Author Topic: Untracked Tourist Spot In Uttarakhand - अविदित पर्यटक स्थल  (Read 62814 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Re: UNKNOWN & UNTRACKED TOURIST SPOTS OF UK
« Reply #70 on: August 08, 2008, 10:04:33 AM »
उपेक्षित हैं जिले में कई पर्यटन स्थलAug 07, 11:37 pm

नई टिहरी (टिहरी गढ़वाल)। भले ही सरकार राज्य के नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण स्थलों को देखते हुए यहां पर पर्यटन उद्योग विकसित करने के दावे कर रही हो, लेकिन हकीकत यह है कि आज भी कई पर्यटक स्थल पर्यटकों की नजरों से दूर है। वजह सरकार द्वारा इन स्थलों का प्रचार न कर पाना है। सरकारी उपेक्षा के कारण यह स्थल आज तक अपनी पहचान नहीं बना पाए हैं।

जिले में मनोहारी शांत झीलें, बुग्याल, मखमली घास व हिमाच्छादित पर्वत श्रृंखलाएं पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। यहां के सहस्त्रताल, पंवाली कांठा, महासरताल, कुश कल्याणी, धनोल्टी ऐसे पर्यटक स्थल है जो पर्यटकों को रोमांचित एवं सुरम्य प्राकृतिक सौंदर्य से अभिभूत कर देते है। सहस्त्रताल व महासरताल की सुंदर झील और पंवाली कांठा की बर्फ से ढकी पहाड़ियां व बुग्याल तो देखने लायक है। पंवाली कांठा में सफेद ब्रह्मकमल भी मिलते है, जो सूखे स्थान पर भी उगते है। इन पर्यटक स्थलों पर कई दुर्लभ फूल व पक्षी भी दिखाई देते हैं। वहीं कुश कल्याण और पंवाली कांठा स्कीइंग के लिए भी उपयुक्त है। सभी खूबियों को अपने में समेटे यह पर्यटक विकास की राह ताक रहे है। प्रचार-प्रसार के अभाव में यह पर्यटक स्थल उपेक्षित पड़े है। आलम यह है कि यहां पर धर्मशाला, मार्ग व शौचालयों का अभाव है। सरकार पर्यटक स्थलों को बढ़ावा देने की बात तो करती है, लेकिन इस दिशा में अभी तक कोई कार्य नहीं किया जा रहा है।

पंकज सिंह महर

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Re: UNKNOWN & UNTRACKED TOURIST SPOTS OF UK
« Reply #71 on: September 04, 2008, 05:22:40 PM »
लखुडियार


पंकज सिंह महर

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Re: UNKNOWN & UNTRACKED TOURIST SPOTS OF UK
« Reply #72 on: September 04, 2008, 05:23:38 PM »
लखुडियार में आदिमानवों द्वारा बनाये गये चित्र

पंकज सिंह महर

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Re: UNKNOWN & UNTRACKED TOURIST SPOTS OF UK
« Reply #73 on: September 05, 2008, 03:27:12 PM »
मिलाम हिमनद एवं जोहर घाटी क्षेत्र

अन्तिम बस स्टेशन जिला पिथौरागढ में स्थित मुन्सयारी नामक स्थल है जो काठगोदाम से 310 किमी, पिथौरागढ से 129 किमी, बागेश्वर से 147 किमी एवं अल्मोडा से 220 किमी की दूरी पर स्थित है।

मुन्सयारी-लाल जडों एवं चांदी के समान बालों जैसी एक जडी यहाँ की चट्टानी सतह पर उत्पन्न होती है। मैक्रोटोमिया नामक यह जडी एक मूल्यवान वनस्पति है। जिसे स्थानीय क्षेत्र में रतनजोत कहा जाता है। इसी प्रकार की एक अन्य वनस्पति मेगा कारपेइआ पोलिअन्ड्रा है जिसे स्थानीय क्षेत्र में रुकी के नाम से जाना जाता है। मरटोली से मिलाम का मार्ग एलपाइन जडी बूटियों जैसे पोलिगोनाटम, थालिक्ट्रम, बुप्लेयुरेम, पिंग्युइकुला, प्राइमुला एल्लिप्टिका एवं गुइलेडेनस्टेडपिया हिमालइका से अत्याधिक समृद्ध है। अन्य जडी बूटियों में कुसिनिया थोमसोनी, वूल्ली तथा पीले, गुलाबी एवं नारंगी रंग के फूलों की गुच्छेदार एवं कांटेदार एसट्रागुलस प्रजातियाँ प्रमुख हैं।
मिलाम से ऊपर के क्षेत्रों में पीले पुष्पों से आच्छादित Berberis sp. श्वेत पुष्पों से आच्छादित Rosa रिवज ग्रोसुलेरिया, गुनिपेरस, लोनिकेरा एवं एफेडेरा गेराडिआना प्रजातियों को प्रदर्शित करने वाली Sub-alpine वनस्पति पाई जाती है। इन क्षेत्रों में एन्ड्रोसेक, अरेनारिया, स्टेलारिया, सेडियम, अस्ट्रागालुस एवं लीमुस की कांटेदार छोटी कांटेदार झाडियां इन वनस्पतियो से आन्तरिक रुप से मिश्रित रहती है। पोटेनटिला, रेनुकुलस, अनेमोन एवं पोलिगोनम की प्रजातियों वाली जडी बूटियाँ महत्वपूर्ण कार्पेट निर्मित करती हैं।



