Author Topic: Srujan Se Magazine Published From Sahibabad - त्रिमासिक पत्रिका "सृजन से"  (Read 44859 times)

KAILASH PANDEY/THET PAHADI

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'सृजन से ' का अंक ३
« Reply #100 on: September 25, 2010, 12:12:27 PM »
सृजनसेकाअंक -३मेरेसामनेहै. पिछलेदोनोंअंकभीपासहीहैं. पत्रिकामेंबहुकोणीयनिखारआरहाहै. इसअंकमेंकिरनपाण्डेयकाभीष्मसाहनीपरआलेखएकसंघर्षशीलरचनाकारकास्मरणकरताहै. 'लक्ष्यसेजीततक' कुलवंतसिंहकालेखउर्जावानहै. वातायनमें 'अम्बर' कासन्देशबसयहीकहताहै '.माँसेबढ़करकौन'.? मृदुलागर्गकादिनेशद्विवेदीद्वारासाक्षात्कारहिंदीलेखकोंऔरआलोचकों, कोबहुतकुछसंदेशदेताहै. मेरेविचारसेलेखनएकसाधनाहै. निःसंदेहबेहतरलेखनअपनेमाहौलमेंरहकरहीसृजितहोताहै. दिनेशद्विवेदीकेप्रश्नऔरमृदुलाजीकेउत्तरकईप्रकारसेएकआमपाठककीजिज्ञासाकोशांतकरतेहैं. हमनेगाँधीकी 'शांति' औरभगतसिंहकी 'क्रांति' दोनोंसेहीकिनाराकरलियाहै. भ्रष्टाचारकोउखाड़नेकीक्रांतिकेबारेमेंअबकोईनहींसोचता. अबतोभ्रष्टाचारसहनेऔरउसकीअनदेखीकरनेकीएकआदतबनगयीहै. हेमंतजोशीनेब्रिजेन्द्रलालशाहरचितसाहित्यकीजानकारीउपलब्धकराकेशाहजीकीस्मृतिजगायीहै. कविता 'कबआओगे' में 'गुमसुम' कीजगह 'नैनबिछाएबैठी ' मीना', कबआओगेगीतबुलातेकेलिएकवियत्रीसेशब्दबदलावकाअनुरोधकरूँगा. सृजनसेकीसभीसामग्रीपठनीयएवंसराहनीयहै. नन्हासृजनपृष्ठमेंबच्चोंकेलिएसामान्यज्ञानकेदस-बारहप्रश्नपूछेजासकतेहैंऔरउसीकेअंतमेंउनकेउत्तरदिएजासकतेहैं. उदाहरणअर्थ -फूलोंकीघाटीकहाँहै? सभीविषयोंपरप्रश्नपूछेजासकतेहैं. इससेपत्रिकाबच्चोंकोभीपाठकोंकेसमूहमेंशामिलकरेगी.
 
पूरनचन्द्रकांडपाल

KAILASH PANDEY/THET PAHADI

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Srujan Se 3rd edition....
« Reply #101 on: September 25, 2010, 12:16:34 PM »
सृजन से का जुलाई-सितम्बर अंक मिला, पढ़कर अत्यन्त प्रसन्नता हुई।
 
चित्राकला स्तंभ में संघर्षशील, महान मूर्तिकार वाडगेलवार विट्ठल का जीवन परिचय अत्यंत प्रभावकारी लगा। लेखक और कलाकार संवेदनशील होते हैं और अपनी रचना में प्रेम का साकार स्वरूप प्रतिबिम्बित करना ही उनका लक्ष्य होता है। श्री विट्ठल जी ने अपना वह स्वप्न तो साकर किया लेकिन स्वयं की कृतियों का प्रिय पत्नी प्रभा जी की कृतियों से प्रतिस्पर्धा न हो यह सोचकर उनके हित में उन्होंने अपनी कृतियों की प्रदर्शनी ही बंद कर दीं। प्रेम का ऐसा अद्भुत उदाहरण बहुत कम देखने, सुनने और पढ़ने को मिलता है। श्री मनमोहन सरल जी को आदरणीय श्री विट्ठल जी का यह मनोरम जीवन परिचय लिखने के लिए हार्दिक धन्यवाद।
 
