Author Topic: 18 Aug 10-18 School Children Killed in Kapkot, Bageshwar due to Cloudburst  (Read 31141 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Condolences from facebook Community.


  • Aarti Kaariya very sad...Yesterday at 12:14am · LikeUnlike ·
  • Harish Rawat ⎝⏠⏝⏠⎠' शोक समाचार
    23 hours ago · LikeUnlike ·
  • Narendra Singh oh god, very & very sad news...................... i pray to god, powered his/her parents/ families.22 hours ago · LikeUnlike ·
  • Vijay Kumar   Cloud bursts are inevitable. Our hilly regions are at places quite   inaccessible. The state govts. of all the hilly regions should identify   and categorize highly disaster prone, disaster prone and safe areas for   habitation. In most cases post disaster mitigation is carried out in the   form of 'relief'. Instead an equal emphasis should be laid on the   preparedness to face such an eventuality. The mishap has been very   tragic. May God give strength to the parents of the departed souls.22 hours ago · LikeUnlike ·
  • Hem Lohumi   ya, very sad. i also belong to same district, just had a word with my   parents there... they told me high alert has been announced for next 48   hrs.

    Let pray to god to wellness of our people21 hours ago · LikeUnlike ·
  • Jay Prakash Kandpal bhut dhuk ki bat hai ye 21 hours ago · LikeUnlike ·
  • Kiran Rawat ‎................................................................................18 hours ago · LikeUnlike ·
  • Pushkar Bisht A very sad and heart breaking news.I express my deep condolence over this incident.pray for their soul.17 hours ago · LikeUnlike ·
  • Vinod Kafaltiya हरसिंगाबगड   के पास बादल फटा और पहाडी नदी में एकाएक काफी मात्रा में पानी आ गया जिससे   सुमगढ में स्थित सरस्वती शिशु मंदिर का भवन ढह गया और उसमें पढ रहे बच्चे   उसकी चपेट में आ गये.

    अब तक 18 बच्चों के शव निकाले जा चुके हैं और छह बच्चों को सुरक्षित ...बचा लिया गया है.

    बादल फटने से इलाके में भारी तबाही हुई है. जगह-जगह सडकें टूट गयी और कई मकान भी धराशायी हो गये हैं.

    मौके पर राहत के लिये भारत तिब्बत सीमा पुलिस, उत्तराखंड पुलिस के अतिरिक्त स्थानीय ग्रामीण भी जुटे हुये हैं16 hours ago · LikeUnlike ·
  • Mahipal Singh Mehta   Today. Uttarakhand CM Mr Nishank and former CM Bhagat Singh Koshiyari   visited sumgarh village. Even in Parliament 2 minutes silence was   observed over this unfortunate incident. 10 hours ago · LikeUnlike ·
  • Shobhit Pant ⎝⏠⏝⏠⎠ god grant courage to those who have lost ! peace to uttrakhand !6 hours ago · LikeUnlike ·

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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from :   Parashar Gaur <parashargaur@yahoo.com>

" Is dukhad ghtnaa ko padkar man bahut bichlit  avm dulkhi hu-aa .. Niyati ke samaksh ham lachaar hai..
ishwar un bacho ke aatmaa ko shanti de wa unke priwar ko is dukh ke samye me sambal de. Ham  sab pervashi uttarakhandi unke dukhme hridya se shamlit hai . "
 
