म्यर उत्तराखंड ग्रुप उत्तराखंड के उन युवा/युवतियों की संस्था है जो भूमंडलीकरण के दौर में भी पहाड़ के नवनिर्माण की सोच रखती है। पिछले 5 वर्षों से प्रवास में अलग-अलग व्यवसाय से जुड़े इस नई पौध ने पहाड़ को अपने नजरिये से देखा है। संचार के इस युग ने दुनिया को बहुत छोटा कर दिया है। इन्टरनेट वेबसाइट के माध्यम से एक दूसरे से जुड़े ये नौजवान अब अपने सपनो को जमीनी हकीकत में बदलना चाहते हैं।
म्यर उत्तराखंड' ग्रुप सोसाएटी उन सरोंकारों से जुड़कर अपना योगदान करना चाहता है जिसकी वहां जरुरत है। संस्था विभिन्न कार्यकर्मों के माध्यम से हमेशा उत्तराखंड की सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, आर्थिक, शैक्षिक और नियोजन सम्बन्धी तमाम सवालों को उठाती आ रही है, और वैचारिक आन्दोलन की हिमायत भी संस्था करती रही है। समय-समय पर उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को संजोने में और पुरानी पीढ़ी की विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने और सहेजने का आयोजन भी कर रही है। पहाड़ से बाहर रह रहे युवाओं को अपनी जड़ों से जुड़े रहने और विभिन्न गतिविधियों से पहाड़ को जानने-समझने का प्रयास भी हम कर रहे हैं। हम इस छोटी सी कोशिश से उत्तराखंड की सम्पूर्ण धरोहर, सांस्कृतिक एकता, सामाजिक मूल्यों को अक्षुण रखने एवं अपनी परम्परा और आर्थिक रूप से संपन्न पहाड़ की कल्पना को साकार करने में सहभागी बनना चाहते हैं। म्यर उत्तराखंड' संस्था अपनी सभ्यता, संस्कृति और इतिहास से प्रेरणा लेकर खुशहाल उत्तराखंड का सपना देखती है। हमारे अग्रजों, बुद्धिजीवियों का अनुभव और हमारा उत्त्साह एक सार्थक पहल से आगे बढ़ सकता है। इसी उद्देश्य और आगे बढ़ने के संकल्प के साथ युवाओं ने अपने कदम बढ़ाये हैं।
लोकतंत्र में वोट का गणित भले ही नीतिकारों का चयन करता हो, लेकिन जनता यदि अपने हक़-हकूकों के लिए ताकत के साथ खडी होती है तो परिवर्तन बहुत कठिन काम नहीं है। 'म्यर उत्तराखण्ड ग्रुप' शहीदों को भावभीनी श्रद्दांजलि देते हुए `म्यर उत्तराखंड' मंच के माध्यम से राज्य के आन्दोलनकारियों और शहीदों की भावना के अनुरुप गैरसैंण (चन्द्र नगर) को उत्तराखण्ड की स्थायी राजधानी के रुप में देखना चाहता हैं। और राजधानी गैरसैंण (चन्द्र नगर) के लिए जनांदोलन की घोषणा करता हैं। आन्दोलन का शुरुआत `म्यर उत्तराखंड' ग्रुप 14 अगस्त रविवार, स्वतंत्रता दिवस से एकदिन पहले गैरसैंण (चन्द्र नगर) में जनसभा और शान्ति पूर्ण धरना देकर करेगा| समस्त उत्तराखंड की जनता, आन्दोलनकारियों, सामाजिक संगठनो, जनसरोकारों, पत्रकारिता से जुड़े लोगों, वरिष्ठ नागरिको एवं बुद्धिजीवियों से अनुरोध करता है कि इस मुहिम में सभी एकजुट होकर साथ चलें, एकता में ही शक्ति है, वक्त आ गया है एकबार फिर से 1994 का इतिहास दोहराने का|