किरण पांडे जी का महान साहित्यकार श्री भीष्म साहनी जी पर लेख अत्यन्त सारगर्भित लगा। भीष्म साहनी उस कोटि के साहित्यकार हैं जिन्होंने तिल तिल जल कर अपनी आभा से हिन्दी साहित्य जगत को आलोकित करने में विशेष योगदान दिया है। साथ ही दिनेश जी का साहित्यकार मुदुला गर्ग जी से विस्तृत साक्षातकार लेखिका के मन में झांकने का अवसर देता है। नीतू चौधरी का अवध की आत्मा वाजिद अली शाह पर लेख भारत के अंतिम बादशाह की याद तरोताजा करता है।
 
राम काव्य के मर्मज्ञ डाक्टर रमानाथ त्रिपाठी पर डा. साौमित्रा का लेख त्रिपाठी जी की राम काव्य पर गहरी पकड़ और उनके ज्ञान को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करता है।
 
पत्रिका में छपी सभी कहानियां, रूपांतर और कविताएं रुचिकर लगीं। चेतन पांडे जी की, चंद्रशेखर जी के काव्य संग्रह अरी सुनयना की झलक अति प्रिय लगी, पुस्तक प्राप्ति का पता बताने का कष्ट करें, पुस्तक खरीद कर पढ़ना चाहूंगा। संपादक महोदया आपकी कविता पहली बार पढ़ने को मिली। कब आओगे पढ़कर आप में मुझे महादेवी जी की झलक देखने को मिली। आशा है कि आप इस झलक को वास्तविक स्वरूप देने का प्रयत्न करेंगी।
पत्रिका में सृजन परिक्रमा आरम्भ कर आपने पत्रिका की गरिमा और भी बढ़ा दी है।
 
मेरे छात्रा जीवन में डी,ए,वी, कौलेज में श्री उर्मिल थपलियाल एक लोकप्रिय युवा नेता रहे हैं। मेरा उनसे व्यक्तिगत परिचय नहीं रहा है लेकिन उनमें एक सफल साहित्यकार और एक सफल नेता की छवि मेरे मन में रही है। वह राजनीति से कैसे विमुख हो गए यह जानना चाहूंगा। आपकी पत्रिका में इस विषय पर लेख पढ़ने को मिले तो रुचिकर होगा।
 
इसके साथ ही आपकी सुव्यवस्थित, सुशोभित, सुसुसंस्कृत, सुसंयोजित, सुसंपादित साहित्यिक पत्रिका सृजन से के मंगल मय भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं।
 
जय प्रकाश डंगवाल।

सुधीर चतुर्वेदी

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पहली बार सर्जन से पुस्तिका पदने को मिली काफी ख़ुशी महसूस हुई की हमारी उत्तराखंड की युवा पीड़ी भी साहित्य मे रूचि रखती है / मै सर्जन से पुस्तिका से जुडे सभी लोगो को सराहनीय प्रयाश के लिये बधाई देता हु और भविष्य के लिये शुभकामनाये की इसी तरह प्रयाश रत रहे और हमारे हिंदी साहित्य को और हमारी लोक कलाओ को अगली पीड़ी तक पहुचाने का प्रयाश करते रहे / पुनः आप सभी लोगो को शुभकामनाये | 
 
 
डॉ. संजय जुकरिया 
राजकीय पालीटेकनिक लोहाघाट (चम्पावत)

KAILASH PANDEY/THET PAHADI

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'Srujan Se' Magazine from Gaziabad (UP)....
« Reply #103 on: October 16, 2010, 11:09:38 AM »