पंकज सिंह महर

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Re: UNKNOWN & UNTRACKED TOURIST SPOTS OF UK
« Reply #74 on: September 05, 2008, 03:28:06 PM »
पिन्डारी हिमनद क्षेत्र

पिन्डारी हिमनद पहुँचने के लिए अन्तिम बस टर्मिनल बागेश्वर जिले में सौंग नामक स्थल है जो काठगोदाम से 199 किमी, अल्मोडा से 156 किमी, बागेश्वर से 83 किमी, कर्णप्रयाग से 202 किमी, रानीखेत से 188 किमी एवं नैनीताल से 202 किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ उपलब्ध वनस्पतियों में जुनिपेरिस रेकुखा, सेलिक्स एलेगन, एस. फ्लेबेलारिस, रोडोडेनड्रान लेपिडोटम एवं आर. हाइपेनाथम इत्यादि वृक्ष प्रमुख हैं। यहाँ पाये जाने वाले अन्य सामान्य पोस्ट्रेट वृक्ष कोटोनिआस्टर माइक्रोफीलिया है। यह वृक्ष अपनी मैट निर्मित आदतों के कारण बर्फ या हिम से सर्वप्रथम चट्टानों पर उपनिवेश को दर्शाता है। पोस्ट्रेट गौल्थगेरिया ट्रिकोफिला नामक वृक्ष के नीले या लाल रंग के सुन्दर पुष्प अत्याधिक आकर्षित होते हैं। एवं घाटी में वे नियमित रुप से कार्पेट सा बिछा देते हैं। यहाँ पाये जाने वाले एक अन्य वृक्ष सेरास्टियम वुलगाटुम बर्फ जैसे सुन्दर सफेद पुष्पों के साथ अत्याधिक सौन्दर्यपूर्ण दिखाई पडता है।



पंकज सिंह महर

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Re: UNKNOWN & UNTRACKED TOURIST SPOTS OF UK
« Reply #75 on: September 05, 2008, 03:31:03 PM »
पनवाली कान्था क्षेत्र

पनवाली कान्था पहुँचने के लिए अन्तिम बस स्टेशन टिहरी जिले में घुट्टु 146 किमी की दूरी पर स्थित है एवं घुट्टु से पनवाली कान्था तक पहुँचने के लिए 15 किमी पदयात्रा करनी पडती है।
समुद्रतल से 3500 मीटर की ऊँचाई पर स्थित पनवाली एक सौन्दर्यपूर्ण स्थल है जो विभिन्न प्रकार के पुष्पों से परिपूर्ण अनेकों छोटी पहाडियों पर स्थित है। यहाँ पर मैपल, सोरवस उरसिना, रोडोडिओड्रोन बारवाटम, सिरिंगा एभोडी एवं पिसिआ सिमिथिआना सहित चीड एवं रोडोडिओड्रान के वृक्ष सामान्य रुप से पाये जाते हैं। यहाँ उपलब्ध झाडियों में लोनिसेरा, रिवस, वाइवसम-रोसा, सैलिक्स, बरबरिस, कोटोनिआस्टर की प्रजातियों वाली झाडियाँ एवं रंग बिरंगे पुष्पों सहित प्रिमुला, एनीमोन, पोटेनटिला, फ्रिटिलारिया, लागोटिस, मेकोनोपसिस की प्रजातियाँ प्रकृति को आनन्द प्रदान करती हैं।




पंकज सिंह महर

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Re: UNKNOWN & UNTRACKED TOURIST SPOTS OF UK
« Reply #76 on: September 05, 2008, 04:01:27 PM »
केदार कान्था क्षेत्र

