Author Topic: Uttarakhand News - उत्तराखंड समाचार  (Read 153186 times)

Devbhoomi,Uttarakhand

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Re: Uttarakhand News - उत्तराखंड समाचार
« Reply #20 on: October 24, 2011, 08:48:16 PM »
उत्तराखंड के आंचल में हालैंड का दूध
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राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड ने भेजा 48 मीट्रिक टन आयातित मिल्क पाउडर

- पाउडर की मदद से बढ़ायी जाती है पैक दूध की मात्रा व गुणवत्ता

जासं, हल्द्वानी: राज्य में दूध की मौजूदा मांग को पूरी करने के लिए उत्तराखंड कोआपरेटिव डेयरी फेडरेशन को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने अबकी इंपोर्टेड स्कीम्ड मिल्क पाउडर की खेप भेजी है। इसी पाउडर के सहारे ही दुग्ध समितियों को उपलब्ध दूध की मात्रा व गुणवत्ता बढ़ायी जाती है। यानी दीपावली पर इस बार पैक दूध पीने वाले उपभोक्ताओं को हालैंड का मिश्रित दूध पीना पड़ेगा।

उत्तराखंड कोआपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड के वरिष्ठ प्रबंधक डॉ. एलएम जोशी ने बताया कि अक्टूबर माह के लिए राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड गुजरात से 48 मीट्रिक टन स्कीम्ड मिल्क पाउडर की मांग की गई थी। मांग के अनुरुप वहां से मिल्क पाउडर प्राप्त हुआ है, लेकिन यह भारत में निर्मित दूध नहीं बल्कि विदेशों से आयात किया गया है।

राज्य में आंचल को दुग्ध उत्पादकों से प्रतिदिन 117096 लीटर दूध मिलता है जबकि 159495 लीटर दूध की सप्लाई की जाती है। लगभग 42399 लीटर दूध प्रतिदिन दुग्ध उत्पादकों से मिलने वाले दूध में स्कीम्ड मिल्क पाउडर मिलाकर बढ़ाया जाता है।

 यह करके ही राज्य में आंचल दूध की वर्तमान आपूर्ति हो पाती है। उधर, राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड के डीजीएम जीजी शाह ने बताया कि इस बार हालैंड एवं अन्य यूरोपीय देशों से स्कीम्ड मिल्क पाउडर का आयात किया गया है। यही दूध पाउडर उत्तराखंड कोआपरेटिव डेयरी फेडरेशन की मांग पर भेजा गया है।


Source dainik jagran

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Re: Uttarakhand News - उत्तराखंड समाचार
« Reply #21 on: October 28, 2011, 09:41:22 PM »
भैया दूज पर बहनों ने किया च्यूड़ पूजन
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   अल्मोड़ा: भैया दूज का पर्व जनपद भर में परंपरा व श्रद्धा के साथ मनाया गया। बड़ी बहनों ने भाइयों के सिर पर च्यूड़ रखकर उनके दीर्घ जीवन, सफलता एवं सुख-समृद्धि की कामना की। त्योहार की वजह से बाजार में भी अच्छीखासी रौनक रही। मिठाइयों की दुकानों पर भी खूब खरीदारी हुई।


 शुक्रवार को भैया दूज (बग्वाई) का पर्व पारंपरिक अंदाज में मनाया गया। घरों में विशेष पूजा अर्चना के बाद बहनों ने भाइयों का च्यूड़ पूजन किया। त्योहार के मद्देनजर बाजार में भी रौनक रही। उधर मंदिरों में भी लोगों ने पूजा अर्चना की। कई जगहों पर भंडारा भी हुआ और प्रसाद वितरण किया गया।
   

Source dainik jagran

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लावारिस हैं नगर के चौराहे, कोई इन्हें भी संभाले!  =======================


ऋषिकेश। देश और दुनिया में पर्यटन और योग के क्षेत्र में विख्यात तीर्थनगरी की छवि पर यहां का अस्त-व्यस्त ट्रैफिक बट्टा लगा रहा है। शहर में ट्रैफिक प्लान नाम की कोई चीज नहीं है। पुलिस और प्रशासनिक उदासीनता शहर में आम आदमी के साथ ही पर्यटक और तीर्थयात्रियों पर भारी पड़          रही है। यात्रा सीजन में           

