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Heroes Of Wars From Uttarakhand - देश की रक्षा में शहीद उत्तराखंड रणबाकुरे

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

कारगिल युद्घः देवभूमि के सर्वाधिक वीरों ने हंसते हुए दी जान

कारगिल युद्ध में उत्तराखंड के सर्वाधिक रणबांकुरों ने दुश्मन को देश की सरहद से बाहर खदेड़ते हुए अपने प्राणों को न्यौछावर किया।

राज्य के 75 रणबांकुरें कारगिल युद्ध में शहीद हुए। राज्य के 16 सैनिकों को उनके अदम्य साहस के लिए वीरता पदकों से अलंकृत किया। राज्य की कुमाऊं और गढ़वाल रेजिमेंट ने कारगिल युद्ध में दुश्मन को मार भगाने में अहम योगदान दिया है।

गढवाल रेजिमेंट के 54 सैनिक शहीद हुए थे। कारगिल युद्ध में भाग लेने वाली लगभग हर रेजिमेंट में उत्तराखंड के बहादुर सैनिक शामिल थे। भारतीय सेना ने 524 सैनिकों को खोया तो वहीं 1363 गंभीर रूप से घायल हुआ। पाकिस्तानी सेना के लगभग चार हजार सैन्य बलों के जवान मारे गए। (amar ujala)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
देहरादून - 26
अल्मोड़ा - 3
बागेश्वर - 3
चमोली - 7
चंपावत -
नैनीताल - 5
पौड़ी - 10
पिथौरागढ़ - 4
रुद्रप्रयाग - 3
टिहरी - 11
उधम सिंह नगर - 2
उत्तरकाशी - 1

अलंकृत सैनिक
मेजर विवेक गुप्ता - महावीर चक्र
मेजर राजेश सिंह भंडारी- महावीर चक्र
नाइक ब्रिजमोहन सिंह - वीर चक्र
नाइक कश्मीर सिंह - वीर चक्र
ग्रुप कैप्टन एके सिन्हा - वीर चक्र
आनरेरी कैप्टन खुशीमन गुरुंग - वीरचक्र
राइफलमैन कुलदीप सिंह - वीर चक्र
लेफ्टिनेंट गौतम गुरुंग - सेना मेडल
सिपाही चंदन सिंह - सेना मेडल
लांस नाइक देवेंद्र प्रसाद - सेना मेडल
नाइक शिव सिंह - सेना मेडल
नायक जगत सिंह - सेना मेडल
राइफलमैन ढब्बल सिंह - सेना मेडल
लांस नाइक सुरमन सिंह - सेना मेडल
आनरेरी कैप्टन ए हेनी माओ - सेना मेडल
आनरेरी कैप्टन चंद्र सिंह - सेना मेडल

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
उत्तराखंड के लाल शहीद मोहन नाथ को राष्ट्रपत‌ि ने द‌िया अशोक चक्र

आतंकवादियों से लोहा लेते शहीद हुए उत्तराखंड के वीर सपूत शहीद मोहन नाथ गोस्वामी को राष्ट्रपत‌ि ने राजपथ पर अशोक चक्र सम्मान से नवाजा। शहीद की पत्नी ने राष्ट्रपत‌ि से सर्वोच्च वीरता पुरस्कार ग्रहण क‌िया। 26 जनवरी को शांतिकाल में सैन्य अभियान के दौरान वीरता के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए दिया जाने वाला अशोक चक्र उत्तराखंड के सपूत लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी को मरणोपरांत दिया गया। इसके साथ ही दो वीर सपूतों सहित गढ़वाल और कुमाऊं रेजीमेंट के कई सैनिकों को राष्ट्रपति वीरता पदकों से अलंकृत किया जाएगा।

इस बार अशोक चक्र से सम्मानित होने वाले शहीद लांस नायक मोहन एकमात्र सैनिक हैं। दून के शहीद सिपाही शिशर मल्ल को सेना मेडल से सम्मानित किया जाएगा।

हल्द्वानी निवासी नौ पैरा के लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी दो सिंतबर-2015 को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जनपद के हापुरुड़ा के जंगल में गश्त कर रही सेना की टुकड़ी का हिस्सा थे। चार आतंकवादियों ने उनकी टुकड़ी पर हमला कर दिया।


