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These are Pride of Uttarakhand - उत्तराखंड के गौरव

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Devbhoomi,Uttarakhand:
गब्बर सिंह नेगी, गढ़वाल राइफल्स

चंबा। प्रथम विश्व युद्ध के नायक रहे विक्टोरिया क्रॉस विजेता गब्बर सिंह को गढ़वाल राइफल के जवान हर वर्ष उनके स्मारक पर आकर रितलिंग परेड देकर उनका स6मान बढ़ाने के साथ ही उनके संघर्षों को याद करते आए थे। लेकिन इस बार गढ़वाल राइफल द्वारा यह परंपरा भी नहीं निभाई गई।

२१ अप्रैल १८९५ को चंबा के मज्यूड़ गांव में जन्मे इस रणबांकुरे ने प्रथम विश्व युद्ध में जर्मन सेना के जिस दुर्ग को ब्रिटिश सेना नहीं भेद पाई उस पर अपनी युद्ध कौशलता से क4जा दिला दिया था। मरणोंपरांत उन्हें ब्रिटिश सेना के सर्वोच्च वि1टोरिया क्रॉस मेडल से नवाजा गया। तब से २१ अप्रैल को उनके चंबा स्थित स्मारक पर गढ़वाल राइफल द्वारा रेतलिंग परेड कर उन्हें सलामी दी जाती रही है।

 लेकिन इस बार सेना से कोई भी उन्हें याद करने नहीं पहुंचा। जिस पर लोगों ने काफी नाराजगी व्य1त की।वीसी ग4बर सिंह मेले में उमड़े लोगचंबा। वि1टोरिया क्रॉस विजेता वीसी ग4बर सिंह नेगी की याद में हर वर्ष लगने वाले मेले में लोगों की खूब भीड़ रही।

 सुबह से ही गांवों से बच्चे और महिलाएं बड़ी उत्सुकता के साथ मेले में पहुंचने लगे थे। गढ़वाल राइफल का नाम विश्वभर में रोशन करने वाले ग4बर सिंह की कुर्बानी को याद करते हुए क्षेेत्र के लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उनके संघर्षों को याद किया। उनकी याद में यहां लगने वाले मेले में खूब भी़ड रही।

 महिलाओं और बच्चों ने खरीदारी की। वीसी ग4बर सिंह चौक से लेकर मसूरी रोड, गुल्डी रोड, गजा रोड और पुरानी टिहरी रोड मेलार्थियों के हुजूम से खचाखच 5ारी रही।

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