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Uttranchal Ka Sare Dawdega Olympic Mai
http://in.jagran.yahoo.com/news/sports/general/7_9_4626951.html भारत के लंबी दूरी के धावक सुरेंद्र सिंह ने एक महीने पहले बनाए अपने राष्ट्रीय रिकार्ड में सुधार करते हुए स्पेन के बिगो में स्पेनिश ओलंपिक ट्रायल में पुरुषों की दस हजार मीटर दौड़ में चौथा स्थान हासिल करके बीजिंग ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया।
सुरेंद्र ने 28 मिनट 02.89 सेकंड का समय लेकर ओलंपिक का 'बी' क्वालीफिकेशन मार्क हासिल किया। सुरेंद्र ने दौड़ के बाद कहा, 'मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि मैंने यह हासिल कर लिया है। मैं पिछले दो साल से ओलंपिक की तैयारी कर रहा था और आज मुझे मेरी कड़ी मेहनत का फल मिला।' बीजिंग ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने के लिए प्रतिबद्ध सुरेंद्र ने प्रति किलोमीटर दो मिनट 49 सेकंड में पूरी करने का लक्ष्य बनाया था। उन्होंने लगातार दो मिनट 50 सेकंड से कम में एक किमी की दूरी पार की। अंतिम एक किमी तो उन्होंने केवल दो मिनट 38 मिनट में ही पार कर लिया था।
उत्तराखंड के चमोली जिले के घंडियाल गांव में एक किसान परिवार में जन्में सुरेंद्र ने दौड़ का पहला पाठ स्कूल के दिनों में सीखा क्योंकि उन्हें गैरसैण स्थित राजकीय इंटर कालेज में पहुंचने के लिए रोज दस किमी तक दौड़ना पड़ता था। सुरेंद्र पांच बार अनफिट करार दिए जाने के बाद आखिरकार 1999 में गढ़वाल रेजीमेंट में सैनिक के तौर पर भर्ती हो गए। अब सुरेंद्र गढ़वाल राइफल्स के 122 साल के इतिहास में उसके पहले एथलीट हैं जो ओलंपिक में भाग लेंगे।
इस धावक ने पहली बार 2003 में शिमला में राष्ट्रीय क्रास कंट्री रेस में सेना का प्रतिनिधित्व किया जिसमें उन्होंने एशियाई क्रास कंट्री में जगह बनाई। पुणे में 2004 में आयोजित इस प्रतियोगिता में उन्होंने लोगों का ध्यान खींचा और फिर अगले एक साल सेना खेल संस्थान में प्रशिक्षण लिया। इसके बाद उन्होंने भारत के मध्यम और लंबी दूरी की दौड़ के कोच डा. निकोलाई स्नीसराव से बेंगलूर में 2006 से कोचिंग ली। विगो में स्पेन के जुआन कार्लोस डि ला ओसा युंटा ने 27 मिनट 28.31 सेकंड का समय निकालकर कापेनाटो डि एस्पाना डि 10000 रेस जीती। उनके हमवतन कार्ल्स कैस्टिलियजो साल्वाडोर दूसरे और आयद लैम्डासेम अल माउचिन तीसरे स्थान पर रहे।
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