 ट्रैफिक व्यवस्था संभाले होमगार्ड हटा लिए गए हैं। मंगलवार को अमर उजाला टीम ने हरिद्वार रोड के एक व्यस्त चौराहे और दो तिराहों का जायजा लिया तो ये लावारिस नजर आए।
चारधाम यात्रा के प्रवेश द्वार ऋषिकेश में बारह महीने पर्यटन और तीर्थाटन की गतिविधियां चलती हैं। सालभर यहां लाखों देशी विदेशी पर्यटकों की आवाजाही निरंतर बनी रहती है। इस शहर को जिस तरह के ट्रैफिक प्लान की जरूरत है, उस दिशा में कभी काम ही नहीं हुआ।

  श्रावण मास के कांवड़ मेले को छोड़ दें तो शेष महीने यहां एक जैसी स्थिति बनी रहती है। यात्रा सीजन के नाम पर नियुक्त 20 होमगार्ड नवंबर की पहली तारीख से हटा लिए गए। जिससे मंगलवार को सभी तिराहों और चौराहों पर ट्रैफिक की स्थिति बदतर बनी रही। आम जनता के साथ ही स्कूली छात्र-छात्राओं को भारी परेशानी उठानी पड़ी। लोगों की नजर में अस्त-व्यस्त ट्रैफिक और जाम ही   


 अब इस शहर की पहचान बनती जा रही है। राजधानी के इतने करीब
और महत्वपूर्ण नगरों में शुमार इस शहर को शीघ्र जरूरत है एक ट्रैफिक प्लान की। शहर में कोई ट्रैफिक प्लान लागू नहीं, पहले होमगार्ड थे, अब उन्हें भी हटा दिया, आम आदमी, स्कूली बच्चों और तीर्थयात्रियों को उठानी पड़ रही दिक्कतशहर के प्रमुख चौराहेघाट चौराहायह शहर का सबसे अधिक व्यस्ततम चौराहा है। मंगलवार को यहां पर ट्रैफिक व्यवस्था संभालने के लिए एक सिपाही तक तैनात नहीं था। होमगार्डों के हटने के बाद स्थिति बद से बदतर हो गई। ट्रैफिक व्यवस्था बिगाड़ने में सड़क किनारे आडे़ तिरछे खडे़ होने वाले तिपहिया वाहनों और दुकानदारों के सड़क तक फैले सामान की भूमिका अधिक है।

दून तिराहा
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हरिद्वार मार्ग स्थित नगर का यह महत्वपूर्ण तिराहा है जिस पर ट्रैफिक का काफी दबाव बना रहता है। काफी समय से इसके चौड़ीकरण की आवश्यकता महसूस की जा रही है। सड़क के दोनों ओर छोटे बड़े वाहनों का जमघट लगा रहता है। व्यस्ततम स्थल

चंद्रभागा पुल तिराहा
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इस तिराहे से बस अड्डे को ट्रैफिक डायवर्ट होता है। तिराहे पर लगातार ट्रैफिक का दबाव बढ़ता जा रहा है। यात्रा बस अड्डा सड़क अतिक्रमण के चलते सिकुड़ती जा रही है। सड़क पर पार्किंग होने से जाम लगा रहता है। सरकारी मशीनरी ने इस ओर पीठ फेरी हुई है।

अब चार पुलिस कर्मी संभालेंगे शहर का ट्रैफिक

अब यातायात पुलिस के चार कर्मियों पर शहर का ट्रैफिक संभालने की जिम्मेदारी आ गई है। शहर में ट्रैफिक के नाम पर एक हेडकांस्टेबल और तीन कांस्टेबल तैनात हैं। सब इंसपेक्टर ट्रैफिक राज्य स्थापना दिवस की परेड के लिए देहरादून गए हैं।

