Author Topic: Uttarakhand News - उत्तराखंड समाचार  (Read 152831 times)

विनोद सिंह गढ़िया

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[justify]आज खुलेंगे यमुनोत्री-गंगोत्री धाम के कपाट

पुण्य लाभ की लालसा में हजारों तीर्थयात्री आस्था पथ पर बढ़ चले हैं। इस वर्ष अक्षय तृतीया यानी 13 मई से इन धामों के कपाट खुलने का सिलसिला आरंभ हो जाएगा। इसी के साथ चारधाम यात्रा की विधिवत शुरुआत भी हो जाएगी, जो अगले छह माह तक चलेगी। हालांकि यात्री शुक्रवार से ही चारधाम के लिए ऋषिकेश से रवाना हो रहे हैं। रविवार को 72 वाहनों में 1933 यात्री धामों के लिए रवाना हुए। उत्तराखंड में हिमालय की गोद में बसे चारधामों को हिंदू धर्म में साक्षात स्वर्ग की सीढ़ी माना जाता है।

सबसे पहले यमुनोत्री धाम के कपाट सोमवार सुबह 11 बजे खुलेंगे। सोमवार को ही दोपहर 2:25 बजे गंगोत्री के कपाट खुलेंगे। 14 मई को केदारनाथ और 16 को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे।

साल-दर-साल चारधाम श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। वर्ष 2001 में आठ लाख श्रद्धालु चारधाम पहुंचे थे जबकि वर्ष 2012 में बढ़कर 25 लाख पहुंच गई। चारधाम यात्रा सुगम भी नहीं है। दुर्गम और बदहाल रास्तों के अलावा मौसम भी पग-पग पर तीर्थयात्रियों की परीक्षा लेते हैं। खासतौर पर यमुनोत्री और केदारनाथ की यात्रा दिल के मरीजों और बुजुर्गों पर भारी गुजरती है। इस बार यात्रा की शुरुआत में ही मौसम ने मिजाज बदला है। बारिश-बर्फबारी के मद्देनजर गर्म कपड़े आदि ले जाना न भूलें।

साभार : अमर उजाला
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विनोद सिंह गढ़िया

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कुमाऊं में चार सितंबर से होगी नंदा राजजात

[justify]उत्तराखंड की ऐतिहासिक नंदा राजजात यात्रा का शुभारंभ 29 अगस्त को इड़ाबधानी गढ़वाल और कुमाऊं में चार सितंबर को नंदादेवी मंदिर अल्मोड़ा में होगा। इसका शुभारंभ राजा करन चंद (केसी सिंह बाबा) करेंगे। 6 सितंबर को दोनों राजजातों का मिलन नंदकेशरी में होगा। 15 सितंबर को सुतोली घाट में राजजात के आगे-आगे चल रहे चार सींगों वाले खाडू को छोड़ा जाएगा। इसी के साथ 280 किलोमीटर लंबी धार्मिक यात्रा का समापन हो जाएगा।
यात्रा के प्रवक्ता मनोज वर्मा और सांस्कृतिक संयोजक मनोज सनवाल तथा कुमाऊं के राजा करन चंद (सांसद केसी सिंह बाबा) ने पत्रकार वार्ता में बताया कि यात्रा का शुभारंभ गढ़वाल में 29 अगस्त को परंपरागत रूप से पूजा-अर्चना के साथ ग्राम इंडावधानी में कुंवर राकेश और राजगुरु भुवन चंद्र नौटियाल राजजात यात्रा का शुभारंभ करेंगे। यात्रा कसुवा, सैम, कोटी, भतौली, कुलसानी चेपड्यू होकर 6 सितंबर को नंद केशरी पहुंचेगी। उधर नंदा देवी मंदिर अल्मोड़ा में 26 से 28 सितंबर तक मंदिर में योग माया का अवतरण पूजा-अर्चना होगी।
30 सितंबर से 2 अगस्त तक नंदा देवी की छतौली की प्राण प्रतिष्ठा और 3 अगस्त को नंदादेवी की छतोली का नगर भ्रमण होगा।
यात्रा वाहनों से माला, छानी, बैजनाथ, कोटभ्रामरी होकर 6 सितंबर को नंदकेशरी पहुंचकर गढ़वाल से आई पैदल राजजात यात्रा में मिल जाएगी। वर्मा ने बताया कि यहां से कुमाऊं, गढ़वाल की राजजात यात्रा पैदल अंतिम पड़ाव सुतोली घाट के लिए रवाना होगी। मान्यता के अनुसार सुतोली घाट में चार सींगों वाला खाडू जंगल में जाकर अदृश्य हो जाएगा। यहीं से यात्रा का समापन हो जाएगा।