parashar gaur
canada

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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                पथराई आंखों ने दी 18 बच्चों को अंतिम विदाई
                                                                                   बागेश्वर। सुमगढ़ में बादल फटने के बाद सरस्वती शिशु मंदिर में जिंदा   दफन हुए सभी 18 बच्चों के शव निकाल लिये गये हैं। प्रशासन ने सामूहिक   पोस्टमार्टम करने के बाद शव परिजनों को सौंपे। क्षेत्र के सैकड़ों लोगों ने   रोते-बिलखते मासूमों का अंतिम संस्कार किया।
 बुधवार की सुबह सुमगढ़ के सरस्वती शिशु मंदिर तप्तकुंड में बादल फटने   के बाद आये मलबे में 18 बच्चे जिंदा दफन हो गये थे। स्थानीय ग्रामीणों,   पुलिस प्रशासन, आईटीबीपी व राजस्व टीम ने सभी शवों को मलबे से निकाल लिया   है। जिला प्रशासन ने घटना स्थल पर ही मृत बच्चों का पोस्टमार्टम कर शव   परिजनों को सौंप दिए। इस घटना से गांव में मातम छाया है। नन्हे-मुन्ने   बच्चों के शव जब परिजनों को सौंपे गए तो चारों ओर चीत्कार व क्रंदन गूंज   उठा। इस हृदयविदारक दृश्य को देख हर व्यक्ति रो पड़ा। परिजन कलेजे पर पत्थर   रखकर अपने लाड़लों को दफनाने ले गये। इस दौरान सुमगढ़, सलिंग, पेठी, सलिंग   उडियार आदि गांवों के सैकड़ों लोग मौजूद थे। शवों को लोगों ने अपने-अपने   गांवों के श्मशान घाट पर दफन किया। इस दौरान डीएम डीएस गब्र्याल, एसपी   मुख्तार मोहसिन सहित तहसील स्तर के अधिकारी भी मौजूद थे।



http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6659759.html

   

        