दिन रात लोडिंग-अनलोडिंग

शहर में व्यापारियों के सामान के लोडिंग अनलोडिंग का समय निश्चित है मगर काफी समय से धड़ल्ले से दिन रात यह काम होता रहता है। पुष्कर मंदिर मार्ग पर हर समय ट्रक खडे़ रहते हैं। जिसे यहां का मिनी ट्रांसपोर्ट नगर भी कहा जाने लगा है। हालात देख लगता है कि शहर में कोई ट्रैफिक प्लान ही नहीं है। क्या कहते हैं शहर         कोतवालत्रिवेणी घाट चौराहा, जीजीआईसी तिराहा, दून तिराहा, चंद्रभागा पुल तिराहा, पुरानी चुंगी तिराहा, कोयल घाटी, नटराज चौक और तहसील चौक।कोतवाल आरके चमोली कहते हैं कि यात्रा सीजन पर लगे होमगार्ड हट गए हैं। शांति व्यवस्था के लिए होमगार्ड मांगे गए हैं। ट्रैफिक पर ध्यान दिया जा रहा है। जरूरत पड़ने पर सिपाही भी तैनात किए जा सकते हैं।






Amarujala
 

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धरी रह गयी तैयारी, नहीं आये सीएम
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हल्द्वानी: अटल सेवा संस्थान की ओर से शनिवार को आयोजित मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी के अभिनंदन समारोह की तैयारी धरी की धरी रह गयीं। मेडिकल कालेज मैदान में आयोजक समेत पूरा प्रशासनिक अमला जुट गया था। मौसम खराब होना इसका कारण बताया गया। उत्तराखंड में लोकायुक्त बिल 2011 पारित किये जाने, सिटीजन चार्टर लागू करने पर अटल सेवा संस्थान की ओर मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी के अलावा राज्य सभा सदस्य भगत सिंह कोश्यारी का अभिनंदन करना था। इसके लिए मेडिकल कालेज मैदान में समारोह आयोजित किया गया था। मंच और कार्यक्रम पूरी तरह से तैयार था। आयोजक और अफसर कार्यक्रम स्थल पर मौजूद थे, हेलीपैड पर भी पुख्ता बंदोबस्त किए गए थे। सीएम का पहले दोपहर 1:15 बजे पहुंचने का समय था। सूचना आयी कि एक घंटे विलंब से पहुचेंगे। करीब एक बजे तस्वीर साफ हो गयी कि मौसम खराब होने के चलते दौरा रद हो गया है। इस पर तीन दिन से तैयारी में जुटे आयोजक निराश हो गये। मौके पर पहुंचा पूरा प्रशासनिक अमला भी वापस लौटने लगा। इसमें डीएम निधिमणि त्रिपाठी,  एडीएम एलएम रयाल, सीडीओ डीएस गब्र्याल, एसपी सिटी जेएस भंडारी, सिटी मजिस्ट्रेट प्रकाश चंद्र समेत तमाम विभागों के अधिकारी मौके पर पहुंच गये थे। डीएम निधिमणि त्रिपाठी का कहना था कि मौसम की खराबी के चलते सीएम का दौरा टल गया।  कार्यक्रम संयोजक वेद प्रकाश गुप्ता के अलावा विजय प्रकाश, तरुण बंसल समेत तमाम लोग मौजूद थे। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बची सिंह रावत भी पहुंच गये थे। तमाम संगठनों के पदाधिकारी भी अभिनंदन करने के लिए इंतजार ही करते रह गये।


http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_8448515.html

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तो गैंती-बेल्चों से बुझाएंगे आग

पढ़ाई के तौर-तरीकों की बात हो या फिर स्कूल के माहौल की। निजी व सरकारी स्कूलों में जमीन-आसमान का फर्क साफ नजर आता है। लेकिन नौनिहालों की सुरक्षा के मामले में दोनों जगह समान दर्जे की लापरवाही नजर आती है।

 सरकारी स्कूल हो या प्राइवेट, फायर सेफ्टी के मामले में हर जगह बस खानापूर्ति ही की जा रही है। निजी स्कूल अग्निशमन विभाग से एनओसी तो ले लेते हैं, लेकिन अग्नि सुरक्षा के इंतजाम सवालों के घेरे में हैं। जबकि सरकारी स्कूलों में आग की लपटें बुझाने के लिए गैंती-बेल्चा ही एकमात्र सहारा हैं।