केदार कान्था पहुँचने के लिए अन्तिम बस टर्मिनल उत्तरकाशी जिले में सौर नामक स्थल है जो देहरादून से 190 किमी की दूरी पर स्थित है। शेष 15 किमी की यात्रा पैदल तय करनी पडती है। सौर से भोरी 25 किमी दूरी पर है। सौर से तुइम 55 किमी एवं सौर से वरकोट 88 किमी दूर है। चढाई वाले सौन्दर्यपूर्ण क्षेत्र में ऊपर चढते हुए पर्यटक वनों के खुले क्षेत्रों से गुजरता है ये क्षेत्र एविस वेवियाना एवं क्वेरक्स सेमिकारपिफोलिया के सौन्दर्यपूर्ण वृक्षों से चारों ओर से घिरे हैं जिनके मध्य स्थित रोडोडेनड्रान के वृक्षों पर हिमगलन की ऋतुओं के मध्य भी पुष्प सुशोभित होते हैं।पुष्पपुंज के मौसम पी. स्थुअरटी एवं आक्सीशेफिक्स पोलिपेटेला के निकट के क्षेत्रों में प्रिम्पुला के सौन्दर्यपूर्ण पुष्प खिलते हैं।





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Re: UNKNOWN & UNTRACKED TOURIST SPOTS OF UK
« Reply #77 on: September 05, 2008, 04:01:34 PM »
केदार कान्था क्षेत्र

केदार कान्था पहुँचने के लिए अन्तिम बस टर्मिनल उत्तरकाशी जिले में सौर नामक स्थल है जो देहरादून से 190 किमी की दूरी पर स्थित है। शेष 15 किमी की यात्रा पैदल तय करनी पडती है। सौर से भोरी 25 किमी दूरी पर है। सौर से तुइम 55 किमी एवं सौर से वरकोट 88 किमी दूर है। चढाई वाले सौन्दर्यपूर्ण क्षेत्र में ऊपर चढते हुए पर्यटक वनों के खुले क्षेत्रों से गुजरता है ये क्षेत्र एविस वेवियाना एवं क्वेरक्स सेमिकारपिफोलिया के सौन्दर्यपूर्ण वृक्षों से चारों ओर से घिरे हैं जिनके मध्य स्थित रोडोडेनड्रान के वृक्षों पर हिमगलन की ऋतुओं के मध्य भी पुष्प सुशोभित होते हैं।पुष्पपुंज के मौसम पी. स्थुअरटी एवं आक्सीशेफिक्स पोलिपेटेला के निकट के क्षेत्रों में प्रिम्पुला के सौन्दर्यपूर्ण पुष्प खिलते हैं।





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Re: UNKNOWN & UNTRACKED TOURIST SPOTS OF UK
« Reply #78 on: September 05, 2008, 04:02:10 PM »
कन्चुलाखडक क्षेत्र

कन्चुलाखडक क्षेत्र तक पहुँचने के लिए अन्तिम बस स्टेशन रुद्रप्रयाग जिले का चौपटा नामक स्थल है। ऋषिकेश से चौपटा पहुँचने के लिए एकमात्र मार्ग कुन्ड ओखीमठ मार्ग है। चौपटा से गुप्तकाशी 41 किमी, रुद्रप्रयाग 69 किमी, ऋषिकेश 212 किमी, गोपेश्वर 39 किमी, चमोली 49 किमी एवं कर्णप्रयाग 80 किमी की दूरी पर स्थित है।

कन्चुलाखडक अपने सुगन्धित पुष्पों के अतिरिक्त कस्तूरा मृग प्रजनन केन्द्र के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थल पंगरबाशा से कुछ ऊँचाई पर मन्डल चौपटा मार्ग पर लगभग 2500 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ पर पाई जाने वाली हिमालयी वनस्पतियों में पांगर, मोरु चीड, खरासू चीड, मैपल, बुरान, अनयार एवं कोरनस मांकरोफिलिया सहित प्रिनसेपिया यूटिलिस, वाइब्रनम कोन्टिनिफोलियम वी मुल्लाह, सरोकोका सालिंगा, डफनी पापिरासिया इत्यादि झाडियाँ पाई जाती हैं। थामनोकालामस स्पाथिफ्लिओरस एवं सिनारुनडिनारिया, एनसेपस नामक स्थानीय प्रजातियाँ जो गढवाल कुमाऊ के बाहरी क्षेत्रों में नही पाई जाती हैं यहाँ के वनों में देखी जा सकती है।



पंकज सिंह महर

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Re: UNKNOWN & UNTRACKED TOURIST SPOTS OF UK
« Reply #79 on: September 05, 2008, 04:04:20 PM »
बद्रीनाथ-वसुधरा क्षेत्र

इस क्षेत्र में एलसाइन जडियों की एक विशाल मात्रा ग्रीष्म ऋतु में पाई जाती है। इन वनस्पतियों में जेनटिआना सर्टपटाटा, जी टेनेला, साइआनथस लिनिफोलिया एवं सी लोबाटस प्रमुख है। कोराडालिस एमोसा नदियों के बहते जल के निकट पत्थरों के पास कहीं-2 पाया जाता है। एकोनिटम लाइव एवं ए. हीटिरोफिलियम का पौधा भी अधिकांशतः पाया जाता है।

 

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