Author Topic: Public Protest For Development - जिबड़ियो छाल्यो पड़ो विकास पुकारि-पुकारि  (Read 27028 times)

पंकज सिंह महर

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ब्यूंखी: हाईस्कूल खोलने की मांग आज भी अधूरी

गुप्तकाशी (रुद्रप्रयाग)। विकासखंड ऊखीमठ के अन्तर्गत सुदूरवर्ती ग्राम पंचायत ब्यूंखी में जूनियर हाईस्कूल खोलने की लंबे समय से मांग करते आ रहे ग्रामीणों को अभी तक भी शासन-प्रशासन स्तर से निराशा ही हाथ लगी है। वहीं विद्यालय न होने से छात्र-छात्राओं को प्रवेश के लिए कोसों दूर जाना पड़ रहा है। लोगों में शासन-प्रशासन के इस उपेक्षात्मक रवैये से खासी नाराजगी है।

गांव में जूनियर विद्यालय खोलने की मांग को लेकर लम्बे समय से शासन-प्रशासन व विभाग के दरवाजे खटखटा चुके ग्रामीणों हर तरफ से निराशा ही हाथ लगी है, इस उपेक्षात्मक रवैये वह खासे नाराज भी है। पूर्व प्रधान व सामाजिक कार्यकर्ता दिवान सिंह रावत का कहना है कि लंबे समय से लगातार क्षेत्र में जूनियर हाईस्कूल खोलने की मांग करते आ रहे है। परन्तु शासन-प्रशासन व शिक्षा विभाग की अनदेखी के चलते आज तक भी विद्यालय की स्वीकृति नहीं मिल पाई है। ऐसे में दूर-दराज की स्कूलों में पड़ने वाले नौनिहालों को भी आये दिन पैदल ही मीलों चलना पड़ता है, जिसका विपरीत प्रभाव उनके पठन-पाठन पर पड़ता है।

अभिभावक दयाल सिंह, मनोहर लाल, दिनेश प्रसाद सहित कई लोगों का कहना है कि जूनियर हाईस्कूल न होने से पाल्यों को भारी दिक्कतें पैदा हो रही है। उन्होंने पुन: शासन-प्रशासन से इस दिशा में सकारात्मक पहल की मांग की है।

पंकज सिंह महर

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पिथौरागढ़। करीब दो हजार की आबादी वाला देवलथल कस्बा इन दिनों गंभीर पेयजल संकट से जूझ रहा है। आक्रोशित कस्बे के लोगों का कहना है कि सात माह पूर्व पेयजल योजना का चैम्बर क्षतिग्रस्त हो जाने से यह समस्या पैदा हुई है और बार-बार मांग करने के बाद भी विभाग इसे ठीक करने के लिए कोई पहल नहीं कर रहा है।

जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित देवलथल कस्बे की पेयजल लाइन के मूल स्त्रोत पर बना चैम्बर सात माह पूर्व अतिवृष्टि में ध्वस्त हो गया था। चैम्बर क्षतिग्रस्त हो जाने से पानी बेकार चला जा रहा है। फरवरी तक तो किसी तरह काम चल गया,लेकिन मार्च शुरू होते ही कस्बे में पेयजल की समस्या पैदा होने लगी, जो अब काफी गहरा चुकी है। कस्बे के लोग नौले धारों से अपनी पेयजल जरूरतें पूरी कर रहे है। जल संस्थान से बार-बार इस स्त्रोत को ठीक करने की मांग कस्बे के लोग कई बार कर चुके है,लेकिन अभी तक स्त्रोत को ठीक करने के लिए कोई पहल नहीं की गयी है। इससे क्षेत्र के लोगों में गहरा आक्रोश है। क्षेत्रवासियों ने अविलम्ब पेयजल योजना को ठीक करने के लिए कदम नहीं उठाये जाने पर सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है। क्षेत्रवासियों ने इस संबंध में जिलाधिकारी को एक पत्र प्रेषित किया है। पत्र में कहा गया है कि कुछ ही समय पर इस योजना के निर्माण में बीस लाख रुपये की धनराशि खर्च की गयी थी। इतनी धनराशि खर्च करने के बाद भी कस्बे में पेयजल दिक्कत विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खडे़ करती है।

