Author Topic: Details About Uttarakhand State Struggle Heros  (Read 4245 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Details About Uttarakhand State Struggle Heros
« on: May 18, 2011, 06:53:45 AM »
 
Dosto,
 
We are sharing here information and photographs of various Uttarkahand State Struggle Heros who sacrified their life in forming separate Uttarakhand State.
 
 यशोधर बेंजवाल    शहीद यशोधर बेंजवाल भारत के एक उत्तराखण्ड आन्दोलनकारी थे। वे पृथक उत्तराञ्चल प्रदेश के निर्माण हेतु संघर्षरत संगठन उत्तराखण्ड क्रान्ति दल (उक्रांद) (जो कि वर्तमान में उत्तरांचल का एक क्षेत्रीय राजनीतिक दल है) के सदस्य थे। आन्दोलन के दौरान पुलिस के हाथों उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी।
यशोधर का जन्म उत्तरांचल (जो कि उस समय उत्तर प्रदेश का हिस्सा था) के रुद्रप्रयाग जिले के बेंजी नामक गाँव में हुआ था। छात्र जीवन से ही वे राजनीति में सक्रिय थे। बाद में वे पृथक उत्तराखण्ड प्रदेश के निर्माण के आन्दोलन से जुड़ गये।
श्रीनगर कस्बे से २ कि०मी० दूर स्थित श्रीयन्त्र टापू पर आन्दोलनकारियों ने ७ नवंबर, १९९४ से पृथक उत्तराखण्ड राज्य हेतु आमरण अनशन आरम्भ किया। १० नवंबर, १९९४ को पुलिस ने इस टापू में पहुँचकर अपना कहर बरपाया, जिसमें कई लोगों को गम्भीर चोटें भी आई, इसी क्रम में पुलिस ने दो युवकों यशोधर बेंजवाल तथा राजेश रावत को राइफलों के बट और लाठी-डण्डों से मारकर अलकनन्दा नदी में फेंक दिया और उनके ऊपर पत्थरों की बरसात कर दी, जिससे इन दोनों की मृत्यु हो गई। इन दोनों शहीदों के शव १४ नवंबर, १९९४ को बागवान के समीप अलकनन्दा में तैरते हुये पाये गये थे।
उत्तरांचल के निर्माण के पश्चात श्रीनगर स्थित हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के एक गेट का नामकरण शहीद यशोधर के नाम पर किया गया।
 
Regards,
 
M S mehta

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Re: Details About Uttarakhand State Struggle Heros
« Reply #1 on: May 18, 2011, 06:55:35 AM »
खटीमा गोलीकाण्ड
१ सितंबर, १९९४ को उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन का काला दिन माना जाता है, क्योंकि इस दिन की जैसी पुलिस बर्बरता की कार्यवाही इससे पहले कहीं और देखने को नहीं मिली थी। पुलिस द्वारा बिना चेतावनी दिये ही आन्दोलनकारियों के ऊपर अंधाधुंध फायरिंग की गई, जिसके परिणामस्वरुप सात आन्दोलनकारियों की मृत्यु हो गई। मारे ग एलोगों के नाम हैं:

अमर शहीद स्व० भगवान सिंह सिरौला, ग्राम श्रीपुर बिछुवा, खटीमा।
अमर शहीद स्व० प्रताप सिंह, खटीमा।
अमर शहीद स्व० सलीम अहमद, खटीमा।
अमर शहीद स्व० गोपीचन्द, ग्राम-रतनपुर फुलैया, खटीमा।
अमर शहीद स्व० धर्मानन्द भट्ट, ग्राम-अमरकलां, खटीमा
अमर शहीद स्व० परमजीत सिंह, राजीवनगर, खटीमा।
अमर शहीद स्व० रामपाल, निवासी-बरेली।
अमर शहीद स्व० श्री भगवान सिंह सिरोला।

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Re: Details About Uttarakhand State Struggle Heros
« Reply #2 on: May 18, 2011, 06:56:18 AM »
मसूरी गोलीकाण्ड में शहीद लोगः

