बांस तथा रिंगाल बनेगा काश्तकारों की आय का जरिया
अल्मोड़ा। बांस तथा रिंगाल जिले में काश्तकारों की आय का जरिया बनेगा। उत्तराखंड बांस एवं रेशम विकास परिषद देहरादून राष्ट्रीय बांस मिशन योजना में काश्तकारों को अपनी निजी भूमि में बांस तथा रिंगाल के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करेगी। परिषद इच्छुक काश्तकारों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के साथ ही नर्सरी, पौधरोपण, बांस तथा रिंगाल की वस्तुएं बनाने के लिए भी प्रशिक्षण देगी। जिले में यह योजना उद्यान विभाग के माध्यम से इस वर्ष से शुरू हो रही है। इससे क्षेत्र के बांस तथा रिंगाल आधारित परंपरागत कुटीर उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा।
मालूम को कि जंगली जानवरों द्वारा फसल को नुकसान पहुंचाने से काश्तकार खेती से विमुख हो रहे हैं। वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में काश्तकारों के पास काफी बंजर भूमि है। ऐसे में काश्तकार बांस तथा रिंगाल की खेती कर आर्थिक आय अर्जित कर सकते हैं। योजना के तहत काश्तकार को 16 हजार रुपये में एक हेक्टेयर क्षेत्र में 400 बांस तथा रिंगाल के पौधे लगाने होंगे। जिसमें से आधी धनराशि आठ हजार रुपये काश्तकार को वहन करनी होगी, जबकि परिषद काश्तकार को आठ हजार रुपये की सहायता देगा।
परिषद के परियोजना प्रबंधक भवतोष भट्ट ने बताया कि योजना के अंतर्गत बजट की कमी नहीं है। भारत सरकार द्वारा योजना के तहत पर्याप्त बजट आवंटित किया जाता है। इच्छुक काश्तकारों को कोटद्वार तथा चमोली स्थित सामुदायिक सुविधा केंद्र के माध्यम से नर्सरी, पौधरोपण की तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने के साथ ही डलिया, सूप, टोकरी, फर्नीचर, चटाई, शोपीस बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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लाठी, कांटा, काको बांस की प्रजाति उपयुक्त
अल्मोड़ा। उत्तराखंड के लिए लाठी बांस, कांटा बांस, डेंट्रोकेलेमस हेमलटोनाई (काको बांस) की प्रजाति उपयुक्त है। परियोजना प्रबंधक भवतोष भट्ट ने बताया कि लाठी बांस तथा कांटा बास एक हजार मीटर की उंचाई पर होता है। यह दोनों प्रजातियां घाटी वाले क्षेत्रों के लिए अधिक उपयुक्त हैं। जबकि काको बांस तथा रिंगाल अधिक ऊंचाई में होता है।
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शो रूम तथा नर्सरी के लिए भी मिलेगी सब्सिडी
राष्ट्रीय बांस बोर्ड बांस की नर्सरी के लिए भी सब्सिडी देता है। योजना के तहत 2.73 लाख रुपये की लागत में 50 हजार पौध की नर्सरी तैयार करनी होगी। जिसमें काश्तकार को 68 हजार की सब्सिडी मिलेगी। उत्पादित माल के विपणन के लिए शो रूम खोलने के लिए मिशन के तहत सहायता मिलेगी। 40 लाख रुपये के शोरूम खोलने पर 10 लाख की सब्सिडी मिलती।
बांस तथा रिंगाल उत्पादन की दी जानकारी
अल्मोड़ा। उत्तराखंड बांस एवं रेशा विकास परिषद के तत्वावधान में जिला पंचायत सभागार में हुई कार्यशाला में काश्तकारों, सरपंचों तथा उद्यान विभाग के कार्मिकों को राष्ट्रीय बांस मिशन की योजनाओं की जानकारी दी गई। कार्यशाला में परिषद के परियोजना प्रबंधक भवतोष भट्ट ने काश्तकारों को राष्ट्रीय बांस मिशन की योजनाओं, बांस तथा रिंगाल की उपयोगिता, बांस नर्सरी तथा पौध रोपण के बारे में बताया। प्रबंधक विमल कुमार धीमान ने रोपण तथा बांस की उपयोगिता के बारे में बताया। जिला उद्यान अधिकारी दयालु राम ने काश्तकारों से राष्ट्रीय बांस मिशन की योजनाओं का लाभ उठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इच्छुक काश्तकार योजना के तहत आवेदन करें। कार्यशाला में काश्तकारों, वन पंचायत सरपंच, उद्यान विभाग के सहायक विकास अधिकारी तथा पर्यवेक्षक उपस्थित थे।
Date - 23 Jan 2013 (source amar ujala)