 डीएवी स्कूल के कंप्यूटर लैब में लगी आग के बाद स्कूलों में अग्नि सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। डीएवी की कंप्यूटर लैब बेसमेंट में चल रही थी, जबकि उसे अग्निशमन विभाग से एनओसी मिली हुई है। बेसमेंट का प्रयोग गोदाम या पार्किंग के लिए किया जाता है।


 विभाग ने एनओसी किस आधार पर दी यह भी बड़ा सवाल है। डीएवी की तरह नगर के अधिकतर निजी स्कूलों में अग्निशमन के मानक पूरे नहीं किए जा रहे। गली व मोहल्लों में चल रहे स्कूलों में मानकों का ध्यान नहीं रखा जा रहा।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_8489209.html

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अब नहीं चलेगी सरकारी विभागों की मनमानी
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आम जनता के कार्यो में सरकारी विभागों की मनमर्जी नहीं चलेगी। जिलाधिकारी ने सेवा का अधिकार के दायरे में आने वाले विभागों के अधिकारियों को निर्धारित समय सीमा के भीतर कार्य करने के निर्देश देते हुए कहा है समय पर कार्य न करने वाले अधिकारियों से जुर्माना वसूला जायेगा। जिलाधिकारी डा.आर.राजेश कुमार ने बताया कि खाद्य एवं पूर्ति विभाग को अब 10 दिन के भीतर राशन कार्ड देना होगा। राजस्व विभाग जाति, स्थाई, आय, पैत्रक प्रमाण पत्र 15 दिन में, चरित्र, टाइटिल और स्वतंत्रता सेनानी आश्रित प्रमाण पत्र 10 दिन के भीतर जारी करेगा। दैवीय आपदा की सहायता के लिए भी अब लोगों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। 2 हजार की दैवीय आपदा सहायता राशि 2 दिन में, 5 हजार तक की सहायता 3 दिन में, इससे अधिक सहायता 7 दिन में उपलब्ध हो जायेगी। मुख्यमंत्री राहत कोष से दी जाने वाली सहायता धनराशि प्राप्त होने के 5 दिन के भीतर संबंधित को उपलब्ध करा दी जायेगी। खसरा खतौनी की नकल प्रार्थना पत्र देने वाले दिन ही और भूमि का नक्शा 3 दिन के भीतर किसान बही 7 दिन के भीतर उपलब्ध कराई जायेगी।
चिकित्सा विभाग मेडिकल सार्टिफिकेट दो दिन में, जननी सुरक्षा योजना की राशि दो दिन में और विकलांग प्रमाण पत्र तीन दिन के भीतर जारी करेगा। विनियमित प्राधिकारी को 15 दिन के भीतर आवासीय नक्शा और 7 दिन के भीतर कामर्शियल नक्शा पास करना अनिवार्य होगा। पेयजल संयोजन 15 दिन के भीतर, छात्रवृत्ति 45 दिनों के भीतर, गौरादेवी कन्याधन एवं वृद्धावस्था व विकलांग पेंशन 2 माह के अंदर तथा जनश्री बीमा योजना के प्रार्थना पत्र एक माह के अंदर निपटाये जायेंगे। उन्होंने कहा यदि निर्धारित समय में कार्य नहीं होते हैं तो संबंधित अधिकारी से हर्जाना वसूला जायेगा।


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Re: Uttarakhand News - उत्तराखंड समाचार
« Reply #26 on: November 19, 2011, 10:27:51 PM »
61 करोड़ के दावे से उत्तराखंड को झटका
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उत्तर प्रदेश दोनों राज्यों की सहमति के आधार पर लिए गए फैसलों को नकार ही नहीं रहा, बल्कि इस बारे में उत्तराखंड को सूचित करने की जहमत भी नहीं उठाई जा रही है। ताजा मामला प्रदेश कोआपरेटिव फेडरेशन से जुड़ा है। वर्ष 2004 में करीब 61 करोड़ की देनदारी का सुलझाया गया मसला दोबारा बोतल के जिन्न की तरह बाहर आ गया। इससे उत्तराखंड सकते में है।