अमर शहीद स्व० बेलमती चौहान (४८), पत्नी श्री धर्म सिंह चौहान, ग्राम-खलोन, पट्टी घाट, अकोदया, टिहरी।
अमर शहीद स्व० हंसा धनई (४५), पत्नी श्री भगवान सिंह धनई, ग्राम-बंगधार, पट्टी धारमंडल, टिहरी।
अमर शहीद स्व० बलबीर सिंह (२२), पुत्र श्री भगवान सिंह नेगी, लक्ष्मी मिष्ठान्न, लाइब्रेरी, मसूरी।
अमर शहीद स्व० धनपत सिंह (५०), ग्राम-गंगवाड़ा, पट्टी-गंगवाड़स्यू, गढ़वाल।
अमर शहीद स्व० मदन मोहन ममगई (४५), नागजली, कुलड़ी, मसूरी।
अमर शहीद स्व० राय सिंह बंगारी (५४), ग्राम तोडेरा, पट्टी-पूर्वी भरदार, टिहरी।

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Re: Details About Uttarakhand State Struggle Heros
« Reply #3 on: May 18, 2011, 06:58:16 AM »
मुजफ्फरनगर (रामपुर तिराहा) गोलीकाण्ड


२ अक्टूबर, १९९४ की रात्रि को दिल्ली रैली में जा रहे आन्दोलनकारियों का रामपुर तिराहा, मुजफ्फरनगर में पुलिस-प्रशासन ने जैसा दमन किया, उसका उदारहण किसी भी लोकतान्त्रिक देश तो क्या किसी तानाशाह ने भी आज तक दुनिया में नहीं दिया कि निहत्थे आन्दोलनकारियों को रात के अन्धेरे में चारों ओर से घेरकर गोलियां बरसाई गई और पहाड़ की सीधी-सादी महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार तक किया गया। इस गोलीकाण्ड में राज्य के ७ आन्दोलनकारी शहीद हो गये थे। इस गोली काण्ड के दोषी आठ पुलिसवालों पर्, जिनमे तीन इंस्पै़क्टर भी हैं, पर मामला चलाया जा रहा है।[१]

शहीदों के नाम:

अमर शहीद स्व० सूर्यप्रकाश थपलियाल (२०), पुत्र श्री चिंतामणि थपलियाल, चौदहबीघा, मुनि की रेती, ऋषिकेश।
अमर शहीद स्व० राजेश लखेड़ा (२४), पुत्र श्री दर्शन सिंह लखेड़ा, अजबपुर कलां, देहरादून।
अमर शहीद स्व० रविन्द्र सिंह रावत (२२), पुत्र श्री कुंदन सिंह रावत, बी-२०, नेहरु कालोनी, देहरादून।
अमर शहीद स्व० राजेश नेगी (२०), पुत्र श्री महावीर सिंह नेगी, भानिया वाला, देहरादून।
अमर शहीद स्व० सतेन्द्र चौहान (१६), पुत्र श्री जोध सिंह चौहान, ग्राम हरिपुर, सेलाकुईं, देहरादून।
अमर शहीद स्व० गिरीश भद्री (२१), पुत्र श्री वाचस्पति भद्री, अजबपुर खुर्द, देहरादून।
अमर शहीद स्व० अशोक कुमारे कैशिव, पुत्र श्री शिव प्रसाद, मंदिर मार्ग, ऊखीमठ, रुद्रप्रयाग।

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Re: Details About Uttarakhand State Struggle Heros
« Reply #4 on: May 18, 2011, 06:59:20 AM »

देहरादून गोलीकाण्ड
३ अक्टूबर, १९९४ को मुजफ्फरनगर काण्ड की सूचना देहरादून में पहुंचते ही लोगों का उग्र होना स्वाभाविक था। इसी बीच इस काण्ड में शहीद स्व० श्री रविन्द्र सिंह रावत की शवयात्रा पर पुलिस के लाठीचार्ज के बाद स्थिति और उग्र हो गई और लोगों ने पूरे देहरादून में इसके विरोध में प्रदर्शन किया, जिसमें पहले से ही जनाक्रोश को किसी भी हालत में दबाने के लिये तैयार पुलिस ने फायरिंग कर दी, जिसने तीन और लोगों को इस आन्दोलन में शहीद कर दिया।

