Author Topic: Who, Where, Why In Uttarakhand? - उत्तराखंड मे कौन, कहाँ, क्यो?  (Read 146401 times)

पंकज सिंह महर

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नैनीताल शहर की खोज किसने की और उसका वास्तविक मालिक कौन था?

Anubhav / अनुभव उपाध्याय

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The town of Nainital (in British times Naini Tal or Nynee Tal), India was founded in 1841 by P. Barron, a sugar trader from Shahjahanpur.

Waastavik Maalik ka pata nahi.

नैनीताल शहर की खोज किसने की और उसका वास्तविक मालिक कौन था?

Uttarakhandi

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Can anybody tell which districts are biggest areawise and populationwise and which are smallest again areawise and populationwise in Uttarakhand.

Iska jawab mujhe bhee nahi pata ???

Good que sir & answer is

उत्तराखण्ड में जनसंख्या के हिसाब से

सबसे बड़ा जिला- हरिद्वार, कुल जनसंख्या- 14,47,187 (2001 की जनगणना के अनुसार)
सबसे छोटा जिला- चम्पावत, कुल जनसंख्या- 2,24,542 (2001 की जनगणना के अनुसार)

क्षेत्रफल के हिसाब से -

सबसे बड़ा जिला- उत्तरकाशी , कुल क्षेत्रफल - 8,016 वर्ग कि०मी०
सबसे छोटा जिला- चम्पावत, कुल क्षेत्रफल- 1,638वर्ग कि०मी०


Danyawad Mahar ji, you really have good knowledge of Uttarakhand :)

पंकज सिंह महर

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The town of Nainital (in British times Naini Tal or Nynee Tal), India was founded in 1841 by P. Barron, a sugar trader from Shahjahanpur.

Waastavik Maalik ka pata nahi.

नैनीताल शहर की खोज किसने की और उसका वास्तविक मालिक कौन था?


सन् १८३९ ई. में एक अंग्रेज व्यापारी पी. बैरन था। वह रोजा, जिला शाहजहाँपुर में चीनी का व्यापार करता था।  १८४४ में बैरन नैनीताल के इस अंचल के सौन्दर्य से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने सारे इलाके को खरीदन का निश्चय कर लिया। पी बैरन ने उस इलाके के थोकदार नूर सिंह से स्वयं बातचीत की कि वे इस सारे इलाके को उन्हें बेच दें।पहले तो थोकदार नूर  सिंह तैयार हो गये थे, परन्तु बाद में उन्होंने इस क्षेत्र को बेचने से मना कर दिया। बैरन इस अंचल से इतने प्रभावित थे कि वह हर कीमत पर नैनीताल के इस सारे इलाके को अपने कब्ज में कर, एक सुन्दर नगर बसाने की योजना बना चुके थे। जब थोकदार नूरसिंह इस इलाके को बेचने से मना करने लगे तो एक दिन बैरन साहब अपनी किश्ती में बिठाकर नूरसिंह को नैनीताल के ताल में घुमाने के लिए ले गये। और बीच ताल में ले जाकर उन्होंने नूरसिंह से कहा कि तुम इस सारे क्षेत्र को बेचने के लिए जितना रू़पया चाहो, ले लो, परन्तु यदि तुमने इस क्षेत्र को बेचने से मना कर दिया तो मैं तुमको इसी ताल में डूबो दूँगा। बैरन साहब खुद अपने विवरण में लिखते हैं कि डूबने के भय से नूरसींह ने स्टाम्प पेपर पर दस्तखत कर दिये और बाद में बैरन की कल्पना का नगर नैनीताल बस गया।

Parashar Gaur

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उत्तराखंड  gadwal  में ब्राहमण   ...  कब , कहा से  आए और कहा वसे ....



१  नौटियाल ... 700 साल पहीले टिहेरी से आकर तली चांदपुर में नौटी गाव में आकर बस गए !   
                   आप के आदि पुरष है  नीलकंठ और देविदया जो गौर ब्राहमण है !
२  डोभाल  ...   आप के पुर्बज दसपाल व कमरजीत कनौज से आए जो दौबपट्टी में चांदपुरगाव में
                   आकर बस गए !  आप कन्या कुब्ज ब्राह्मण है !
३.  रतुड़ी  ...    आप 200  साल से सीला पट्टी के चांदपुर के समीप रतूड़ गाव में आकर बस गए ! आप
                  गौर ब्रह्मनानो से  समन्धित है
४  गैरोला  ..   आपका पैत्रिक गाव चांदपुर तैल पट्टी है ! आप के आदि पुरष है गयानन्द और विजयनन्द !
५.  डिमरी      आप साउथ से आकर पट्टी तली चांदपुर दिमार गाव में आकर बस गए ! आप द्रविड़ ब्राह्मन   
                  है  !
६  थपलियाल   आप 1100  साल पहीले पट्टी सीली चांदपुर के ग्राम थापली में आकर बस गए !  आप के आदि
                  पुरष है जैचानद माईचंद और जैपाल जो गौर ब्राहमण है
७ बिज्ल्व्वान    आप ११०० साल पहीले यहाँ आए !  आपका आदि पुरूष है बीजो ! आप भी गौर ब्राहमण है !     
           


 cont...
 