साभार : अमर उजाला
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C.S.Mehta

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Re: Uttarakhand News - उत्तराखंड समाचार
« Reply #92 on: August 15, 2013, 05:27:29 PM »
उत्तराखंड में नई पनबिजली परियोजनाओं पर पाबंदी; स्थानांतरित नहीं होगा धारी देवी मंदिर!
नई दिल्ली - उत्तराखंड त्रासदी से चिंतित सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में नई पनबिजली परियोजना स्थापित करने पर पाबंदी लगा दी है। साथ ही, केंद्र को ऐसी परियोजनाओं से पर्यावरण को होने वाले नुकसान का अध्ययन करने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करने का आदेश भी दिया है। शीर्ष अदालत ने पर्यावरण व वन मंत्रालय और उत्तराखंड सरकार को अगले आदेश तक किसी भी नई पनबिजली परियोजना को मंजूरी देने से मना कर दिया है।

धार्मिक भावनाओं का ध्यान रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने धारी देवी मंदिर को स्थानांतरित करने की केंद्र की याचिका खारिज कर दी है। यह मंदिर उत्तराखंड में अलकनंदा नदी पर बनी श्रीनगर पनबिजली परियोजना की जगह में है।

पीठ ने कहा, 'हम विशेषज्ञ समितियों के मंदिर को ऊंचे स्थान पर ले जाने के सुझाव से भी सहमत नहीं हैं। इससे श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत होंगी। यह संविधान के अनुच्छेद-२५ के तहत मिले अधिकार का भी उल्लंघन होगा।' न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्ण और दीपक मिश्रा की पीठ ने कहा कि उस शिला की ऊंचाई बढ़ाने में कोई एतराज नहीं है, जिस पर धारी देवी मंदिर बना है। इससे मंदिर के पानी में डूबने का खतरा भी खत्म हो जाएगा और लोगों की धार्मिक भावनाओं को भी ठेस नहीं पहुंचेगी।

C.S.Mehta

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Re: Uttarakhand News - उत्तराखंड समाचार
« Reply #93 on: August 18, 2013, 11:26:12 AM »
रुद्रपुर भेजे मुर्गियों के ब्लड सेंपल
जाका, मौलेखाल : बरसात के सीजन में मुर्गीपालकों को विशेष एहतियात बरतनी होगी। क्योंकि इस समय में संक्रमित रोगों के बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है। हालांकि सल्ट में मुर्गियों में फैली बीमारी की जांच के लिए अलग अलग स्थानों से सेंपल लिए गए हैं। जिन्हें जांच के लिए रुद्रपुर भेजा जा रहा है।

सल्ट के पशु चिकित्साधिकारी जीसी जोशी ने जागरण से बातचीत के दौरान बताया किबरसात के सीजन में मुर्गियों में कोराइजिस व इंटरायटिस रोग बढ़ने की संभावना बनी रहती है। जोशी ने बताया कि कोराइजिस बीमारी में मुर्गियों को जुकाम समस्या पैदा हो जाती है। जबकि इंटरायटिस बीमारी

आंतों से जुड़ी होती है। उन्होंने बताया किइन बीमारियों से निपटने के लिए विभाग

के पास पर्याप्त मात्रा में एंटीबायटिक्स उपलब्ध हैं। जिन्हें मुर्गीपालकों को वितरित किया जा रहा है। जोशी ने बताया कि विकास खंड में छोटे मुर्गी पालकों की संख्या अधिक है। इसलिए उन्हें समय समय पर मुर्गियों के रखरखाव व उनके पालन पोषण की जानकारी दी जा रही है। जोशी ने बताया कि फिलहाल मुर्गियों में कोई गंभीर रोग फैलने की पुष्टि नहीं हुई है। पूरे क्षेत्र में चिकित्सक ऐसी किसी भी बीमारी के संक्रमण पर नजर बनाए हुए हैं।

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बिना हैल्थ सर्टिफिकेट बेची तो खैर नहीं

मौलेखाल: पशु चिकित्साधिकारी डा. जीसी जोशी ने माना कि बाहर से बेचने केलिए लाई जाने वाली बीमार मुर्गियों से पर्वतीय इलाकों में पाली जाने वाली मुर्गियों में संक्रमण फैल सकता है। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले मुर्गी व्यवसायियों

को यहां आने से पहले उनका हैल्थ सर्टिफिकेट बनाने के निर्देश दिए गए हैं। व्यवसायी यहां आकर भी मुर्गियों का स्वास्थ्य परीक्षण करा सकते हैं। ऐसा न करने पर संबंधित व्यापारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है।

:::::::::::इंसेट::::::::::::