मारे गए लोगों के नामः

अमर शहीद स्व० बलवन्त सिंह सजवाण (४५), पुत्र श्री भगवान सिंह, ग्राम-मल्हान, नयागांव, देहरादून।
अमर शहीद स्व० राजेश रावत (१९), पुत्र श्रीमती आनंदी देवी, २७-चंदर रोड, नई बस्ती, देहरादून।
अमर शहीद स्व० दीपक वालिया (२७), पुत्र श्री ओम प्रकाश वालिया, ग्राम बद्रीपुर, देहरादून।
स्व० राजेश रावत की मृत्यु तत्कालीन सपा नेता सूर्यकांत धस्माना के घर से हुई फायरिंग में हुई थी।

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Re: Details About Uttarakhand State Struggle Heros
« Reply #5 on: May 18, 2011, 07:00:43 AM »
कोटद्वार काण्ड

३ अक्टूबर, १९९४ को पूरा उत्तराखण्ड मुजफ्फरनगर काण्ड के विरोध में उबला हुआ था और पुलिस-प्रशासन इनके किसी भी प्रकार से दमन के लिये तैयार था। इसी कड़ी में कोट्द्वार में भी आन्दोलन हुआ, जिसमें दो आन्दोलनकारियों को पुलिस कर्मियों द्वारा राइफल के बटों व डण्डों से पीट-पीटकर मार डाला।

कोटद्वार में शहीद आन्दोलनकारी:

अमर शहीद स्व० श्री राकेश देवरानी।
अमर शहीद स्व० श्री पृथ्वी सिंह बिष्ट, मानपुर, कोटद्वार।

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Re: Details About Uttarakhand State Struggle Heros
« Reply #6 on: May 18, 2011, 07:01:29 AM »
नैनीताल गोलीकाण्ड

नैनीताल में भी विरोध चरम पर था, लेकिन इसका नेतृत्व बुद्धिजीवियों के हाथ में होने के कारण पुलिस कुछ कर नहीं पाई, लेकिन इसकी भड़ास उन्होने निकाली प्रशान्त होटल में काम करने वाले प्रताप सिंह के ऊपर। आर०ए०एफ० के सिपाहियों ने इसे होटल से खींचा और जब यह बचने के लिये मेघदूत होटल की तरफ भागा, तो इनकी गर्दन में गोली मारकर हत्या कर दी गई।

नैनीताल गोलीकांड में शहीद लोगः

अमर शहीद स्व० श्री प्रताप सिंह।

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Re: Details About Uttarakhand State Struggle Heros
« Reply #7 on: May 18, 2011, 07:02:18 AM »
श्रीयंत्र टापू (श्रीनगर) काण्ड

श्रीनगर कस्बे से २ कि०मी० दूर स्थित श्रीयन्त्र टापू पर आन्दोलनकारियों ने ७ नवंबर, १९९४ से इन सभी दमनकारी घटनाओं के विरोध और पृथक उत्तराखण्ड राज्य हेतु आमरण अनशन आरम्भ किया। १० नवंबर, १९९४ को पुलिस ने इस टापू में पहुँचकर अपना कहर बरपाया, जिसमें कई लोगों को गम्भीर चोटें भी आई, इसी क्रम में पुलिस ने दो युवकों को राइफलों के बट और लाठी-डण्डों से मारकर अलकनन्दा नदी में फेंक दिया और उनके ऊपर पत्थरों की बरसात कर दी, जिससे इन दोनों की मृत्यु हो गई।

श्रीयन्त्र टापू के शहीद लोगः

अमर शहीद स्व० श्री राजेश रावत।
अमर शहीद स्व० श्री यशोधर बेंजवाल।
इन दोनों शहीदों के शव १४ नवंबर, १९९४ को बागवान के समीप अलकनन्दा में तैरते हुये पाये गये थे।

 

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