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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
अजमल कसाब को फांसी पर लटकाया गया

नई दिल्ली।। 26/11 मुंबई अटैक के गुनहगार पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को फांसी दे दी गई है। कसाब को मुंबई की ऑर्थर रोड जेल से पुणे की यरवदा जेल में शिफ्ट कर बुधवार सुबह 7.30 बजे फांसी पर लटकाया गया। फांसी के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कसाब को फांसी दिए जाने की पुष्टि की है।
 
 तस्वीरों में: शिकंजे से फांसी के फंदे तक कसाब
 
 केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बताया कि गृह मंत्रालय ने 23 अक्टूबर को ही राष्ट्रपति से सिफारिश की थी कि कसाब की दया याचिका को खारिज कर दिया जाए। इसके बाद 5 नवंबर को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कसाब की दया याचिका को खारिज कर दिया। शिंदे ने बताया कि 8 नवंबर को ही यह तय हो गया था कि कसाब को 12 तारीख को फांसी दे दी जाए। इस बारे में महाराष्ट्र सरकार को उसी दिन जानकारी दे दी गई थी।
 
[color=14px][ जारी है ][/color][/size] मंगलवार को कसाब को मुंबई की ऑर्थर रोड जेल से पुणे की यरवदा जेल में गुपचुप तरीके से शिफ्ट कर दिया गया था। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि यरवदा जेल में फांसी देने का इंतजाम है। उसकी फांसी बुधवार सुबह साढ़े सात बजे तय की गई थी, जिसे तय समय पर अंजाम दे दिया गया। 25 वर्षीय कसाब को जनवरी 2008 से ऑर्थर रोड जेल में था।
 
 इससे पहले महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर.आर. पाटिल ने भी कसाब को फांसी दिए जाने की पुष्टि की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया के बाद आज सुबह 7.30 मिनट पर यरवदा जेल में कसाब को फांसी दे दी गई। उन्होंने कहा, 'पूरी दुनिया के सामने कसाब का अपराध साबित हुआ और आखिरकार उसे फांसी दे दी गई। यह 26/11 के हमले में मारे गए निर्दोष लोगों और शदीह ऑफिसर्स के लिए श्रद्धांजलि है।'
 
 अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि कसाब की डेड बॉडी का क्या किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री के मुताबिक इस बारे में पहले ही पाकिस्तान को लेटर भेजा गया था, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। कसाब को फांसी देने के बाद पाकिस्तान को दोबारा एक फैक्स भेजकर कसाब को फांसी दिए जाने की जानकारी दी गई है। शिंदे के मुताबिक अगर पाकिस्तान सरकार की तरफ से कसाब का शरीर लिए जाने का अनुरोध आता है, तब इस पर विचार किया जाएगा।
 
 कसाब उन 10 पाकिस्तानी आतंकियों में से एक था, जिन्होंने समंदर के रास्ते मुंबई में दाखिल होकर 26/11 हमले को अंजाम दिया था। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे। हमला करने से पहले इन आतंकियों ने गुजरात कोस्ट से एक भारतीय बोट को हाइजैक करके उसके कैप्टन को भी मार दिया था।
 
 कसाब ने सितंबर में राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी थी। इससे पहले 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले को बेहद 'रेयर' बताकर कसाब की फांसी की सजा पर मुहर लगा दी थी। जस्टिस आफताब आलम और सी. के. प्रसाद ने मुंबई हमले में पकड़े गए एक मात्र जिंदा आतंकी कसाब के बारे में कहा था कि जेल में उसने पश्चाताप या सुधार के कोई संकेत नहीं दिखाए। वह खुद को हीरो और देशभक्त पाकिस्तानी बताता था। ऐसे में कोर्ट ने माना था कि कसाब के लिए फांसी ही एकमात्र सजा है।


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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
उत्तराखंड के पहले सीएम स्वामी नहीं रहे

जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्ताराखंड के पहले मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी नहीं रहे। बुधवार सुबह राजधानी के सीएमआइ अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। वह 84 वर्ष के थे। स्वामी अपने पीछे चार पुत्रियों का भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। स्वामी मंगलवार की रात ही दिल्ली से दून लौटे थे। बुधवार शाम को यहां लक्खीबाग स्थित श्मशान घाट में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। राज्यपाल व मुख्यमंत्री समेत राजनीति जगत की तमाम हस्तियों ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया है। सरकार ने राज्य में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। राज्यभर में सरकारी कार्यालयों पर राष्ट्रीय ध्वज आधे झुका दिए गए। देहरादून जिले के सभी सरकारी कार्यालयों, विधानसभा, सचिवालय उनके सम्मान में बंद कर दिए गए। इस बीच, विधानसभा में दिवंगत स्वामी को श्रद्धांजलि देने के बाद सत्र पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
 मंगलवार देर रात दिल्ली से अपने नाती की शादी में शिरकत कर राजधानी लौटे पूर्व मुख्यमंत्री स्वामी को अचानक स्वास्थ्य बिगड़ने पर सीएमआइ अस्पताल में भर्ती कराया गया। सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। स्वामी के निधन की खबर मिलते ही राजनीतिक गलियारों में शोक छा गया और उनके पार्क रोड स्थित निवास पर श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों की भीड़ उमड़ने लगी। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट समेत मंत्री-विधायक, राजनीतिक दलों के नेताओं और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने उनके निवास पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्यपाल के दिल्ली प्रवास पर होने के कारण उनके प्रतिनिधि के रूप में प्रमुख सचिव अशोक ने पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित किया।




 शाम चार बजे स्वामी की अंतिम यात्रा शुरू हुई और उनकी पार्थिव देह को लक्खीबाग स्थित श्मशान घाट ले जाया गया। जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। चिता को मुखाग्नि उनके नाती विनायक शर्मा ने दी। इस मौके स्व.स्वामी के परिजनों समेत राजनीतिक दलों व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
 27 दिसंबर 1928 को नारनौल  में जन्मे नित्यानंद स्वामी के जीवन का अधिकांश हिस्सा देहरादून में ही बीता। उनके पिता वन अनुसंधान संस्थान  में तैनात थे। उनका विवाह चंद्रकांता से हुआ। उनकी चार पुत्रियां हैं।
 स्वामी के राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1950 में डीएवी कालेज के अध्यक्ष चुने जाने के साथ हुई। 50-60 के दशक में वह जनसंघ के सक्रिय कार्यकर्ता रहे। शुरुआत में वह कांग्रेस से जुड़े रहे और बाद में भाजपा से जुड़ गए। 9 नवंबर 2000 को उत्ताराखंड के अस्तित्व में आने पर स्वामी यहां के पहले मुख्यमंत्री बने। उनका कार्यकाल 11 महीने 20 दिन रहा। यूपी में वह विधान परिषद सभापति भी रहे।
 राज्यपाल डा.अजीज कुरैशी व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने ने पूर्व मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। अपने शोक संदेश में उन्होंने कहा स्वामी का निधन से राज्य ने एक कुशल राजनीतिक खो दिया है।



(source dainik jagran)

Devbhoomi,Uttarakhand:

बस खाई में गिरी, 26 घायल

चम्बा: चम्बा, उत्तरकाशी मोटर मार्ग पर बस के खाई में गिरने से उसमें सवार 26 लोग घायल हो गए। चार घायलों की गंभीर स्थिति को देखते उन्हें देहरादून रेफर किया गया।
शुक्रवार सुबह नौ बजे चम्बा से उत्तरकाशी जा रही बस संख्या यूए-104757 अनियंत्रित हो कर चम्बा से कुछ आगे हडमतल्ला गांव के समीप सौ मीटर गहरी खाई में जा गिरी। इस हादसे में बस में सवार 26 लोग घायल हो गए। उन्हें पीएचसी चम्बा में भर्ती कराया गया।

घायलों में बस चालक 30 वर्षीय बलवीर लाल पुत्र सोहन लाल निवासी ग्राम हडोली पुरोला, अनुराधा सकलानी पत्‍ि‌न रामस्वरूप सकलानी निवासी सुमन कालोनी चम्बा, बचन दास पुत्र कमल दास निवासी ग्राम धनारी उत्तरकाशी व प्रमोद कुमार पुत्र काशीराम ग्राम कटखेत निवासी की हालत गंभीर देखते उन्हें देहरादून रेफर किया गया है।


] ग्राम हडम व गुल्डी के ग्रामीणों के साथ चम्बा पुलिस के जवान, तहसीलदार मीनाक्षी पटवाल मौके पर पहुंचे और घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की। वही टिहरी के विधायक दिनेश धनै ने अस्पताल में पहुंचकर घायलों के हालचाल पूछे। दुर्घटना का कारण सड़क पर पड़ा पाला माना जा रहा है है। बस में 30 से अधिक लोग सवार थे।



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