मुर्गी पालक इन बातों का रखें ख्याल

- मुर्गियों के चारे को सीलन से बचाएं।

- मुर्गियों को नमी में ना रखें।

- आवश्यकता के अनुसार ही चारा खरीदें। भंडारण न करने की आदत डालें

- किसी भी प्रकार की शिकायत पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लें।

विनोद सिंह गढ़िया

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[justify]बदरीनाथ धाम के कपाट 18 नवंबर को बंद होंगे

विजयदशमी पर तीन प्रमुख धामों के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने की तिथि घोषित कर दी गई। चमोली जिले में श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 18 नवंबर, रुद्रप्रयाग जिले में स्थित मद्महेश्वर धाम के कपाट 22 नवंबर और गंगोत्री धाम के कपाट चार नवंबर को विधि विधान के साथ बंद होंगे।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 18 नवंबर को शाम 7 बजकर 38 मिनट पर बंद हो जाएंगे। रविवार को धाम परिसर में हुई बैठक में धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बदरीनाथ के रावल केशवन नंबूदरी और बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के सचिव बीडी सिंह की उपस्थिति में पंचांग देखकर कपाट बंद होने की तिथि निकाली। कहा गया कि 18 नवंबर मार्गशीर्ष माह के रोहिणी नक्षत्र और मिथुन लग्न में विधिवत पूजा-अर्चना के बाद धाम के कपाट शीतकाल में छह माह तक के लिए बंद हो जाएंगे। 14 नवंबर से बदरीनाथ में पंचक पूजा के साथ ही धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
द्वितीय केदार मद्महेश्वर धाम के कपाट 22 नवंबर को सुबह आठ बजे बंद होंगे। इसी दिन बाबा की उत्सव डोली रात्रि प्रवास के लिए गौंडार गांव पहुंचेगी। गौंडार में रात्रि प्रवास के बाद 23 नवंबर को उत्सव डोली रांसी, 24 को गिरिया में रात्रि प्रवास कर 25 नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी।
गंगोत्री धाम में नवरात्र के समापन पर आयोजित अनुष्ठान में तीर्थ पुरोहितों ने पंचांग से मंदिर के कपाट बंद होने का मुहूर्त निकाला। मंदिर समिति के अध्यक्ष भागेश्वर प्रसाद सेमवाल ने बताया कि चार नवंबर को अन्नकूट पर्व पर सुबह 9:30 बजे से 11 बजे तक विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे। 11 बजे गंगोत्री मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर गंगा जी की भोगमूर्ति को डोली यात्रा के साथ मुखबा के लिए रवाना किया जाएगा। शीतकाल में तीर्थ पुरोहितों के गांव मुखबा में ही गंगा जी के दर्शन एवं पूजा-अर्चना की व्यवस्था रहेगी।

साभार : अमर उजाला
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C.S.Mehta

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Re: Uttarakhand News - उत्तराखंड समाचार
« Reply #95 on: October 16, 2013, 11:20:34 AM »
जौलीजीवी मेले पर आशंकाओं के बादल
पिथौरागढ़, जाका। भारत-नेपाल की साझी संस्कृति का प्रतीक जौलजीवी मेला शुरू होने में अब मात्र एक माह का समय बचा हुआ है। दोनों देशों को जोड़ने वाले झूले पूल का अभी तक पुनर्निर्माण न होने से मेले की सफलता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। क्षेत्र की महिलाओं ने जिलाधिकारी से पुल का अविलंब निर्माण कराए जाने की मांग की है।

गोरी और काली नदी के संगम पर बसे जौलजीवी में हर वर्ष 15 नवंबर से व्यापारिक मेला शुरू होता है। करीब दस दिन चलने वाले इस मेले में भारत के साथ ही नेपाली जनता भी भागीदारी करती है। अतीत में इस व्यापारिक मेले में तिब्बत के व्यापारी भी पहुंचते थे। मेला शुरू होने में अब मात्र एक माह का समय बचा हुआ है, लेकिन इस बार भारत नेपाल को जोड़ने वाले झूला पुल के आपदा में बह जाने से मेले की सफलता पर सवाल उठने लगे हैं। क्षेत्र में यही एक मात्र झूला पुल है, जिससे भारत और नेपाल के बीच आवागमन होता है। पुल नहीं होने से दोनों देशों के लोग आवागमन नहीं कर पा रहे हैं। क्षेत्र की सामाजिक कार्यकत्री लीला बंग्याल ने कहा है जौलजीवी मेला जहां दोनों देशों को आपस में जोड़ता है, वहीं इस मेले से कई परिवारों की आजीविका भी चलती है। उन्होंने कहा कि पुल नहीं बना तो मेला फीका रहेगा। उन्होंने इस संबंध में जिलाधिकारी को पत्र भेजा है, जिसमें पुल का अविलंब निर्माण कराए जाने की मांग की है। इधर जिला प्रशासन का कहना है कि इस पुल का निर्माण नेपाल सरकार को करना है। पिछले दिनों पिथौरागढ़ में हुई दोनों देशों के प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में इस मसले पर चर्चा हुई थी। नेपाली अधिकारियों ने पुल के शीघ्र निर्माण का आश्वासन दिया था।