उत्तराखंड राज्य बनने के बाद उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के तहत दोनों राज्यों के बीच प्रदेश कोआपरेटिव फेडरेशन (पीसीएफ) की देनदारियों को लेकर आम सहमति के आधार पर फैसला लिया गया। वर्ष 2004 में दोनों प्रदेशों की पीसीएफ के बीच लिखित समझौते में तय हुआ कि उत्तर प्रदेश करीब 61 करोड़ की देनदारी का दावा नहीं करेगा। यह राशि चूंकि उत्तराखंड क्षेत्र की है, लिहाजा इसे देनदारी के दायरे में नहीं लाया जाएगा। समझौता होने के बाद उत्तराखंड इस प्रकरण को लेकर निश्चिंत हो गया। लेकिन उत्तर प्रदेश के देनदारी को लेकर दोबारा दावा कर दिया है।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_8515934.html

विनोद सिंह गढ़िया

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उत्तराखंड निवास में ई-जनाधार सेवा शुरू
मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी ने दिल्ली स्थित उत्तराखंड निवास में ई जनाधार सेवा का शुभारंभ कर दिल्ली में रह रहे प्रवासी उत्तराखंड वासियों को रिझाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि दिल्ली में रहने वाले प्रदेश के लोगों को अब प्रमाण पत्र यहीं से मिल सकेंगे।
इस अवसर पर खंडूरी ने कहा कि, बड़े प्रयासों के बाद अब तहसीलों में भी ई-जनाधार केंद्र स्थापित किए गए है। इसी क्रम में उत्तराखंड निवास में भी यह एकल खिड़की व्यवस्था शुरू की गई। दिल्ली में रहने वाले सभी उत्तराखंड वासियों को अब जाति प्रमाण पत्र, स्थायी निवास प्रमाण पत्र, जन्म, चरित्र, आय व हैसियत प्रमाण के साथ ही पर्वतीय क्षेत्र निवास व राजस्व संबंधी प्रमाण पत्र उपलब्ध हो सकेंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस समय राज्य की 79 तहसीलों में ई-सेवा केंद्र स्थापित हो चुकेहै। अब मुख्य स्थानिक आयुक्त दिल्ली के कार्यालय के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रह रहे लगभग 30 लाख उत्तराखंड वासियों को भी इस सेवा का लाभ मिल सकेगा।

श्रोत : अमर उजाला

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Re: Uttarakhand News - उत्तराखंड समाचार
« Reply #28 on: January 11, 2012, 07:00:27 PM »
सुमन स्मृति मंच ने चलाया गंगा तटों पर सफाई अभियान
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उत्तरकाशी। एक ओर जहां चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशी और उनके समर्थक घर-घर जनसंपर्क में जुटे हैं, वहीं श्री देव सुमन साहित्य एवं कला स्मृति मंच के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को मकर संक्रांति पर्व को देखते हुए यहां गंगा तटों पर सफाई अभियान चलाया।
14 जनवरी को मकर संक्रांति के पावन पर्व पर काशी विश्वनाथ की नगरी उत्तरकाशी में गंगा स्नान का बड़ा ही धार्मिक महत्व है। इस दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु एवं देव डोलियां गंगा स्नान के लिए उत्तरकाशी पहुंचती हैं। इस दौरान लोगों को गंगा तटों और स्नान घाटों पर बिखरी गंदगी के कारण भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
इससे उनकी धार्मिक भावनाएं भी आहत होती हैं। इसे देखते हुए श्री देव सुमन साहित्य एवं कला स्मृति मंच के कार्यकर्ता बीते सालों से मकर संक्रांति के पूर्व गंगा तटों पर सफाई अभियान चलाते हैं।
बुधवार को भी संस्था के कार्यकर्ताआें ने तिलोथ पुल से लेकर पौराणिक मणिकर्णिका घाट तक सफाई अभियान चलाकर बड़ी मात्रा में कचरा नष्ट किया। उन्होंने तटवर्ती हिस्सों में रहने वालों से गंगा तटों को साफ रखने तथा नदी तटों पर कूड़ा-करकट न फेंकने की अपील भी की।
गंगा स्वच्छता अभियान में संस्था के अध्यक्ष नागेंद्र थपलियाल, सचिव शैलेंद्र नौटियाल, प्रताप सिंह बिष्ट, मीना श्रीवास्तव, रुकमणी देवी, निर्मला भट्ट आदि कई लोगों ने हाथ बंटाया।
•मकर संक्रांति पर्व के मद्देनजर की सफाई


