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पिथोरागढ़ जिले में "हिलजात्रा" महोत्सव:
पूरे बिश्व में मेले और त्यौहार सामाजिक गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण अंग हैं. यह सभी जगह अलग-अलग ढंग से मनाये जाते हैं. इन परंपरागत मेलों और त्योहारों का सम्बन्ध धार्मिक विश्वासों, लोकमतों, स्थानीय रीति रिवाजों, बदलते मौसमों, फसलों आदि से है. हमारे देश में अनेक धर्म और उनसे जुड़े केवल बिभिन्न उत्सव ही नहीं हैं बल्कि अपनी विविध साँस्कृतिक परम्परों के कारण उन्हें अलग-अलग ढंग से मनाया भी जाता है. इससे प्रकार कुमाओं, पिथोरागढ़ जनपद में कुछ उत्सव समारोह पूर्वक मनाये जाते हैं, हिल्जात्रा उनमें से एक है.
जनपद पिथोरागढ़ में "कुमौड़" गाँव में गौर-महेश्वर पर्व के आठ दिन बाद प्रतिवर्ष हिलजात्रा का आयोजन होता है. यह उत्सव भादो माह में मनाया जाता है. मुखौटा नृत्य-नाटिका के रूप में मनाये जाने वाले इस महोत्सव का कुख्य पात्र लाखिया भूत, महादेव शिव का सबसे प्रिय गण, बीरभद्र मन जाता है. प्रतिवर्ष इस तिथि पर लाखिया भूत के आर्शीवाद को मंगल और खुशहाली का प्रतीक मन जाता है. हिलजात्रा उत्सव पूरी तरह कृषि से सम्बन्धित माना गया है.