दीपक पनेरू

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कुमाऊं में तबाही का तांडव, पांच और मरे  हल्द्वानी/नैनीताल, जागरण न्यूज नेटवर्क: कुमाऊं में बारिश का कहर थमने का   नाम नहीं ले रहा है। सुमगढ़ हादसे के बाद गुरुवार को भी भारी तबाही मची   रही। हादसों में पांच और लोगों की मौत हो गई, जबकि दो लोग बह गए जिनका देर   रात तक पता नहीं चल सका।  दन्यां में भनोली तहसील अंतर्गत ग्राम पोखरी नैनी निवासी गोबिंदी देवी   पत्‍‌नी गोबिंद बल्लभ जंगल में जानवरों को चराने गई थी। खेत में बैठी   गोबिंदी के ऊपर जमीन खिसकने से मलबा आ गया और वह दब गई। पिथौरागढ़ के चमना   गांव निवासी बसंत सिंह पुत्र जोगा सिंह (52) गुरुवार को जानवर चुगाने जंगल   गया था। दोपहर बाद सवा दो बजे अचानक पहाड़ टूटने से वह बुरी तरह लहूलुहान   हो गया। उपचार के लिए जिला मुख्यालय ले जाते समय रास्ते में ही उसने दम   तोड़ दिया। एक अन्य घटना में भवाली में बुधवार की रात भारी बारिश के कारण   टम्टयूड़ा में एक मकान में मलबा आ गया। मलबे के नीचे दबने से भवन स्वामी   जॉन पीटरसन (55) की मौके पर ही मौत हो गई। परिवार के अन्य सदस्यों ने किसी   प्रकार अपनी जान बचाई। उधर कैलाश व्यू में एक मकान में मलबा आने से चंपा   देवी (60) पत्नी स्व. तारा सिंह रौतेला, उसकी 23 वर्षीया पुत्री रीना और आठ   वर्षीया पोती रिया घायल हो गई। खटीमा में लोहिया नदी पार करते समय   गौहरपटिया के हरि सिंह का 30 वर्षीय पुत्र प्रवेश सिंह बह गया, जिससे उसकी   मौत हो गई। काशीपुर के हेमपुर सेंट्रल ब्लाक निवासी 15 वर्षीय भरत पुत्र   राम चंद्र दोपहर में साइकिल से कहीं जा रहा था। अचानक वह बहला नहर में गिर   कर बह गया।   नैनीताल हाइवे, कालाढूंगी तथा भवाली मार्ग बंद रहने से नैनीताल का संपर्क   कई घंटों तक शेष कुमाऊं से कटा रहा,कुमाऊं में तबाही का  ..  निर्माणाधीन बल्दियाखान-खुर्पाताल मार्ग मल्ला ताकुला के पास एक किमी दायरे   में भूस्खलन के कारण नष्ट हो गया। भवाली मार्ग पर चीड़ के दो वृक्ष गिरने   से विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त हो गई और दिन भर यातायात ठप रहा। सायंकाल   नैनीताल राजमार्ग खोल दिया गया। भीमताल में बाईपास रोड पर स्थित नहर उफनाने   से उस पर बने दो पुल बह गए। मत्स्य विभाग के समीप बने नवनिर्मित पुल को भी   भारी बारिश के कारण खतरा उत्पन्न हो गया है। लमजाला में पुल बह जाने से   आवागमन ठप हो गया है। भीमताल-भवाली तथा भवाली-अल्मोड़ा मार्ग मलबा आने की   वजह से दोपहर तक बंद रहे। भवाली-नैनीताल मार्ग पर कोतवाली के समीप एक पुल   बह जाने से यातायात ठप हो गया। भीमताल में  फ्लोरीकल्चर विभाग में पानी भर   जाने से फूलों का बगीचा पूरी तरह नष्ट हो गया है। इससे करीब 13 लाख रुपये   का नुकसान हुआ है। बेतालघाट विकास खंड के ग्राम खैरना निवासी मनोहर सिंह   मेहरा (25) पुत्र स्व.बालम सिंह मेहरा बीती रात खैरना के पास स्थिति कोसी   नदी में कूद गया। वह मानसिक रूप से परेशान बताया जा रहा है। इधर रामनगर में   सांवल्दे नदी के उफान पर रहने से लगभग तीन घंटे से ज्यादा यातायात अवरुद्ध   रहा। सांवल्दे नदी को पार करने का प्रयास करते समय एक युवक बह गया। पानी   का बहाव कम होने के बाद उसको निकाला गया।  पर्वतीय क्षेत्रों में हुई बारिश   से तराई में भी नदी-नाले एक बार फिर उफान पर आ गये हैं। उफनाई जगबूढ़ा का   पानी खटीमा के पास पुल को छूने लगा है। सितारगंज क्षेत्र में बैगुल, सूखी व   कैलाश नदियों का जल स्तर काफी बढ़ गया है। बाढ़ से कई कच्चे मकान ढह गये   हैं। प्रशासन ने दर्जनों ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है।   इसके बावजूद कई परिवार पानी से भरे घरों में दिन बिता रहे हैं।

lpsemwal

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Bahut  dukh hua. Hame es prakar ki TRASDI ke samay yatha sambhav sahyog karna chahiye.

Nirman ke samy bhi sabhi prakar ki smabhanaon ko soch vichar kar hi kam karna chahiye.

सत्यदेव सिंह नेगी

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ईश्वर पहाड़ को इस आपदा से बचाए दुःख की इस घडी में हम सब साथ हैं

