Author Topic: UKD: Regional Party - उत्तराखंड क्रांति दल: उत्तराखंड की क्षेत्रीय पार्टी  (Read 63554 times)

पंकज सिंह महर

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उक्रांद राज्य के 60 नगर निकायों में से 40 सीटों पर अपने प्रत्याशी लड़ा रहा है। देहरादून नगर निगम की सबसे प्रतिष्ठित सीट समेत नैनीताल जिले की सभी सीटों और तराई की भी कई सीटों पर उक्रांद के प्रत्याशी संघर्ष में बने रहने के लिए पूरी ताकत से लगे हुए हैं। सत्ताधारी दल के साथ ही कांग्रेस के मुकाबले दल के सामने संसाधनों का टोटा इस लड़ाई में सबसे अधिक आड़े आ रहा है। इस संबंध में उक्रांद अध्यक्ष डा.नारायण सिंह जंतवाल से पूछने पर वह कहते हैं कि उक्रांद हमेशा जन समर्थन को महत्व देता है। उक्रांद के चुनाव लड़ने की रणनीति में संसाधन बहुत महत्व नहीं रखते। हालांकि श्री जंतवाल इस मामले में बात को दूसरी तरह से रखने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन इस बात को वह भी स्वीकार कर रहे हैं कि संसाधनों की कमी दल के साथ बनी हुई है। देहरादून नगर निगम का चुनाव सबसे अधिक प्रतिष्ठा का विषय बना हुआ है। उक्रांद प्रत्याशी विवेकानंद खंडूड़ी यहां संघर्ष में अपनी स्थिति को लगातार मजबूत भी बनाए हुए हैं। इसके बावजूद अन्य प्रत्याशियों के मुकाबले उक्रांद के बैनर पोस्टरों की कमी दर्शा रही है कि उक्रांद के पास संसाधनों का किस हद तक अभाव है। यही स्थिति अन्य नगर निकायों में भी बनी हुई है। संगठन की कमजोरी के कारण सधी हुई चुनावी रणनीति का अभाव और संसाधनों की कमी के कारण अन्य दलों के मुकाबले प्रचार में पिछड़ना अंतत: दल के कई प्रत्याशियों के लिए संकट का कारण बनता है।

हेम पन्त

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डीडीहाट(पिथौरागढ़)। उक्रांद के शीर्ष नेता काशी सिंह ऐरी ने कहा है कि नगर निकायों की 45 सीटों पर प्रत्याशी उतारे गये है। जिनमें से 25 सीटों पर जीत निश्चित है। उक्रांद ने शिक्षित और अनुभवी प्रत्याशियों को निकाय चुनावों में खड़ा किया है जो अपने अनुभवों के आधार पर समस्याओं का निराकरण करेगे।

प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार को लेकर डीडीहाट पहुंचे श्री ऐरी ने पत्रकार वार्ता में कहा कि आपदा प्रभावितों के मामले में घोर लापरवाही की गयी है। प्रभावितों को अभी भी क्षति के अनुरूप मुआवजा नहीं दिया गया है। केवल कुछ राजनीतिक रुतबा और प्रभावशाली व्यक्तियों को इसका लाभ मिला। उन्होंने कहा कि जनपद को मिली दैवीय आपदा मद की 14 करोड़ रुपये की धनराशि का वापस जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। श्री ऐरी ने इसके लिये सरकारी मशीनरी की ढिलाई करार दिया। उन्होंने कहा कि नगर निकायों में जहां भी उक्रांद को सीटे मिलेंगी उनमें बेहतर कार्य किये जायेंगे। नजूल भूमि के पट्टें आवंटित किये जाने को प्राथमिकता दी जायेगी। उन्होंने कहा कि डीडीहाट में पेयजल समस्या के समाधान के लिये लिफ्ट पेयजल योजना बनायी जायेगी और कूड़े के निस्तारण के लिये जगह चयन की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जायेगी।


हलिया

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प्रदेश के प्रान्तीय निकायों के चुनाव में भी लोगों ने उक्रांद को खास महत्व नहीं दिया।

पंकज सिंह महर

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प्रदेश के प्रान्तीय निकायों के चुनाव में भी लोगों ने उक्रांद को खास महत्व नहीं दिया।

यह इस प्रदेश का दुर्भाग्य है कि यहां पर क्षेत्रीय दल को तवज्जो नहीं मिल रही, राष्ट्रीय परिदृश्य को देखा जाय तो अन्य सभी प्रदेशों में क्षेत्रीय दलों का वर्चस्व है और उसके नेतृत्व में कई प्रदेशों में विकास कार्य भी हुये हैं। क्षेत्रीय दल की सोच क्षेत्रीय होती है, वह राष्ट्रीय या अन्य प्रदेशों के हित के आगे अपने प्रदेश के हितों क साथ समझौता नहीं कर सकता, क्योंकि उसका अस्तित्व सिर्फ इसी राज्य तक सीमित होता है।
      उत्तराखण्ड के परिप्रेक्ष्य में यदि देखें तो जिस प्रकार से यहां पर असीमित जल एवं वन साधन हैं, उसके लिये जरुरी है कि यहां पर क्षेत्रीय दल ही सत्ता में रहे। राष्ट्रीय पार्टी को पड़ोसी राज्यों में भी चुनाव लड़ना होता है और वह अन्य राज्यों को अपने प्रदेश से कुछ साधन मुहैया करा सकता है, जब कि क्षेत्रीय दल के साथ ऎसी कोई बाध्यता नहीं होगी। पानी के मामले में ही देखें तो सिंचाई के लिये उ०प्र० को ज्यादा पानी देकर राष्ट्रीय पार्टियां अपने नम्बर बढा सकते हैं, लेकिन क्षेत्रीय दल को अगर नंबर बढ़ाने होंगे तो वह अपने प्रदेश में ही बढ़ायेगा और इस बहाने थोड़ा और काम हो जायेगा।......

