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Politics In Uttarkhand - उत्तराखंड की राजनीति

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
लालबत्ती को लेकर दिन भर चर्चाओं का दौरNov 09, 02:32 am

देहरादून। सियासत के गलियारों में लालबत्तियों को लेकर चर्चाओं का दौर आज दिनभर तेज रहा। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री राज्य स्थापना दिवस के मौके पर इस बारे में कुछ नामों की घोषणा कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी आज सुबह हवाई मार्ग से दिल्ली गए और शाम को लौट आए। कहा जा रहा था कि वे संगठन के लोगों को लालबत्तियां बांटने के बारे में आलाकमान से चर्चा करने गए थे। इस बारे में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सांसद बची सिंह रावत का कहना था कि आज लालकृष्ण आडवानी का जन्मदिन था। मुख्यमंत्री और वे खुद श्री आडवाणी को बर्थ डे विश करने गए थे। लालबत्तियों के बारे में कोई भी चर्चा नहीं हुई। प्रदेश अध्यक्ष का कहना था कि यह मामला अगले साल तक के लिए टल भी सकता है। इसके बाद भी देररात तक नेताओं के फोन अखबारों के दफ्तरों में घनघनाते रहे। यह नेता जानना चाहते थे कि क्या सरकार ने लालबत्तियों के बारे में सूची जारी कर दी है। इस बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय से किसी तरह की पुष्टि नहीं की गई। अलबत्ता माना जा रहा है कि शुक्रवार को राज्य स्थापना दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री इस बारे में कुछ नामों की घोषणा कर सकते हैं। कहा जा रहा है कि सरकार ने अभी हाल में ही राज्य निर्माण आंदोलनकारी समिति का ढांचा तय किया है। इसके नामों की घोषणा कल हो सकती है। इस समिति के अध्यक्ष और दो उपाध्यक्षों को लालबत्ती वाली कार दी जा सकती है।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:


The issue of Lal Bhaati has come once again in UK.

Hope another Nauchami Narayana will be released by Negi Ji.


--- Quote from: M S Mehta on November 10, 2007, 09:14:46 AM ---लालबत्ती को लेकर दिन भर चर्चाओं का दौरNov 09, 02:32 am

देहरादून। सियासत के गलियारों में लालबत्तियों को लेकर चर्चाओं का दौर आज दिनभर तेज रहा। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री राज्य स्थापना दिवस के मौके पर इस बारे में कुछ नामों की घोषणा कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी आज सुबह हवाई मार्ग से दिल्ली गए और शाम को लौट आए। कहा जा रहा था कि वे संगठन के लोगों को लालबत्तियां बांटने के बारे में आलाकमान से चर्चा करने गए थे। इस बारे में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सांसद बची सिंह रावत का कहना था कि आज लालकृष्ण आडवानी का जन्मदिन था। मुख्यमंत्री और वे खुद श्री आडवाणी को बर्थ डे विश करने गए थे। लालबत्तियों के बारे में कोई भी चर्चा नहीं हुई। प्रदेश अध्यक्ष का कहना था कि यह मामला अगले साल तक के लिए टल भी सकता है। इसके बाद भी देररात तक नेताओं के फोन अखबारों के दफ्तरों में घनघनाते रहे। यह नेता जानना चाहते थे कि क्या सरकार ने लालबत्तियों के बारे में सूची जारी कर दी है। इस बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय से किसी तरह की पुष्टि नहीं की गई। अलबत्ता माना जा रहा है कि शुक्रवार को राज्य स्थापना दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री इस बारे में कुछ नामों की घोषणा कर सकते हैं। कहा जा रहा है कि सरकार ने अभी हाल में ही राज्य निर्माण आंदोलनकारी समिति का ढांचा तय किया है। इसके नामों की घोषणा कल हो सकती है। इस समिति के अध्यक्ष और दो उपाध्यक्षों को लालबत्ती वाली कार दी जा सकती है।



--- End quote ---

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

May be somewhat this is true.


--- Quote from: M S Mehta on November 08, 2007, 09:35:10 AM ---भाजपा शासन में आम जनता का जीना दूभरNov 08, 02:31 am

बागेश्वर। जिला कांग्रेस कमेटी की यहां सम्पन्न बैठक में वक्ताओं ने भाजपा सरकार को हर मोर्चे पर विफल करार दिया कहा कि भाजपा शासन में आम आदमी का जीना दूभर हो गया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्य के बागेश्वर आगमन पर तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया व कार्यकर्ताओं को विभिन्न जिम्मेदारियां दी गई।

जिलाध्यक्ष उमेद सिंह माजिला की अध्यक्षता में सम्पन्न बैठक में वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश की जनता को गुमराह कर भाजपा ने सत्ता हथिया तो ली परंतु उसे अब सरकार चलाना नहीं आ रहा है। राज्य में अब तक कोई नीतिगत फैसले नहीं लिए गए है। आम जनता गैस, राशन की तंगी से जूझ रही है। महंगाई के मुद्दे पर सत्ता तक पहुंचने वाली भाजपा अब अपने मुद्दों को ही भूल गई है। बैठक में तय किया कि 14 नवम्बर को श्री आर्या के आगमन पर जगह-जगह तोरण द्वार लगाए जाएंगे। श्री आर्य नगर में जलूस की शक्ल में घूमते हुए जनता से मुलाकात करेंगे व नुमाइश मैदान में कार्यकर्ताओं की बैठक