Amarujala

KAILASH PANDEY/THET PAHADI

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देहरादून - दुनियाभर के लोगों में लोकप्रिय सोशल नेटवर्किग वेबसाइट फेसबुक को उत्तराखण्ड से चुनौती मिलने वाली है
।-‘जोटेलिटी डॉट काम’ में सोशल नेटवर्किग साइट तैयार करने में राज्य के कई ज्योतिषियों का योगदान

दिसम्बर में यूएसए में लांच हो चुकी वेबसाइटइस साइट में उन सभी फीचर को शामिल किया गया है जिससे सामान्य तौर पर आने वाली परेशानियों को कम किया जा सके। अब तक लोकप्रियता के पायदान पर सबसे आगे खड़ी फेसबुक को अब नयी ‘जोटेलिटी डाट काम’ बेवसाइट से चुनौती मिलनी तय है। दिसम्बर अंतिम सप्ताह इस वेबसाइट को यूएसए में लॉच किया गया था। भारत में इसकी शुरूआत राजधानी से की गई। इस वेबसाइट के बारे में ‘जोटेलिटी डाट काम’ यूएसए के चेयरमैन नरेश बेलवाल ने बताया कि यह अन्य वेबसाइट से अलग है। इसकी खास बात ‘ज्योतिष’ है। अब तक जितनी भी साइट डेवलप की गई है या तो सोशल हैं या फिर प्रोफेशनल। पहली बार इन दोनों को मिलाकर एक साइट क्रियेट की गई है। इस साइट की खूबियों के बारे में श्री बेलवाल ने बताया कि इससे कोई भी व्यक्ति अपना भविष्य जान सकता है। इतना ही नहीं अपने ‘मित्र’ अथवा ‘संबंधी’ का दिन और उनके साथ अपने संबंध के बारे में भी जानकारी हासिल कर सकता है। इतना ही नहीं इससे एक कम्युनिटी डेवलप होगी जो एक-दूसरे को आपस में जुड़ने में मदद करेगी श्री बेलवाल ने साइट के प्रोफेशनल वर्क के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में भी साइट मदद करेगी। इस साइट में डाला गया विवरण कंपनी अपने स्तर से अन्य कंपनियों को रेफर करेगी, साथ ही व्यक्ति जिन लोगों के संपर्क में रहेगा सभी उस विवरण को संबंधित कंपनियों को रिकमंड कर सकेंगे। साइट को तैयार करने में राज्य के कई वरिष्ठ और अनुभवी ज्योतिषविदें का सहयोग लिया गया है। बेवसाइट के उद्देश्यों के बारे में श्री बेलवाल ने बताया कि इसे लोगों को आपस में जुड़ने का मौका मिलेगा। ज्योतिष के पोर्टल से व्यक्ति अपने बारे में जान सकेगा। इसके अलावा इस पोर्टल के माध्यम से कुंडली मिलान के साथ-साथ अपने और अपनों के भविष्य के बारे में भी जान सकेंगे। कंपनी का दावा है कि भविष्यवाणी के साथ साथ ‘तर्क’ भी दिये जाएंगे। इस साइट को बेहद सुरक्षित माना जा रहा है। श्री बेलवाल का कहना है कि व्यक्ति अपनी जानकारी और सूचना को चयनित व्यक्तियों के लिए ही जारी कर सकता है। अभी तक फेसबुक लोकप्रियता के पहले पायदान पर मानी जा रही है। फेसबुक पर मैसेज सुरक्षित नहीं रहते। किसी भी मैसेज को कोई भी पढ़ सकता है। इस लिहाज से ‘जोटेलिटी डाट काम’ को बेहद सुरक्षित और गोपनीय माना जा रहा है।
आभार-(एसएनबी)।
pahar1.blogspot.com

 

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