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Weather Reports from Uttarakhand - उत्तराखण्ड में मौसम के हाल

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Devbhoomi,Uttarakhand:
बारिश और बर्फबारी के लिए तरह रहे पहाड़ों में इस बार पहाड़वासी बर्फ नहीं बल्कि पाले की ठंड से कांप रहे हैं। लंबे समय से बारिश न होने से पड़ रही सूखी ठंड में सेहत बिगड़ने का भी खतरा बढ़ रहा है।
गत वर्षों में दिसंबर माह में बारिश और बर्फबारी के चलते कड़ाके की ठंड के बावजूद हिमपात का नजारा पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है लेकिन इस बार पहाड़ों में मौसम का मिजाज कुछ अलग ही नजर आ रहा है। सूर्य अस्त होते ही यहां पाला गिरना शुरू हो जा रहा है। सुबह तक पाले से सड़कें इस तरह गीली हो रही हैं जैसे रात भर रिमझिम बारिश हुई हो।

हालत यह है कि बुआखाल क्षेत्र, कंडोलिया, देवप्रयाग मार्ग पर पाले में वाहनों के रपटने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। जिले में खिर्सू, सिंगोरी, चौरी बंगला आदि क्षेत्रों में तो कई जगहों पर पाले की सफेद परतों का नजारा इन दिनों आम हो रहा है।
कंडोलिया, देवप्रयाग मार्ग पर पाले से रपटने लगे हैं वाहन

पाले से होने वाली ठंड के कारण एच-1 एन-1 के वैक्टीरिया सक्रिय होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा सांस फूलना, दिल की बीमारी, अस्थमा, एलर्जी आदि की दिक्कतें बढ़ती हैं। ऐहतियात के लिए पाले की ठंड से बचाव के इंतजाम करने जरूरी हैं।


Amarujala

Devbhoomi,Uttarakhand:
बर्फ से ढ़कीं ऊंची चोटियां
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मौसम ने करवट बदलकर प्रकृति को सफेद चादर के आगोश में समेट लिया है। सोमवार को गढ़वाल के विभिन्न स्थानों पर बर्फबारी हुई और रिमझिम फुहारों से भी किसानों के चेहरे खिल गए। सोमवार को केदारपुरी, मद्दमेहश्वर, तुंगनाथ, चोपता में जोरदार बर्फबारी हुई। चमोली जिले की ऊंची चोटियों पर और उत्तरकाशी में गंगोत्री, यमुनोत्री, दयारा व केदारकांठा आदि स्थानों पर बर्फबारी हुई।

रुद्रप्रयाग : सोमवार को दिनभर जिले मे मौसम करवट बदलता रहा। कभी हल्की धूप, तो कभी आसमान पर चारों ओर बादल मंडराते रहे, जिससे केदारनाथ सहित आस-पास के शिखरों मद्दमेहश्वर, तुंगनाथ, चोपता में जबर्दस्त बर्फबारी होती रही। केदारनाथ में दो फीट से भी अधिक बर्फ पड़ गई है। खासकर गौरीकुंड, फाटा, सोनप्रयाग, त्रियुगीनारायण व ऊखीमठ में भी शीतलहर का प्रकोप अधिक हो गया है।

गोपेश्वर : सोमवार को चमोली जिले की ऊंची चोटियों पर हल्की बर्फबारी होने से चोटियां श्वेत धवल हो गयीं। कुछ स्थानों पर बारिश होने से काश्तकारों के चेहरे खिल उठे। जिले की ऊंची चोटियों पर हल्की बर्फबारी हुई, जबकि मंडल घाटी समेत कुछ अन्य स्थानों पर बारिश हुई।

