लालबत्ताी: चुनिंदा सिरों पर ही सजेगा ताजNov 27, 02:09 am
देहरादून। पांच साल से लालबत्तिायों को सपना संजोए भाजपा के सैकड़ों दावेदारों को यह सुनकर निराशा होगी कि सरकार के मुखिया 'जनरल' खंडूड़ी बत्तिायों की तादाद 23 से ज्यादा बढ़ाने को राजी नहीं हैं। जाहिर है कि संख्या इतनी कम रही तो बहुत पहुंच वाले या ज्यादा योग्यता रखने वाले ही इसमें समा पाएंगे। बताया जाता है कि संगठन के कई नेता लाल बत्ताी व राज्यमंत्री के ओहदे के बगैर ही कुछ और लोगों को भी घोड़ा-गाड़ी मुहैया कराने की पैरवी में लगे हैं, जबकि कुछ तिवारी सरकार की तर्ज पर लालबत्ताी बढ़ाने का सुझाव दे रहे हैं।
लालबत्ताी के आवंटन में जैसे-जैसे विलंब होता जा रहा है वैसे-वैसे उनकी संख्या भी कम होती जा रही है, इससे भाजपाइयों में बैचेनी और बढ़ने लगी है। भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में तिवारी सरकार के दौरान बंटी लालबत्तिायों को भी एक बड़ा मुद्दा बनाया था। इस मुद्दे को वह जनता के बीच भुनाने में कामयाब भी रही थी। अब जब लालबत्ताी बांटने का नंबर उसका आया तो सरकार के मुखिया फूंक-फूंक कर कदम रखना चाहते हैं। मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी किसी ऐसे कदम को उठाने को मूड में नहीं है,जिससे बाद में उन्हें विपक्ष की किरकिरी का सामना करना पड़े। सूत्रों की माने तो यही प्रमुख कारण है कि मुख्यमंत्री लालबत्ताी ज्यादा बांटने के फेर में नहीं पड़ना चाहते हैं। उन्होंने फिलहाल संवैधानिक पदों पर ही लालबत्तिायां देने का मन बनाया है। इस दायरे में विभिन्न आयोग, परिषद, प्राधिकरण व निगमों के जो पद आते हैं उनकी संख्या 23 बताई जा रही है। इनमें से गढ़वाल व कुमाऊं मंडल विकास निगम के अध्यक्ष, राज्य वन्य जीव सलाहकार परिषद सदस्य,उत्तारांचल अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग अध्यक्ष,उत्तारांचल अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष,भागीरथी नदी घाटी प्राधिकरण उपाध्यक्ष,भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड अध्यक्ष,राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद अध्यक्ष, प्रादेशिक बाल कल्याण बोर्ड सदस्य, राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष, उत्तारांचल वक्फ बोर्ड अध्यक्ष,बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति उपाध्यक्ष, उत्तारांचल अल्प संख्यक आयोग अध्यक्ष, उत्ताराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अध्यक्ष, उत्तारांचल हज समिति अध्यक्ष,समाज कल्याण सलाहकार बोर्ड अध्यक्ष, राज्य सलाहकार संविदा बोर्ड अध्यक्ष,उत्ताराखंड कृषि उत्पादन मंडी परिषद अध्यक्ष,श्री बदरीनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष,राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सलाहकार समिति अध्यक्ष,राज्य स्तरीय सतर्कता समिति अध्यक्ष,उत्ताराखंड राज्य महिला आयोग अध्यक्ष व उत्ताराखंड वन विकासन निगम अध्यक्ष के पद शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि लालबत्तिायों की संख्या कम होने से इसके आवंटन में विलंब हो रहा है। हालांकि पार्टी के कई प्रदेशस्तरीय नेता बत्तिायों का आवंटन जल्द कराने के लिए दबाव की रणनीति भी बना रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि कुछ नेता लाल बत्तिायों की संख्या बढ़ाने के पक्ष में हैं, जिससे अंदरूनी नाराजगी को भी कम किया जा सके। पार्टी के कुछ नेताओं का यह भी मानना है कि निकट भविष्य में पौड़ी लोस उपचुनाव भी है। इस चुनाव से पहले मुख्यमंत्री क्षेत्रीय नेताओं की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहते हैं, यह वजह भी लालबत्ताी बंटने में विलंब का प्रमुख कारण बताई जा रही है।