पंकज सिंह महर

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पिथौरागढ़। सीमांत तहसील मुनस्यारी के दर्जनों गांव दुर्दशा के शिकार हैं। इन गांवों में न बिजली है न पानी की व्यवस्था, स्कूलों में शिक्षक नहीं है। वर्षो से भू-स्खलन की मार झेल रहे गांवों में बचाव के भी कोई उपाय नहीं किये गये है। इससे सीमांत के लोगों में गहरा आक्रोश है। समस्याओं को अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि जो गांव तहसील मुख्यालय को जगमग करने के लिए पानी उपलब्ध करा रहे है सरकार ने उन गांवों को आज तक अंधेरे में रखा है।

भाकपा माले के राज्य कमेटी सदस्य गिरिजा पाठक, जिला कमेटी सदस्य जगत मर्तोलिया, सुरेन्द्र बृजवाल ने दूरस्थ गावों का पैदल भ्रमण कर इन समस्याओं को देखा। गांवों का भ्रमण करने के बाद लौटे भाकपा माले नेताओं ने बताया कि सीमांत के गांव तमाम संकट झेल रहे हैं। सेनर और प्यांग्ती गांव से निकलने वाली सुरिंग गाड़ में बनायी गयी जल विद्युत परियोजना से तहसील मुख्यालय सहित दर्जनों गांवाें को बिजली मिल रही है,लेकिन ये दोनों गांव आज भी अंधेरे में है। ग्रामीणों के बार-बार आवाज उठाने पर विद्युत विभाग ने गांव में विद्युत लाइन बिछा दी,लेकिन उन्हे ऊर्जीकृत नहीं किया। पांच वर्ष पूर्व इन गांवों में जबरदस्त भू-स्खलन हुआ था जिसमें किसानों की कई नाली भूमि में लगी उपज बह गयी,लेकिन आज तक इस उपज का मुआवजा किसानों को नहीं दिया गया है। यही हाल क्वीरी जिमियां गांव का है। साई पोलू गांव में वर्ष 1962 से आपदायें आ रही है,लेकिन इस संवेदनशील गांव के लोगों को पुनर्वासित करने के लिए प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया है। साईपोलू के जूनियर हाईस्कूल में मात्र एक शिक्षक तैनात है। इन ग्रामीण इलाकों में आज भी कई पात्र व्यक्ति वृद्धा, विकलांग, विधवा पेंशन के लाभ से वंचित है। वर्षो बाद बन रहे धापा- बोगडियार मोटर मार्ग के निर्माण से क्वीरी जिमियां और साई पोलू गांवों को सड़क सुविधा मिलने की उम्मीद थी,लेकिन नये सर्वे में इन गांवों को सड़क सुविधा से वंचित कर दिया गया है। जिसका ग्रामीण क्षेत्रों में जबरदस्त विरोध हो रहा है।