उत्तरकाशी : बीते रविवार की सुबह से ही बादल घिरे रहने के बावजूद जनपद में सोमवार की दोपहर बाद ही कुछ बूंदाबांदी हुई। जबकि गंगोत्री, यमुनोत्री, दयारा व केदारकांठा जैसी ऊंचाई वाली जगहों पर बर्फबारी हुई। भटवाड़ी, रैथल, बार्सू सहित कुछ हिस्सों में रिमझिम बारिश हुई। हालांकि अभी कोरी ठंड से पूरी तरह निजात नहीं मिली है और लोगों को बर्फबारी का और इंतजार है। खास तौर पर सेब काश्तकारों को मौसम की मेहरबानी की उम्मीद है। जनवरी के पहले पखवाड़े में बर्फबारी होना काश्तकारों के लिये काफी फायदेमंद रहता है।

कर्णप्रयाग/गैरसैंण : पिछले दो दिनों से आकाश में घुमड रहे बादलों से जहां शुष्क ठंड पसरा दी है वहीं पिंडरघाटी के देवाल, गैरसैंण में दिनभर सर्द हवाओं के बीच बर्फबारी हुई। गैरसैंण के दूधातोली की पहाड़ियों में बिना बारिश के आज जमकर बर्फबारी हुई। दोपहर बाद क्षेत्र में आसमान सूरज की आंखमिचौनी व हल्की बूंदाबादी के बीच बर्फबारी हुई तो दूधातोली की पहाडियां बर्फ की सफेद चादर से ढ़क गयी, जिसका स्थानीय लोगों ने जमकर लुत्फ उठाया। वहीं इसी तरह देवाल के उपरी क्षेत्रों तथा ग्वालदम से भी बर्फबारी होने की खबर हैं।


Source Dainik jagran

Devbhoomi,Uttarakhand:
बर्फबारी से बेहाल उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड के साथ पहाड़ों पर जम के बर्फबारी हो रही है। पिछले कुछ दिनों से हो रही बर्फबारी की वजह से जम्मू कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बर्फ की मोटी सफेद चादर बिछ चुकी है। लगातार बर्फबारी ओर ठंड से स्थानीय लोग परेशान हो गए हैं। अधिकांश पहाड़ी इलाके देश के अन्य हिस्सों से कट गए हैं। इस बार कुछ ऐसे क्षेत्रों में भी बर्फबारी हुई है जहां आम तौर पर ऐसा नहीं होता है।