"सृजन से" साहित्य व कलात्मक विधाओं की एक अग्रणीय त्रैमासिक पत्रिका है। जिसका उद्देश्य सभी सृजनात्मक विधाओं को न केवल एक धरातल पर उकेर लाना है वरन उससे भी महत्वपूर्ण इन कलाओं की नयी पोंध के लिये भरपुर खाद पानी जुटाकर स्तरीय सृजन को प्रोत्साहन देना है। यह हिन्दी साहित्य, रंगमंच, चित्रकला, नृत्य संगीत तथा कला जगत की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी कला प्रेमीयों तक लाने का प्रयास है।

"सृजन से" का यह कार्य मैग्ससे पुरुस्कार से सम्मानित पदम श्री दीप जोशी जी, ख्याति प्राप्त चित्रकार पदम श्री डां० यशोधर मठपाल जी, रंगमंच की वरिष्ठ हस्ती नईमा खान उप्रेती जी व गाज़ियाबाद के अपर जिला सुचना अधिकारी युगल किशोर जी के संरक्षण एवं हेमंत जोशी जी और भीष्म कुकरेती जी के मार्गदर्शन में हो रहा है।


अभी तक "सृजन से" के चार अंकों में देश के अनेक वरिष्ठ व चर्चित लेखक, रचनाकार व चित्रकार जैसे कि पदम श्री डा० रमेश चन्द्र शाह, पदम श्री डा० यशोधर मठपाल, शेखर जोशी, पंकज बिष्ट, महेश दर्पण, ओम प्रकाश वाल्मीकि, जय प्रकाश डंगवाल, डा० भारत पटेल, डा० योगेन्द्र चौबे, दयानन्द अनंत, मोहमद सलीम, दिनेश दिवेदी, ललित मोहन पाण्डेय, मंगलेश डबराल, डा० शिव ओम अम्बर, डा० कुंअर बेचैन, अशोक यादव, ललित सिंह पोखरिया 'निसर्ग', घनानंद पाण्डेय 'मेघ', हरीश बडोला, डा० रमानाथ त्रिपाठी, मनमोहन सरल, बंधु कुशावर्ती, डा० उर्मिल कुमार थपलियाल, डा० सुवर्ण रावत, दिनेश सिन्दल, गिरीश तिवारी "गिर्दा", कवि कुलवंत सिंह, मकबूल वाजिद, डा० नन्दकिशोर ढौडियाल, डा० आशा पांडेय इत्यादी सहित कई नये रचनाकार अपना लेखकीय सहयोग दे रहे हैं।

बिना किसी के आर्थिक मदद से "सृजन से" के माध्यम से उत्कृष्ट रचनाओं एवं उभरते हुए युवा रचनाकारों को प्रतिष्ठित रचनाकारों के साथ एक मंच प्रदान करने का सराहनीय प्रयास किया जा रहा है।

पत्रिका से सम्बधित विस्तृत जानकारी www.srujunse.blogspot.com पर प्राप्त की जा सकती है। अपनी उत्कृष्ट रचनाऎं "सृजन से" को भेजने हेतु आप srujanse.patrika@gmail.com पर ई-मेल कर सकते हैं।

Thanks & Regards
KAILASH PANDEY
Team- SRUJAN Se
09811504696

सत्यदेव सिंह नेगी

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कैलाश भाई मुझे सृजन से पत्रिका लेनी है कृपया बयेये की कैसे प्राप्त करूं

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Negi ji,
Patrika ki email id par par apana postal address email kar dijiye.....apko detail mail kar dunga...

कैलाश भाई मुझे सृजन से पत्रिका लेनी है कृपया बयेये की कैसे प्राप्त करूं

सत्यदेव सिंह नेगी

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Please attend my email sent to suggested address it contains my postal details too
Negi ji,
Patrika ki email id par par apana postal address email kar dijiye.....apko detail mail kar dunga...

