Uttarakhand Updates > Uttarakhand Updates - उत्तराखण्ड समाचार
Agriculture,in Uttarakhand,उत्तराखण्ड में कृषि,कृषि सम्बन्धी समाचार
Devbhoomi,Uttarakhand:
रुद्रप्रयाग में खुलेगा कृषि विवि व मेडिकल कालेज
============================
रुद्रप्रयाग : प्रदेश के कृषि मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि रुद्रप्रयाग जिले के जखोली ब्लाक मुख्यालय में कृषि विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा तथा मुख्यालय में मेडिकल कालेज खोला जाएगा, इसके लिए प्रमुख सचिव को निर्देश दे दिए गए हैं। प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के साथ ही मंडी परिषद रुद्रप्रयाग जिले को गोद लेकर यहां विकास कार्य करेगी।
मंत्री बनने के बाद यहां पहुंचे कृषि मंत्री हरक सिंह रावत ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय को शीघ्र जनता की सुविधानुसार नए स्थान पर स्थापित किया जाएगा, इसके लिए प्रथम स्थान रुद्रप्रयाग शहर के बीच में स्थित आर्मी क्षेत्र है जबकि दूसरी प्राथमिकता भटवाड़ीसैड़ हैं।
श्री रावत ने कहा कि जखोली ब्लाक मुख्यालय में शीघ्र कृषि विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा। इसके लिए प्रमुख सचिव कृषि को निर्देशित कर दिया गया है। जिले को मंडी परिषद की ओर से गोद लिया जाएगा, जिसके तहत यहां के रास्ते व अन्य विकास संबंधी कार्य किए जाएंगे।
जिला मुख्यालय में सैनिक स्कूल भी खोला जाएगा। उप नल के तहत जिले के यहां के भूतपूर्व सैनिकों व अन्य को रोजगार मुहैया कराया जाएगा। साथ ही पूरे प्रदेश में जैविक व व्यवसायिक खेती को प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसके तहत मंडुवा, तिलहन, अरबी, अदरक, हल्दी की खेती पर विशेष जोर दिया जाएगा।
Dainik jagran
Devbhoomi,Uttarakhand:
वैज्ञानिक तकनीकों का किसानों को करें हस्तांतरण
लोहाघाट : डीएम श्रीधर बाबू अद्दांकी ने कृषि एवं अनुसंधान केंद्र सुई में जाकर वैज्ञानिकों द्वारा सब्जी पर किए जा रहे प्रयोगों व अन्य कार्यक्रमों का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रक्षेत्र भ्रमण कर संरक्षित खेती के अतंर्गत पॉलीहाउस में शिमला मिर्च, टमाटर, खीरा आदि की फसलें देखी।
उन्होंने केंद्र के प्रभारी अधिकारी को वैज्ञानिक तकनीकों का हस्तांतरण किसानों के खेतों में करने के निर्देश दिए तथा इस दिशा में केंद्र द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। जिलाधिकारी ने वर्षा आधारित जल संचयन तकनीकि को उपयोगी बताते हुए कहा कि सिंचाई के साधन न होने से पर्वतीय अंचलों में इस प्रकार के तरीके वरदान साबित हो सकते हैं। उनका कहना था कि जिस उद्देश्य से यहां केवीके की स्थापना की गई है
उसके अनुरूप वैज्ञानिक स्थानीय जलवायु के अनुरूप शाक सब्जी के बीज विकसित कर किसानों की बहुत बड़ी मदद कर सकते हैं। डीएम ने मशरूम उत्पादन, मत्स्य पालन, गृह वाटिका व प्रकाश प्रपंच का भी अवलोकन किया। उनके साथ आइटीबीपी के कमांडेंट नरेंद्र सिंह व अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
Source Dainik Jagran
Hisalu:
Navigation
[0] Message Index
[*] Previous page
Go to full version