C.S.Mehta

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Re: Uttarakhand News - उत्तराखंड समाचार
« Reply #96 on: November 05, 2013, 08:29:55 PM »
दीपावली पर मिली राखी की 'डोर'
कांडा : डाक विभाग की लापरवाही का अनोखा मामला कांडा इलाके में सामने आया है। यहां रक्षाबंधन के तीन माह बाद राखी प्राप्त हुई है। विगत 21 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार संपन्न हो गया है। लेकिन डाक विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि कांडा में त्योहार के तीन माह बाद राखियां मिली हैं। कांडा निवासी जगदीश लाल वर्मा ने बताया कि गंगोलीहाट निवासी उनकी बुआ बची देवी वर्मा ने उन्हें रक्षाबंधन के लिए राखियां भेजी थीं। लेकिन एक नवंबर को उन्हें राखियां मिली हैं। उन्होंने डाक विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है। कहा कि डाक विभाग भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहा है। इधर, व्यापार मंडल अध्यक्ष दीप चंद्र वर्मा सहित विभिन्न संगठनों ने डाक विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

MANOJ BANGARI RAWAT

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Re: Uttarakhand News - उत्तराखंड समाचार
« Reply #97 on: November 16, 2013, 12:50:52 PM »
गुरुवार, 14 नवंबर 2013
उत्तराखंड में भूकंप के झटके, केदारनाथ में था केंद्र

उत्तराखंड में आपदा को बीते अभी कुछ ही महीने बीते हैं इसके बाद आज सुबह 5 बजकर 3 ‌मिनट पर यहां भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.3 बताई जा रही है।

ताजा जानकारी के मुताबिक यह भूकंप उत्‍तराखंड के गढ़वाल मंडल में ज्यादा महसूस किया गया। आपदा का सबसे ज्यादा प्रभाव इसी इलाके में था। भूकंप का केंद्र रुद्रप्रयाग के आसपास था और इसकी गहराई 5 किमी थी। डेंजर जोन होने के कारण इस इलाके में इस तरह के भूकंप आते रहते

जोरदार बर्फबारी
केदारनाथ में आपदा के बाद से वहां का मौसम लगातार बदल रहा है। पिछले 6 महीने में यहां भारी बारिश के बाद अब जोरदार बर्फबारी भी हो रही है।

इस इलाके में भारी बर्फबारी ने पिछले कई सालों का रिकॉर्ड भी तोड़ा है। हालांकि भूकंप से अभी जानमाल की कोई सूचना नहीं मिली है।

पौड़ी में सुबह के समय लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए जिसके बाद लोग डर के कारण घरों से बाहर निकल आए।

मनोज कुमार रावत
८८२६५५४४४५

joshibc007

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Re: Uttarakhand News - उत्तराखंड समाचार
« Reply #98 on: November 16, 2013, 01:35:24 PM »
Rawat Ji

COPY and PASTE
This news has already been posted by Mehta ji, Few Days back
Thanks

MANOJ BANGARI RAWAT

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Re: Uttarakhand News - उत्तराखंड समाचार
« Reply #99 on: November 22, 2013, 06:33:18 PM »
सात को आयोजित होगा बुंखाल मेला
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पौड़ी: विकासखंड थलीसैण के बुखांल में प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाला बुंखाल मेला सात दिसंबर को होगा। मंदिर मेला समिति ने आयोजन की तिथि निर्धारित करते हुए इसकी तैयारियां शुरू कर दी। बलि निषेध इस मेले में इस बार भी धार्मिक पूजा-अर्चना होगी।

चौरीखाल में गुरुवार को हुई बलि निषेध मां बुंखाल कांलिका मंदिर समिति की बैठक में मेले की तिथि निर्धारित करते हुए इसे सात दिसंबर को आयोजित करने का निर्णय लिया गया। प्रशासन की ओर से बैठक में राजस्व उप निरीक्षक रामचरण शामिल हुए। इस मौके पर मंदिर मेला समिति के अध्यक्ष बालम सिंह, सचिव विनोद कुमार गोदियाल आदि मौजूद थे।

 

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