 

Parashar Gaur

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८  कोटियाल    900 साल पहीले यहाँ आकर कोटी गौ में आकर बसे !  विशेश्वर आप के आदि पुरष है  !
९.   हथवाल     900 साल पहीले यहाँ आकर हट गौ में बस गए !  सुदर्शन आप के आदि पुरष है  !
१० सूती या सोते 1200 साल पहीले गुजरात से आए !  इनके और भी जातिया इनसे निकली  जिनमे मालती
                   उन्दली गुज्यल्दी मसेता हुन्दी मादुरी गस्वाल  बर्स्वाल  आदी  !
११. चमौली      1200 साल पहीले गुजरात से आए !
१२ सेमवाल     1200 साल पहीले गुजरात से आए !
१३ लखेरा       1200 साल पहीले गुजरात से आए !
१४ भटोला      1200 साल पहीले गुजरात से आए
१५ मज्खोला    1200 साल पहीले गुजरात से आए
१६ डंगवाल      1200 साल पहीले यहाँ आकर असवाल स्यूं ड़ंगी में बस गए  ! आप द्रविण ब्राह्मन है !
१७ सकलानी     1100 साल पहीले यहाँ आए !  टिहरी की असुर पट्टी के सुक्लान गौ में बसे !  आप के आदि
               पुरष है केसर्चंद और रामेश्वर !
१८ उनियाल     400  साल पहीले ग्राम उनी इडवाल स्यूं  में आकर बसे ! आप मैथली ब्राह्मन  है !
१९ घिर्डियाल     800 साल पहीले धारी ग्राम में आकर बसे ! आप की आदि पुरूष है लुधामदेव गंगदेव ! आप
               गौर ब्राहमण है  !
२० ढौंडियाल     200 साल पहीले आए  ढौंडियाल स्यूं  ढौन्द गौ  में बसे ! आप की आदि पुरूष   
              थे  इजू बीजू और रूपचंद !
[/color]

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Gaur Ji,

Thanx. This is really a very exclusive information.

It is said that Mehta (surname) in uttarakhand has also come from Rajasthan during the mugal empire.

८  कोटियाल    900 साल पहीले यहाँ आकर कोटी गौ में आकर बसे !  विशेश्वर आप के आदि पुरष है  !
९.   हथवाल     900 साल पहीले यहाँ आकर हट गौ में बस गए !  सुदर्शन आप के आदि पुरष है  !
१० सूती या सोते 1200 साल पहीले गुजरात से आए !  इनके और भी जातिया इनसे निकली  जिनमे मालती
                   उन्दली गुज्यल्दी मसेता हुन्दी मादुरी गस्वाल  बर्स्वाल  आदी  !
११. चमौली      1200 साल पहीले गुजरात से आए !
१२ सेमवाल     1200 साल पहीले गुजरात से आए !
१३ लखेरा       1200 साल पहीले गुजरात से आए !
१४ भटोला      1200 साल पहीले गुजरात से आए
१५ मज्खोला    1200 साल पहीले गुजरात से आए
१६ डंगवाल      1200 साल पहीले यहाँ आकर असवाल स्यूं ड़ंगी में बस गए  ! आप द्रविण ब्राह्मन है !
१७ सकलानी     1100 साल पहीले यहाँ आए !  टिहरी की असुर पट्टी के सुक्लान गौ में बसे !  आप के आदि
               पुरष है केसर्चंद और रामेश्वर !
१८ उनियाल     400  साल पहीले ग्राम उनी इडवाल स्यूं  में आकर बसे ! आप मैथली ब्राह्मन  है !
१९ घिर्डियाल     800 साल पहीले धारी ग्राम में आकर बसे ! आप की आदि पुरूष है लुधामदेव गंगदेव ! आप
               गौर ब्राहमण है  !
२० ढौंडियाल     200 साल पहीले आए  ढौंडियाल स्यूं  ढौन्द गौ  में बसे ! आप की आदि पुरूष  
              थे  इजू बीजू और रूपचंद !
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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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