कैलाश भाई मुझे सृजन से पत्रिका लेनी है कृपया बयेये की कैसे प्राप्त करूं

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अक्तूबर-दिसम्बर २०१० अंक की विशेष सामग्री....

साहित्य आलेख:  १. दलित विमर्श पर ओम प्रकाश वाल्मिकि जी का आलेख|
२. मनोहर श्याम जोशी जी पर पंकज बिष्ट जी का लेख।
३. गिरीश तिवारी जी "गिर्दा’ पर सुप्रसिद्व रंगकृमी डा० सुवर्ण रावत का संस्मरण।
४. जन-मन-गन के रचियेता रविन्द्र नाथ ठाकुर जी पर डा० रमानाथ त्रिपाठी जी का       
आलेख।
                                    ५. गिरीश तिवारी जी "गिर्दा’ पर हेमंत जोशी जी लेख।
                                     ६. लोक-कलाकार संघ संस्था पर ललित मोहन पान्डेय जी का संस्मरण।

चित्रकला: सुप्रसिद्व चित्रकार मौलाराम तोमर जी पर डां० नन्द किशोर ढौढियाल जी का विशेष आलेख तथा प्रतिष्ठित व युवा चित्रकारों जैसे स्व० श्री इफ़्तिकार खान, श्री बी० मोहन नेगी जी, राजू मिश्रा व डां० भूषण साहू इत्यादी की कृतियां इस अंक मे देखी जा सकती हैं|

रंगमंच: सुप्रख्यात नाटककार विलिअम शेक्सपीयर जी के संदर्भ में डा० योगेन्द्र चौबे जी का आलेख।

कहानी-  सुप्रसिद्व कथाकार शेखर जोशी जी की कहानी|

साक्षात्कार-  प्रख्यात कथाकार मृदुला गर्ग जी (भाग-२) से उनके सहित्य व स्त्री विमर्श पर दिनेश द्विवेदी जी की लम्बी बातचीत के अंश|

वातायन स्तम्भ-  प्रख्यात गज़लकार दुष्यंत कुमार जी पर डा० शिव ओम अम्बर जी का आलेख|

लोक / संस्कृति: छत्तीसगढ के करमा गीतों पर डां भरत पटेल जी का लेख |

गज़लें-  स्व० डा० उर्मीलेश कुमार व कमल किशोर ’श्रमिक’

कवितायें/गीत-   डा० रमानाथ त्रिपाठी व माधवाशरण जी द्वारा रविन्द्र नाथ ठाकुर जी के गीतों का हिन्दी रुपान्तरण, बी० मोहन नेगी जी के रेखांकन में जनकवि गिरीश तिवारी "गिर्दा" के गीतों का उल्लेख व पूरन चन्द्र कान्डपाल जी, चन्द्रशेखर पंत जी की कवितायें|

इसके साथ ही कई नये व प्रतिष्ठित रचनाकारों जैसे मीनु जोशी जी (अल्मोडा), रचना श्रीवास्तव (यू० एस० ए०), निशा बहुगुणा (लख्ननऊ), सोनी पंत (स्यल्दे-ऊत्तराखंड) आदि की रचनायें/लेख इस अंक मे देखे जा सकते हैं|

सभी साहित्यकारों,रचनाकारों व कलाकारों से निवेदन है कि पत्रिका के अगले अंको के लिये स्तरीय सामग्री उपलब्ध करायें।

Email id: srujanse.patrika@gmail.com
Blog: www.srujunse.blogspot.com
पता: एम-3, सी-61, वैष्णव अपार्टमेन्ट,
शालीमार गार्डन-2, साहिबाबाद,
गाज़ियाबाद (उ० प्र०)
पिन कोड -201005

KAILASH PANDEY/THET PAHADI

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Cover Page:

Title: Jeewan Kaa Sach (Painting by- Iftikaar Khan)

 

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