लांस नायक मोहन के तीन साथी अचानक आई गोलीबारी में घायल हो गए। मोहन ने पहले एक आतंकी को निशाना बनाया और घायल साथियों को पेड़ की आड़ में ले गए। इस बीच उनके एक टांग पर गोली लग गई। लेकिन वह हार नहीं माने और अपने साथियों को सुरक्षित कर दोबारा फायर खोला, जिसमें एक आतंकी और मारा गया।

तीसरे आतंकी ने उनपर गोली चलाई, जो उनके पेट में जा लगी। साथी टुकड़ी ने इस बीच तीसरे आतंकी को मार गिया। लेकिन गंभीर रूप से घायल मोहन रुके नहीं।

उन्होंने चौथे आतंकी तक पहुंच कर उसे प्वाइंट ब्लैंक से शूट किया। उनके इस अदम्य साहस और सर्वोच्च कुर्बानी के लिए उन्हें सर्वोच्च सैन्य पदक अशोक चक्र से सम्मानित किया।

(source amar ujala)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:


जम्मू कश्मीर की सीमा पर हुए आतंकी हमले में गंभीर रूप से घायल हुए उत्तराखंड के बागेश्वर जनपद स्थित कपकोट (कर्मी गाँव) के निवासी जवान जितेंद्र सिंह दानू शहीद हो गए। उनका दिल्ली के आरoआरo अस्पताल में उपचार चल रहा था । कर्मी गुठण गांव निवासी जितेंद्र सिंह दानू (25) पुत्र केशर सिंह 17 कुमाऊं में तैनात थे। पिछले माह उनकी पोस्टिंग कुपवाड़ा क्षेत्र जम्मू कश्मीर के बांदीपुरा सेक्टर में थी। इसी दौरान 14 फरवरी को सीमा पर हुए आतंकी हमले में वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। तब से दिल्ली के आर आर अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था। जहाँ उन्होंने अंतिम साँस ली।
आज गांसू सरयू तट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की गई।
माँ भारती के वीर सपूत शहीद जितेंद्र सिंह दानू को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नमन।
परमात्मा परिवार को इस दुःख की घड़ी में शक्ति प्रदान करे!

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
कुपवाड़ा में शहीद उत्तराखंड के लाल को सैन्य सम्मान के साथ दी अंत‌िम व‌िदाई- Haldwani Uttarakhand
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में शहीद लांस नायक भूपाल सिंह का पार्थिव शरीर बृहस्पतिवार की सुबह घर पहुंचते ही कोहराम मच गया। अपने जिगर के टुकड़े का चेहरा देखते ही पिता को चक्कर आ गया। हालत बिगड़ने पर परिजनों ने उनको एंबुलेंस से अस्पताल भेजा। इधर, रानीबाग में सैनिकों की टोली ने गमगीन माहौल में अपने साथी को अंतिम सलामी दी। कुपवाड़ा से सूबेदार मेजर रंजीत कुमार शहीद लांस नायक भूपाल सिंह का पार्थिव शरीर लेकर बुधवार देर रात हल्द्वानी की सेना छावनी में पहुंच गए थे। सुबह होने पर सैनिक शव लेकर गुनीपुर जिवानंद गांव स्थित शहीद के घर पहुंचे तो माता-पिता बेटे का चेहरा देखते ही बदहवाश हो गए। कुपवाड़ा के सैनिकों ने परिजनों को बताया कि भूपाल को सिर के पीछे गोली लगी थी। बहनों का भी रोते-रोते बुरा हाल हो गया। पिता की हालत खराब होने पर उनको एंबुलेंस से समीप के अस्पताल भेज दिया गया। काफी देर बाद उनकी हालत में सुधार हो सका। गांव के लोग शवयात्रा लेकर रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट पहुंचे। गौला नदी के किनारे स्थानीय फौज के कैप्टन वैभव के नेतृत्व में आए 26 जवानों ने कई राउंड हवाई फायरिंग कर अपने साथी को अंतिम सलामी दी। ताऊ राजेंद्र सिंह ने मुखाग्नि दी। घाट पर लोगों का कहना था कि इकलौते बेटे के मौत की सूचना मिलने पर मंगलवार को भी भूपाल के पिता केशर सिंह को हार्ट अटैक पड़ गया था। कुपवाड़ा से आए सैनिक भी यह बता नहीं रहे थे कि आखिर किन हालातों में शहीद भूपाल को गोली लगी थी। गोली किसने चलायी थी। इस बारे में जिला सैनिक कल्याण अधिकारी बीएस रौतेला का कहना है कि इन सवालों का जवाब फौज की जांच रिपोर्ट आने पर ही मिल सकता है। source amar ujala

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