Devbhoomi,Uttarakhand:
बिगड़े मौसम ने फिर उड़ाई नींदऊंची चोटियों पर बर्फबारी,  निर्वाचन मशीनरी और प्रत्याशी भी चिंतित •
देहरादून/हल्द्वानी। मौसम के बदले मिजाज ने आम लोगों के साथ ही निर्वाचन मशीनरी और चुनावी उम्मीदवारों की भी नींद उड़ा दी है। रविवार को गढ़वाल और कुमाऊं में ऊंची चोटियों पर हिमपात हुआ। दिनभर आकाश पर बादल छाए रहने से जहां ठंड बढ़ गई वहीं बर्फबारी ने कई मार्गों को अवरुद्ध कर दिया। कुछ रास्तों पर भारी वाहनों की आवाजाही पर ब्रेक लग गया। मौसम विभाग के मुताबिक अभी बर्फबारी बंद होने के आसार नहीं हैं।गंगोत्री और यमुनोत्री घाटी के लोगों को ठंड से निजात नहीं मिल पा रही है। देर शाम हर्षिल, राड़ी टॉप और हरकीदून घाटी में बर्फबारी हुई। यमुनोत्री राजमार्ग के राड़ी टॉप में बर्फबारी होने से यातायात पर फिर ब्रेक लगने के आसार हैं। उत्तरकाशी में बर्फ से अवरुद्ध 27 सड़कों की स्थिति अब भी यथावत है। उधर, चमोली में जिला निर्वाचन विभाग सुबह से ऊंची चोटियों पर रुक-रुककर हिमपात होने से परेशान रहा। बर्फबारी के चलते उत्तरकाशी से सुक्की टॉप तथा हर्षिल से झाला जसपुर तक वाहनों की आवाजाही के बाधित होने के हालात पैदा हो गए हैं। दूसरी ओर कुमाऊं में मुनस्यारी तथा धारचूला के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी हिमपात हुआ। थल-मुनस्यारी मार्ग पर हिमपात के कारण एक बार फिर से यातायात बंद होने की आशंका है। पंचाचूली, हंसलिंग, छिपलाकेदार में भारी बर्फबारी हो रही है। मुनस्यारी नगर में न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री तक पहुंच गया है। धारचूला के ऊंचाई वाले सभी इलाकों में इस बार जबर्दस्त हिमपात हुआ है। प्रदेश में मतदान एक हफ्ते बाद है और बर्फबारी के मद्देनजर ऊंचाई पर स्थित मतदान केंद्रों को लेकर निर्वाचन कार्यालय की चिंता ज्यादा है। उधर, सियासी दलों की चिंता मतदान प्रतिशत को लेकर है। अगर मौसम लंबे समय तक खराब रहा तो कम मतदाता वोट डालने के लिए घर से निकलेंगे और मतदान प्रतिशत पर इसका असर पड़ सकता है।      संबंधित पेज 2 पर   •बर्फबारी से उत्तरकाशी, चमोली में कई मार्ग अवरुद्ध •राड़ी टॉप में फिर यातायात ठप होने के आसार बने•तैयारी ः  मौसम पर निर्वाचन विभाग की भी निगाह है। मौसम विभाग बर्फबारी के और स्पेल की बात कर रहा है। इसको देखते हुए निर्वाचन विभाग ने अपनी तैयारी की है। पोलिंग पार्टियों को मतदान केंद्रों तक पहुंचाने के लिए तीन हेलीकाप्टर की व्यवस्था भी की गई है। पोलिंग पार्टिया 27 जनवरी से रवाना होनी शुरू होंगी। ऐसे में हेलीकाप्टर की व्यवस्था न होने पर इन पार्टियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।आशंका ः  मौसम विभाग की मानें तो बर्फबारी जल्द थमने के आसार नहीं हैं। मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक डा. आनंद शर्मा के मुताबिक इस समय फिर से एक सिस्टम सक्रिय हो गया है। इसका असर ऊंचाई वाले इलाकों में ज्यादा दिखाई देगा। उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिनों तक मौसम की स्थिति में कोई खास सुधार आने वाला नहीं है। मौसम के लिहाज से गढ़वाल में 387 मतदान केंद्र संवेदनशील हैं। इनमें उत्तरकाशी में 123, चमोली में 70, नई टिहरी में 23, पौड़ी में 136 और रुद्रप्रयाग में 35 मतदान केंद्र शामिल हैं।कहां कितना यूनतम तापमान2.4मसूरी •थल-मुनस्यारी मार्ग पर हिमपात से यातायात पर असर की आशंका0.1मुक्तेश्वर•1.7पिथौरागढ़2.9उत्तरकाशी

Devbhoomi,Uttarakhand:
अबकी बरसात किल्लत में ही कटेंगे दिन!


बेशक पहाड़ों के लिए तीन माह का अतिरिक्त राशन कोटा भेज दिया गया है। मगर भंडारण के पुख्ता बंदोबस्त न होने से अबकी बरसात भी किल्लत में ही कटेगी।

31 न्याय पंचायतों में खाद्यान्न गोदामों पर जहां जमीन का पेंच फंसा है, वहीं तीन बड़े भंडार गृहों पर भी बजट का ब्रेक लग गया है। नतीजतन, क्षमता से दोगुना आवंटित रसद का सरकारी दुकानों में भंडारण बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।

दरअसल, पर्वतीय जिलों में शुरुआती दौर से ही खाद्यान्न गोदामों की कमी खटकती रही है। खासतौर पर वर्षाकाल में मैदान व पहाड़ का संपर्क कटने पर इसकी परिणति राशन संकट के रूप में सामने आती रही है।

इसी से पार पाने को बीते वर्ष आखिर में एक हजार या इससे अधिक आबादी वाली न्याय पंचायतों में 500-500 मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम स्थापित करने की कवायद शुरु हुई।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_9409628.html

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