दीपक पनेरू

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  •     बागेश्वरएजेंसी : करीब चार हजार फीट की ऊंचाई  पर सुमगढ गांव के 18 नौनिहालों  को भारी वर्षा के बावजूद अपना जीवन संवारने की लालसा महंगी पड़ी और उन्हें जिंदगी  से ही हाथ धोना पड़ा। आसमान से बरसे कहर के कारण इस स्कूल  के जमींदोज होने से सभी बच्चे  बुधवार को जिंदा दफन हो गए थे। उत्तराखंड में बागेश्वर जिले के सुमगढ गांव का जो  सरस्वती शिशु मंदिर कल तक बच्चों के कोलाहल से परिपूर्ण था। वही गुरुवार को  बच्चों के असमय काल के गाल में समाने की कहानी बयां कर रहा था। बुधवार को एक  ही झटके में न केवल पूरा का पूरा स्कूल मलबे में तब्दील हो गया, बल्कि उसमें पढ़ने वाले 18 बच्चे अपने अभिभावकों को रोता-बिलखता  छोड़कर चले गए। राज्य गठन के बाद शायद यह पहला हादसा होगा, जब आसमान से बरसे कहर ने एक साथ इतने  बच्चों को मौत की नींद सुला दिया। सुमगढ की छात्रा खुशबू जोशी की मां ने भारी वर्षा के बावजूद अपनी  बिटिया को सजा-संवार कर स्कूल इसलिए भेजा था कि वह कहीं कक्षा में अन्य बच्चों  से पीछे न रह जाए। लेकिन शायद उसे पता नहीं था कि वह खुशबू को कभी लौटकर न  आने के लिए भेज रही है। खुशबू के साथ-साथ उसकी अन्य सहेलियां दीपा, योगिता, भारती, प्रेमाप्रीति और नेहा भी उस दुनिया में चली गईं, जहां से कभी कोई नहीं लौटता। सभी बच्चियों  के घरों में जबर्दस्त कोहराम मचा हुआ है। रमेश गडिया की मां का भी रो-रोकर  बुरा हाल है। गांव में जिन परिवारों के बच्चे सकुशल बचा लिये गए, वे अपने पड़ोसियों को ढांढस बंधाने के लिए  बुधवार से ही बिना खाए-पीए उनके घर के पास डटे हुए हैं। रमेश की मां को अपना  होश नहीं है। वह केवल अपने लाडले को वापस अपनी गोद में देखना चाहती हैं और नियति के इस कृत्य पर  उसको अभी भरोसा नहीं हो रहा है। रमेश के साथ उसके अन्य साथी मुन्ना, चंद्रशेखर, उर्मिला, तारा, पंकज, खीमसिंह, मनीषा, करण, गौरव और मोहित  भी अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठे। सभी बच्चों के परिजनों के समझ में नहीं आ रहा  है कि किस गलती से आसमान से गिरी आफत ने उनके हंसते- खेलते बच्चों को उनसे  छीन लिया। जीवन संवारने गए जिंदगी ही खो बैठे

पंकज सिंह महर

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लोमहर्षक त्रासदी थी, सभी दिवंगत बच्चों के परिवारों के प्रति हमारी संवेदनायें हैं।
ऐसी त्रासदियों से जूझते रहना हमारी नियति है, प्रकृति की इस मार से बचने का विकल्प भी तो नहीं है।

सत्यदेव सिंह नेगी

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School roof collapse changed their life forever...
Dehradun: Until yesterday, Nand Kishore Mishra was a happy father watching all his three children going to school.

But the tragedy that struck a primary school in Sumgad village of Bageshwar district yesterday changed his life forever as he lost his two sons and a daughter.

   
     
           
Mishra's two daughters -- Urmila (8, Yogita (5) and a son Gaurav (4)-- were studying in Saraswati Shishu Mandir school when its building collapsed following incessant rains, killing them on the spot.

Sushila Devi's two daughters were also among 18 children, all aged between 4 to 10, who were killed in the roof collapse leaving their parents and relatives inconsolable.

The death of Neha Danu (7) and Manisha Danu (4), Devi says, has left her alone in this world as her husband had died a few years ago.

 
   Meanwhile, Bageshwar district administration completed the rescue and search operation and handed over the bodies to their families after postmortem.

The bodies were later buried in an open field at the bank of the river Saryu.

"When the bodies were being buried, everyone had tears in his eyes," said Sub-Divisional Magistrate of Kapkot tehsil Kirtipal Singh, camping in the area since yesterday morning.

PTI

Meena Rawat

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Prakati ne maut ka khel khela........ :(

its very sad.......

 

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