पंकज सिंह महर

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ग्यारहगांव हिंदाव में संचार व स्वास्थ्य सुविधाओं का टोटा
घनसाली (टिहरी गढ़वाल)। सूबे को सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाले भिलंगना ब्लाक की पट्टी ग्यारहगांव व हिंदाव में संचार व स्वास्थ्य और बिजली जैसी मूलभूत जनसुविधाओं का टोटा है, जिसके चलते आज भी ग्रामीणों को 60 किमी से अधिक दूर घनसाली आना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने क्षेत्र को संचार से जोड़ने तथा स्वास्थ्य केन्द्र खोलने की मांग की है।
दोनों पट्टियों के 70 से अधिक गांव के हजारों ग्रामीण संचार क्रांति के इस युग में भी दूर संचार जैसी महत्वपूर्ण सुविधा से वंचित हैं। इस क्षेत्र में न तो मोबाईल टावर हैं और न ही बेस फोन। इस क्षेत्र के अधिकांश लोग विदेशों में हैं उनकी कुशलक्षेम पूछने के लिए लोगों को कई किमी दूर घनसाली आना पड़ता है। कई बार ग्रामीणों ने अखोड़ी व हुलानाखाल में मोबाईल टावर की मांग की लेकिन अभी तक दूर संचार विभाग ने क्षेत्र को संचार सेवा से नही जोड़ा है। कहने को तो स्वास्थ्य विभाग ने हुलाखाल में एक स्वास्थ्य केंद्र खोला है लेकिन पांच साल से उक्त स्वास्थ्य केंद्र में एक भी चिकित्सक नहीं हैं यहां तक की स्वास्थ्य केंद्र की देख-रेख करने के लिए सफाई कर्मी भी नहीं हैं। ऐसे में ग्रामीणों को बच्चों के टीकाकरण तक के लिए घनसाली व अन्य जगहों की शरण लेनी पड़ रही है। ग्राम गनवाड़ी के प्रधान प्रेम सिंह रावत, फत्ते सिंह राणा, क्षेत्र पंचायत सदस्य सोहनलाल परोपकारी,युवा नेता विजय गुनसोला आदि ने बताया कि न तो गांव में टीकाकरण के लिए ऐनम आती हैं और न हुलानाखाल में कोई चिकित्सक तैनात है। उन्होने मांग कहा कि हुलानाखल व अखोड़ी में शीघ्र मोबाईल टावर लगाये जाये तथा मैगाधार व जगदीगाड़ में नये स्वास्थ्य केन्द्र खोले जाए एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में हुलानाखाल शीघ्र ही चिकित्सक नियुक्त किया जाए जिससे ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं का समय पर लाभ मिल सके।






पंकज सिंह महर

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पिथौरागढ़। योजना में पानी नहीं आने से देवलथल कस्बे में पिछले पन्द्रह दिनों से जबरदस्त पेयजल संकट बना हुआ है। जानकारी के बावजूद जल संस्थान द्वारा योजना में जलापूर्ति सुचारु करने के प्रयास नहीं किये जा रहे है। इसके चलते कस्बे के लोगों और व्यापारियों को कई किमी दूर से जलापूर्ति करनी पड़ रही है। परेशान क्षेत्रवासियों ने तीन दिन के भीतर योजना में पानी नहीं आने पर विभागीय कार्यालय में तालाबंदी करने की चेतावनी दी है।

देवलथल कस्बे की जलापूर्ति के लिये टाणां से 17 लाख रुपये की लागत से पेयजल योजना बनायी गयी है। क्षेत्रवासियों और व्यापार मण्डल का कहना है कि योजना के निर्माण के बाद जल संस्थान द्वारा ध्यान नहीं दिये जाने से सुचारु जलापूर्ति नहीं हो पाती है। व्यापार मण्डल का आरोप है कि इस योजना में पिछले पन्द्रह दिनों से जलापूर्ति ठप पड़ी हुयी है। इसकी सूचना कई बार विभागीय अधिकारियों को दी जा चुकी है। इसके बावजूद योजना में जलापूर्ति सुचारु करने के प्रयास नहीं किये जा रहे है। योजना में पानी नहीं आने से व्यापारियों क्षेत्रवासियों को जलापूर्ति के लिये दूरस्थ गधेरों और नौलों की दूरी नापनी पड़ रही है। इसके खिलाफ व्यापारियों और कस्बे के लोगों में गहरा आक्रोश बना हुआ है। व्यापार मण्डल और क्षेत्रवासियों ने तीन दिन के भीतर जलापूर्ति सुचारु नहीं किये जाने पर 30 अप्रैल को विभागीय कार्यालय में तालाबंदी करने की चेतावनी दे डाली है।