पंकज सिंह महर

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उत्तराखण्ड क्रान्ति दल के केन्द्रीय अध्यक्षों की सूची

१- डा० देवी दत्त पंत (१९७९-१९८०)
२- श्री जसवंत सिंह बिष्ट (१९८०-१९८७)
३- श्री काशी सिंह ऎरी (१९८७-१९९५)
४- श्री त्रिवेन्द्र सिंह पंवार(१९९५-१९९९)
५- श्री दिवाकर भट्ट (१९९९-२००१)
६- स्व० श्री विपिन त्रिपाठी (२००१-२००४)
७- श्री बी०डी० रतूड़ी (२००४-२००७)
८- डा० नारायण सिंह जंतवाल (२००८-वर्तमान तक)
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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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i believe there is dire need to re-build this party. 

This party has scarified a lot in formation of Uttarakhand state but unfortunately has not got any strong mandate from  its pepole.


उत्तराखण्ड क्रान्ति दल के केन्द्रीय अध्यक्षों की सूची

१- डा० देवी दत्त पंत (१९७९-१९८०)
२- श्री जसवंत सिंह बिष्ट (१९८०-१९८७)
३- श्री काशी सिंह ऎरी (१९८७-१९९५)
४- श्री त्रिवेन्द्र सिंह पंवार(१९९५-१९९९)
५- श्री दिवाकर भट्ट (१९९९-२००१)
६- स्व० श्री विपिन त्रिपाठी (२००१-२००४)
७- श्री बी०डी० रतूड़ी (२००४-२००७)
८- डा० नारायण सिंह जंतवाल (२००८-वर्तमान तक)
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पंकज सिंह महर

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उत्तराखण्ड क्रान्ति दल ने अलग राज्य निर्माण के लिये कोई अतिवादी मांग नहीं की थी, यह परिलक्षित होता है, पार्टी के नारों से। अतिवादी नारों को न अपना कर उक्रांद ने यह नारा अपनाया था-

"रहे चमकता सदा शीर्ष पर, ऎसा उन्नत भाल बनाओ।
उत्तराखण्ड को राज्य बनाकर, भारत को खुशहाल बनाओ॥

हेम पन्त

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नैनीताल। उत्तराखंड क्रांति दल 25 जुलाई को पार्टी का स्थापना दिवस मनाएगा। इस मौके पर प्रत्येक जिला मुख्यालयों पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। ज्ञातव्य है शहीद श्रीदेव सुमन के बलिदान दिवस 25 जुलाई 1979 से प्रेरणा लेकर उक्रांद की स्थापना की गयी थी। उक्रांद के केन्द्रीय महामंत्री एपी जुयाल ने बताया कि उक्रांद स्थापना दिवस के मौके पर गोष्ठी आयोजित की जाएंगी और राज्य आंदोलन के शहीदों क्रमश: श्रीदेव सुमन, स्व. इन्द्रमणी कड़ौनी, स्व. विपिन त्रिपाठी, पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष डा.डीडी पंत, स्व. जसवंत सिंह बिष्ट व बाबा मोहन उत्तराखंडी समेत अन्य शहीद आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। इस अवसर पर उनके पद् चिन्हों पर चलने का संकल्प लेते हुए राज्य की समस्याओं के समाधान के लिए संघर्ष का संकल्प लिया जाएगा।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Great day for UKD. This is the party which sacrified a lot for separate state of uttarakhand.

नैनीताल। उत्तराखंड क्रांति दल 25 जुलाई को पार्टी का स्थापना दिवस मनाएगा। इस मौके पर प्रत्येक जिला मुख्यालयों पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। ज्ञातव्य है शहीद श्रीदेव सुमन के बलिदान दिवस 25 जुलाई 1979 से प्रेरणा लेकर उक्रांद की स्थापना की गयी थी। उक्रांद के केन्द्रीय महामंत्री एपी जुयाल ने बताया कि उक्रांद स्थापना दिवस के मौके पर गोष्ठी आयोजित की जाएंगी और राज्य आंदोलन के शहीदों क्रमश: श्रीदेव सुमन, स्व. इन्द्रमणी कड़ौनी, स्व. विपिन त्रिपाठी, पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष डा.डीडी पंत, स्व. जसवंत सिंह बिष्ट व बाबा मोहन उत्तराखंडी समेत अन्य शहीद आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। इस अवसर पर उनके पद् चिन्हों पर चलने का संकल्प लेते हुए राज्य की समस्याओं के समाधान के लिए संघर्ष का संकल्प लिया जाएगा।


 

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