शांतिपूर्वक संपन्न हुआ मां कालिंका का मेला
Publish Date:Tue, 23 Dec 2014 06:45 PM (IST) | Updated Date:Tue, 23 Dec 2014 06:45 PM (IST)
शांतिपूर्वक संपन्न हुआ मां कालिंका का मेला
संवाद सूत्र, वीरोंखाल: गढ़वाल-कुमाऊं सीमा पर स्थित कालिंका मंदिर में मंगलवार को मां कालिंका मेला शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया। प्रशासन ने मेले में पशु बलि से इंकार किया है।
मेले में पोखड़ा, वीरोंखाल, थलीसैण, सुराईखेत सहित अन्य प्रखंडों के करीब 35 हजार श्रद्धालु मेले में पहुंचे। मंदिर में रात से ही श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था, जो कि मंगलवार देर शाम तक जारी रहा। हजारों भक्तों ने दर्शन कर मां का आर्शीवाद लिया व माता से पुन: भेंट का वादा कर अपने घरों को चले गए। मेले के दौरान पशु बलि रोकने को प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए थे। उपजिलाधिकारी अनिल गब्र्याल की माने तो मंदिर व इसके आसपास के क्षेत्र में कहीं कोई पशुबलि नहीं दी गई। हालांकि, श्रद्धालुओं ने मंदिर से दूर उन स्थानों पर बलि दी, जहां से मंदिर व निषाण नजर आ रहे थे।
मेले में कोठा, लखोर, तिमलाखोली, बंदरकोट, मल्ली बाखल, थलीसैंण, पोखड़ा, बडियारी समेत विभिन्न गांवों के श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन किए।
बस-जीप चालकों ने मचाई लूट
मंगलवार को संपन्न हुए इस मेले के दौरान बस-जीप चालकों ने जमकर लूट मचाई। दरअसल, श्रद्धालुओं को मंदिर तक मेला स्थल ले जाने के लिए जीपों ने जहां सौ से दो सौ रूपए तक किराया वसूला, वहीं बस चालकों ने भी पचास-साठ रुपये तक किराया वसूला।