पंकज सिंह महर

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डीडीहाट (पिथौरागढ़): पुनर्वास और मुआवजे की मांग को लेकर ओगला कस्बे में आपदा प्रभावितों का आंदोलन पन्द्रहवें दिन भी जारी रहा। आंदोलन को एक पखवाड़ा बीत जाने के बाद भी कोई सुध नहीं लिये जाने से गुस्साये प्रभावितों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।
ओगला कस्बे में चल रहे आंदोलन में मंगलवार को आयोजित सभा में शासन-प्रशासन के खिलाफ गहरा आक्रोश व्यक्त किया गया। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे डीडीहाट संघर्ष समिति के अध्यक्ष जोध सिंह बोरा ने कहा कि शासन-प्रशासन की चुप्पी से साफ हो गया है कि उसे आपदा पीड़ितों की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं रह गया है। उन्होंने चेतावनी देते हुये कहा कि इस उपेक्षा को किसी कीमत पर सहन नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जब तक सभी प्रभावितों का पुनर्वास नहीं किया जाता आंदोलन को समाप्त नहीं किया जायेगा। श्री बोरा ने कहा कि पुनर्वास नहीं होने से पिछले आठ माह से आपदा प्रभावित परिवार ध्वस्त भवनों में दिन गुजार रहे है। यदि शीघ्र पुनर्वास की कार्रवाई नहीं की जाती तो वर्षाकाल में कभी भी हादसा हो सकता है।

पंकज सिंह महर

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विद्युत परियोजना के खिलाफ आंदोलन जारी

कपकोट (बागेश्वर): उत्तर भारत हाइड्रोपावर कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा क्षेत्र में बनाई जा रही विद्युत परियोजना के खिलाफ ग्रामीणों का क्रमिक अनशन जारी है। ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार को जन विरोधी करार देते हुए कहा कि सरकार गांव के हितों को नजर अंदाज कर रही है।

क्रमिक अनशन में बैठे जोध सिंह टाकुली व दान सिंह टाकुली का आमरण अनशन जारी रहा। इस दौरान आयोजित नियमित सभा में वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा परियोजना प्रबंधकों के इशारे पर कार्य किया जा रहा है ग्रामीणों के आंदोलन को लम्बा समय बीत जाने के बाद भी परियोजना का कार्य नहीं रोका जा रहा है उन्होंने परियोजना प्रबंधकों पर आरोप लगाया कि ग्रामीणों को उनके द्वारा बरगलाया जा रहा है तथा धमकियां दी जा रही है। कहा कि जब तक परियोजना को बंद नहीं किया जाएगा तब तक ग्रामीणों का आंदोलन जारी रहेगा चाहे इसके लिए उन्हे कोई भी कुर्बानी देने की आवश्यकता हो।

पंकज सिंह महर

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ताड़ीखेत की ब्राउंज फैक्ट्री में लगी आग

रानीखेत (अल्मोड़ा)। बुधवार देर रात्रि ताड़ीखेत ब्लाक स्थित ब्राउंज फैक्ट्री में अचानक आग लग गयी। आग पर दमकल कर्मियों की मदद से बमुश्किल काबू पाया गया। घटना में काई जानोमाल के नुकसान की सूचना नही है।

ताड़ीखेत स्थित ब्राउंज फैक्ट्री में बुधवार देर रात करीब 9 बजे आग लग गयी। आग इतनी भीषण थी कि उसकी चपेट में पास स्थित आवासीय मकानों व पशु चिकित्सालय की दीवार तक पहुंच गयी। स्थानीय लोगों की मदद से अग्निशमन दल को सूचना दी गयी। मौके पर पहुंची अग्निशमन दल की दो गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। स्थानीय लोगों ने बताया कि पहले आग पास के जंगल में लगी फिर यह आग बढ़ते-बढ़ते फैक्ट्री तक पहुंच गयी। उन्होंने बताया कि पहले किसी ने सोचा भी नही था कि आग इतना विकराल रूप ले लेगी। अगर दमकल कर्मी व स्थानीय लोग मौके पर नही पहुंचते तो करोड़ों का नुकसान होता।

