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18 Aug 10-18 School Children Killed in Kapkot, Bageshwar due to Cloudburst

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नवीन जोशी:
बहुत दुखद खबर है, बागेश्वर जिले के सुमगड़ गाँव के सरस्वती शिशु मंदिर की कक्षा में मालवा घुसने से 18 बच्चे जिन्दा दबे, एक शव बरामद, 2 बच्चे सकुशल व 5 घायल अवस्था में बाहर निकाले गए, दुर्घटना सुबह 9 बजे के करीब तीसरा वादन बदलने के दौरान हुयी, स्कूल में कुल 39 बच्चे आये थे, बड़े बच्चे व शिक्षक किसी प्रकार जान बचाने में सफल रहे. कुल 25 बच्चे दबे थे. गाँव को जाने वाले मार्ग पर सरयू नदी के पुल से जुडी सड़क भी टूटी, जिससे बचाव कार्यों में बाधा आ रही है. डी. एम. बागेश्वर डी.एस. गर्ब्याल मौके पर पहुंचे, कमिश्नर कुमाऊं कुणाल शर्मा भी मौके को रवाना, पुलिस आई.जी. ने राहत कार्यों को 2 प्लाटून पी.ए.सी. भिजवाई. मुख्यमंत्री ने सभी 18 बच्चों के परिवारों को 1-1 लाख रुपये तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.
भू वैज्ञानिक डा. बी.एस. कोटलिया का आंकलन: आज रात को मुनस्यारी और गढ़वाल के घुत्तू सहित अन्य स्थानों में भी हो सकती है बदल फटने की घटनाएं.

नवीन जोशी:

रात्रि आठ बजे तक की अपडेट: केवल दो बच्चों के शव ही बरामद, 
मृत बच्चे कक्षा एक से तीन तक के थे.


यह दुर्घटना पिंडारी ग्लेसियर रूट पर स्थित अंतिम सड़क पड़ाव सौंग के सामने सरयू नदी पार सुमगड़ गाँव की है,

दो शिक्षकों के बहने की पुष्टि नहीं,

एक अन्य घटना बागेश्वर जिले में ही कपकोट से पहले हरसिंगाबगड़ गाँव की है, यहाँ एक महिला अपना घर ढहने से जिन्दा दफ़न हो गयी है, राष्ट्रीय सहारा के बागेश्वर प्रतिनिधि चन्दन परिहार के अनुसार जिले में खासकर कपकोट शेत्र में कई जगह ऐसी बदल फटने की दुर्घटनाएं हुयी हैं, इस दुर्घटना से कपकोट  का एक तिहाई नक्शा ही बदल गया है.

VK Joshi:
कपकोट में बादल फटने से बेचारे १८ (समाचार मिलने तक) निरीह बच्चों की जान जा चुकी है. बहुत दुखद घटना है. बादल फटना तो प्रकृति का एक क्रूर रूप है-जिसे हम वर्षों से सुनते, देखते आ रहे हैं. अभी चंद रोज पहले लेह में भी जो हुआ वः सब आप सबने पढ़ा होगा. प्रश्न बादल क्यों फटा इस बात का नहीं है-क्योंकि बादल तो फटते रहे हैं और फटते रहेंगे-प्रश्न इस बात का है की इस जानकारी के बाद भी क्यों हम आपद स्थानों में विद्यालयों का निर्माण करते हैं? भूस्खलन वर्षा से तो होता हे है, भूकम्प से भी हो जाता है. इसलिए पर्वतीय क्षेत्रों में सरकार व् समाज दोनों को कमसे कम स्कूल व् अस्पताल के लिए स्थान चुनने में सावधानी रखनी चाहिए-क्योंकि दोनों स्थान ऐसे हैं जहाँ पर एक समय में एक साथ अनेक लोग एकत्रित होते हैं. इस विषय पर अपने विचार/सुझाव विस्तार से जल्द ही
लिखूंगा- अभी फिलहाल तो नन्हे मुन्नों की मौत से मैं बेहद विचलित हूँ.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

जोशी जी,

बहुत-२ धन्यवाद अपडेट देने के लिए!  इस घटना के बाद पूरे इलाके दहसत जैसा माहौल है! खबर है कुछ लोगो ने अपना घर छोड़ना शुरू कर दिया!

भगवान् करे इस प्रकार की घटना ना घटे!


--- Quote from: Navin Joshi on August 18, 2010, 09:31:22 PM ---
रात्रि आठ बजे तक की अपडेट: केवल दो बच्चों के शव ही बरामद, 
मृत बच्चे कक्षा एक से तीन तक के थे.


यह दुर्घटना पिंडारी ग्लेसियर रूट पर स्थित अंतिम सड़क पड़ाव सौंग के सामने सरयू नदी पार सुमगड़ गाँव की है,

दो शिक्षकों के बहने की पुष्टि नहीं,

एक अन्य घटना बागेश्वर जिले में ही कपकोट से पहले हरसिंगाबगड़ गाँव की है, यहाँ एक महिला अपना घर ढहने से जिन्दा दफ़न हो गयी है, राष्ट्रीय सहारा के बागेश्वर प्रतिनिधि चन्दन परिहार के अनुसार जिले में खासकर कपकोट शेत्र में कई जगह ऐसी बदल फटने की दुर्घटनाएं हुयी हैं, इस दुर्घटना से कपकोट  का एक तिहाई नक्शा ही बदल गया है.

--- End quote ---

Himalayan Warrior /पहाड़ी योद्धा:

This is very sad and unfortunate incident. May God departed souls rest in peace and God give strenth to the families of secasesd. children.

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