमन ध्यानी ने शनिवार का सौंदर्यीकरण कार्य का शिलान्यास किया। सौंदर्यीकरण कार्य में संगमरमर का फर्श, चाहर दीवारी, शौचालय का निर्माण, बिजली व पानी की व्यवस्थाएं शामिल है। ग्वालदम में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कृत संकल्प है। उन्होंने ग्वालदम में हाईटैक शौचालय बनाने तथा एक जनमिलन केंद्र बनाने की घोषणा करते हुए विभागीय अधिकारियों से शीघ्र आगणन भेजने के निर्देश दिये।

 

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