Uttarakhand > Uttarakhand at a Glance - उत्तराखण्ड : एक नजर में

Mohan Chand Sharma - दिल्ली आतंकवादी मुडभेड मे शहीद इंसपेक्टर मोहन चंद शर्मा

<< < (10/10)

Pratap Mehta:
बटला मुठभेड़: अदालती फैसले के बाद भी नहीं झुके दिग्विजय
आईबीएन-7 | Jul 25, 2013 at 06:17pm
 

More on: #Digvijay singh # Batla Encounter # Court # Shahzad # Bjp

नई दिल्ली। दिल्ली के बटला एनकाउंटर मामले में कोर्ट के फैसले के बाद भी कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि वो अपने बयान पर कायम हैं। इंदौर में दिग्विजय ने कहा कि मैंने बटना एनकाउंटर की न्यायिक जांच की मांग की थी जो नहीं हुई। दिग्विजय के मुताबिक अगर इस केस की न्यायिक जांच हुई होती तो सामने वाले को भी अपना पक्ष रखने का मौका मिलता।
दरअसल बटला हाउस मुठभेड़ कांड में दिल्ली की निचली अदालत ने एक अहम फैसला सुनाया है। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने बटला हाउस मुठभेड़ कांड में इंडियन मुजाहिदिन के संदिग्ध आतंकी शहजाद पर अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने इस मामले में शहजाद को मुठभेड़ के दौरान इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या का दोषी करार दिया है। कोर्ट ने शहजाद को एक पुलिस वाले की हत्या की कोशिश का भी दोषी ठहराया है। कोर्ट सोमवार को शहजाद पर फैसला सुनाएगी।
ये मुठभेड़ दिल्ली के जाकिर नगर इलाके में मौजूद बटला हाउस के मकान नंबर एल 18 में 19 सितंबर, 2008 की सुबह हुई थी। पुलिस के मुताबिक बटला हाउस के इस फ्लैट में उसे मुठभेड़ के वक्त उसे कुल पांच लोग मिले। इनमें से चार लोगों ने उस पर गोलियां चलाई। पुलिस ने आतिफ और साजिद नाम के शख्स को मार गिराया। जबकि सैफ नाम के शख्स को गिरफ्तार कर लिया। जबकि गोलियां चलाने वाला शहजाद और आरिफ नाम के संदिग्ध आतंकी फरार होने में कामयाब हो गए। शहजाद को 2010 में गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में आरिफ अभी तक फरार है।
वहीं शहजाद को इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या का दोषी करार दिया गया है। शहीद का परिवार अदालत के फैसले पर संतोष जता रहा है। लेकिन अब तक जिस तरह से मोहन चंद शर्मा की शहादत पर विवाद खड़े किए जा रहे थे उससे वो दुखी भी है।
 

विनोद सिंह गढ़िया:
बटला हाउस कांड में अदालत के फैसले से खुशी

[justify]दिल्ली की साकेत कोर्ट द्वारा बटला हाउस कांड को सही ठहराने के बाद चौखुटिया घाटी में खुशी का माहौल है। इस कांड में आदिग्राम कनौणियां निवासी दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा शहीद हो गए थे। गांव में रहने वाले श्री शर्मा के ताऊ और चचेरे भाई ने फैसले पर खुशी व्यक्त करते हुए दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है।दिल्ली के बटला हाउस क्षेत्र में 19 सितंबर 2008 को आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर ग्राम पंचायत आदिग्राम कनौणियां के पैसियाखाल (तिमिलखाल) निवासी मोहन चंद्र शर्मा (मासीवाल) शहीद हो गए थे। मुठभेड़ में दो आतंकवादी आतिफ अमीन और छोटा शाजिद मारे गए थे। जबकि फरार आतंकी शहजाद को आजमगढ़ से पकड़ा गया था। पांच साल पूर्व श्री शर्मा की शहादत पर पूरा क्षेत्र शोक में डूब गया था। इधर इस बीच कतिपय राजनीतिज्ञों द्वारा मुठभेड़ को फर्जी बताए जाने से लोग दुखी और आक्रोश में थे परंतु दिल्ली की साकेत कोर्ट का फैसला आने के बाद हर तरफ खुशी का माहौल है। गांव में रहने वाले शहीद शर्मा के चचेरे भाई जगदीश मासीवाल ने बताया कि वह बहुत खुश हैं उनके भाई ने देश के लिए अपनी कुर्बानी दी परंतु कुछ राजनितज्ञों ने मुठभेड़ को फर्जी कहकर प्रचारित करने की कोशिश की थी जिससे उनके परिवार को धक्का लगा था। अब सच्चाई देश के सामने है। इसी तरह के विचार उनके ताऊ शिवदत्त मासीवाल ने भी व्यक्त किए हैं। शहीद एमसी शर्मा जन कल्याण समिति के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश फुलोरिया ने फैसले को एतिहासिक बताया।

तिमिलखाल में मनाया जाता है शहीद दिवस


चौखुटिया तहसील अंतर्गत आदिग्राम कनौणियां के तिमिलखाल में शहीद मोहन चंद्र शर्मा का स्मारक बनाया गया है। इसी स्थल पर उनकी स्मृति में प्रतिवर्ष 19 सितंबर को शहादत दिवस मनाया जाता है। श्री शर्मा का गांव मासी कस्बे के निकट है। उनके गांव पहुंचने के लिए पन्याली से सीधी चढ़ाई चढ़ते हुए एक और पैदल रास्ता है। ग्रामीणों द्वारा शहीद मोहन चंद्र शर्मा जन कल्याण एवं विकास समिति भी बनाई गई है। इसी समिति के तत्वावधान में कार्यक्रम होते हैं।

साभार : अमर उजाला
[/justify]

Navigation

[0] Message Index

[*] Previous page

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 
Go to full version