--- End quote ---

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
सात आईएएस के तबादलेNov 15, 02:52 am

देहरादून। शासन ने आज चार जिलाधिकारियों समेत सात आईएएस अफसरों को इधर से उधर किया है। कुछ अफसरों का दायित्व भी बदला गया है। इसके अलावा कई मुख्य विकास अधिकारी भी स्थानांतरित किए गए हैं।

कार्मिक विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गन्ना आयुक्त, श्रम आयुक्त के साथ ही सेवायोजन निदेशक का काम देख रहे आरसी पाठक को रिक्त चल रहे डीएम चम्पावत के पद पर भेजा गया है। हरिद्वार के मुख्य विकास अधिकारी सचिन कुर्वे को रुद्रप्रयाग का जिलाधिकारी बनाया गया है। रुद्रप्रयाग के डीएम डी. सेंथिल पांडियन को इसी पद पर पिथौरागढ़ भेजा गया है। पिथौरागढ़ के डीएम कुणाल शर्मा को पर्यटन विकास परिषद का अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी और सिडकुल का प्रबंध निदेशक बनाया गया है। सिडकुल के प्रबंध निदेशक को फिलहाल कोई दायित्व नहीं दिया गया है। बताया जा रहा है कि उनकी उत्तराखंड में प्रतिनियुक्ति की अवधि कुछ रोज में ही समाप्त होने वाली है। अपर सचिव नियोजन का दायित्व देख रहे यूडी चौबे को इस बार टिहरी का डीएम बनाया गया है। टिहरी के डीएम गिरिजा शंकर जोशी को गन्ना आयुक्त और श्रम आयुक्त के साथ ही श्रम एवं सेवायोजन का निदेशक बनाया गया है। चमोली के मुख्य विकास अधिकारी रमन रविनाथ को इसी पद पर हरिद्वार भेजा गया है। शासन ने अपर सचिव विनोद शर्मा को अपर सचिव सूचना के साथ ही सूचना विभाग के अधिशाषी निदेशक का दायित्व भी दिया है। दिल्ली में अपर स्थानिक आयुक्त सुबर्धन को वर्तमान पदभार के साथ ही यहां देहरादून में अपर सचिव , निदेशक संस्कृति विभाग और निदेशक संस्कृत शिक्षा, अपर सचिव (गन्ना) को वर्तमान पदभार के साथ ही अपर सचिव नियोजन, सुश्री हेमलता ढौंडियाल को अपर सचिव पुनर्गठन, पर्यटन, औद्योगिक विकास के साथ ही संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी अतिरिक्त दायित्व दिया गया है।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
Probe into Congress days scams progressing: Uttarakhand CM
New Delhi | Thursday, Nov 15 2007 IST
 
The commissions of inquiry set up by the Uttarakhand Government to look into the cases of corruption and various scams allegedly committed under the previous Congress Government have started their work and would come out with their report in due time.

''Though no time frame can be given for these commissions to give their report, they are on their job and would deliver the report as soon as possible,'' said Uttrakhand Chief Minister B C Khanduri, whose party had dislodged the Congress from power in the state eight months ago on the plawk of corruption and development.

''We will not tolerate corruption and have proved this by scrapping the system of examination for recruitment to variuos state services,'' said Maj Gen (Retd) Khanduri interacting with mediapersons here.

In the competitive tests for a number of categories of government posts, the state has done away with interviews as that system had the scope for political pressures on and financial enticement for selectors.

''We now have tests in which there is no descriptive part and all questions are objective to be answered in yes or no, and after the examination, the candidate is given a copy of his answersheet so that he can get it checked by experts if he feels dissatisfied with the result,'' the Chief Minister said.

Replying to a query, he said the biggest challenge before the state was to bring in industry to the hilly areas. ''So far, investors have come to the plain districts of the state, but our target is to set up industries in the hill districts, and for that we have asked the expert bodies on industrial development to study the problem and advise us, '' he added.

The state government was ready to provide a slew of concessions to set up industries, particularly in hilly areas where they can also utilise the locally available raw material, he said.

These industries include food processing, herbal products, flower trade.

To another query, the Chief Minister said Uttarakahnad was the first state to have in place a Security Commission which is going into various aspects of internal and external threat to security.

The Commission is headed by former Uttar pradesh Director General of Police Prakash Singh with others security experst as members.

''Our aim is to have a kind of state with law and order in perfect shape and for that we have to streamline the state administration and make it accountable,'' he said.

Besides, the internal security, the Commission would also deal with matters of external threat to security as the state has borders with China, Tibet and Nepal, he added.


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