हेम पन्त

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पिथौरागढ। तीन प्रतिशत आरक्षण के आधार पर विभिन्न विभागों में नियुक्ति प्रकिया शुरू नहीं होने से खिन्न विकलांगों ने फिर आंदोलन की राह पकड़ ली है। विकलांगों ने हिमालयन विकलांग जन कल्याण संस्था के बैनर तले जिला कार्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन किया। विकलांगों ने शीघ्र रिक्त पदों में नियुक्ति नहीं किये जाने पर आंदोलन को उग्र करने की चेतावनी दे डाली है।

जिला कार्यालय परिसर में गुरुवार को हुये धरना प्रदर्शन के मौके पर आयोजित सभा में विकलांगों ने कहा कि प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री द्वारा छ: माह पूर्व दिया गया आश्वासन कोरा साबित हुआ है। आश्वासन को छ: माह बीतने के बाद ही खिन्न होकर उन्हे दुबारा आंदोलन के लिये बाध्य होना पड़ रहा है। प्रदर्शनकारी विकलांगों ने कहा कि यदि तीन दिनों के भीतर नियुक्ति को लेकर ठोस कार्रवाई शुरू नहीं की गयी तो 11 मई से क्रमिक अनशन शुरू कर दिया जायेगा। हिमालयन विकलांग जन कल्याण संस्था के अध्यक्ष सुनील प्रसाद ने आंदोलन को सफल बनाने के लिये सभी सदस्यों से जिला मुख्यालय पहुंचने का आह्वान किया। धरना प्रदर्शन में उपाध्यक्ष चंदन महरा, महासचिव किरन चंद, सचिव हेमपंत, गीता महरा, आशा, चन्द्रकला बोहरा, हेमा राणा, संतोषी बिष्ट, होशियार रौतेला, पंकज और देवानन्द आदि मौजूद थे।


पंकज सिंह महर

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पिथौरागढ़। पसमा-हंसेश्वर और भागीचौरा-तल्ला चर्मा मोटर मार्ग निर्माण सहित विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर क्षेत्रवासी मुखर होने लगे है। आजादी के दौर से विकास की बाट जोह रहे क्षेत्रवासियों ने शीघ्र मूलभूत समस्याओं का समाधान नहीं किये जाने पर आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है।

इस संबंध में भागीचौरा और तल्ला चर्मा क्षेत्र के वाशिंदों की संयुक्त बैठक में कहा गया कि पसमा-हंसेश्वर मार्ग का मिलान और भागीचौरा से तल्ला चर्मा मोटर मार्ग निर्माण को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसके चलते आज भी इस क्षेत्र के लोगों को पन्द्रह किमी की दूरी पैदल ही तय करनी पड़ती है। बैठक में भागीचौरा में खाद्य गोदाम और गैस गोदाम का निर्माण करने की मांग भी प्रमुखता से उठायी गयी। जौलजीबी से टनकपुर मोटर मार्ग निर्माण कार्य नहीं बनने पर भी क्षेत्रवासियों द्वारा नाराजगी जतायी गयी। ग्रामीणों ने कहा कि क्षेत्र की पेयजल समस्या का समाधान करने के प्रयास भी नहीं किये गये है। ग्रामीणों का कहना था कि कई बार समस्याओं के समाधान की मांग उठाने के बाद भी क्षेत्र के विकास की सुध नहीं ली जा रही है। ग्रामीणों ने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों पर कोरे आश्वासन देने का आरोप भी लगाया। बैठक में तय हुआ कि शीघ्र ही एक शिष्टमण्डल प्रदेश के मुख्यमंत्री को देहरादून जाकर समस्याओं से अवगत करायेगा।

 

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