Author Topic: Braham Kamal Flower found in Uttarkahand-ब्रहमा जी का फूल ब्रहमकमल  (Read 32091 times)

Devbhoomi,Uttarakhand

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ब्रह्म कमल इस पुष्प के चारों ओर कुच्छ पारदर्शी ब्लैडर के समान पत्तियों की रचना होती है,जिनको स्पर्श कर लेने मात्र से जिसकी सुगंध कई घंटों तक अनुभब की जा सकती है !ब्रह्म कमल फूल की जड़ों मैं ओसधीय गुण होते हैं !

 यह दुर्लब पर्जाति का विशेष पुष्प है महाभारत एवं पौराणिक भारतीय साहित्य में इस दिब्य पुष्प का कई स्थलों पर उल्लेख मिलता है महाभारत के वनपर्व में संभवतः इसे ही सुगंधित पुष्प कहा गया है !

उत्तराखंड की स्थानीय भाषा में इसे "कोंल  पदम"  कहते है हिमालय के देव मंदिरों में कोंल पदम चढ़ाने का विधान है !यह प्रसाद के रूप में कई मंदिरों में भक्तों में वितरित किया जाता है !

विनोद सिंह गढ़िया

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Braham Flower in Hem kund Sahib.
Photo by Tilak Soni.



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माना जाता है कि ब्रह्मकमल के पौधे में एक साल में केवल एक बार ही फूल आता है जो कि सिर्फ रात्रि में ही खिलता है। दुर्लभता के इस गुण के कारण से ब्रह्म कमल को शुभ माना जाता है। इस पुष्प की मादक सुगंध का उल्लेख महाभारत में भी मिलता है जिसने द्रौपदी को इसे पाने के लिए व्याकुल कर दिया था।

पिघलते हिमनद और उष्ण होती जलवायु के कारण इस दैवीय पुष्प पर संकट के बादल पहले ही गहरा रहे थे। भक्ति में डूबे श्रद्धालुओं द्वारा केदारनाथ में ब्रह्मकमल का अंधाधुँध दोहन भी इसके अस्तित्व के लिए खतरा बन गया है।

इसी तरह हेमकुण्ट साहिब यात्रा में भी ब्रह्मकमल को नोचने का रिवाज-सा बन गया है। पूजा-पाठ के उपयोग में आने वाला औषधीय गुणों से युक्त यह दुर्लभ पुष्प तीर्थयात्रीयों द्वारा अत्यधिक दोहन से लुप्त होने की कगार पर ही पहुँच गया है।

 

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