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Know Your State Uttarakhand-जानिये अपने राज्य उत्तराखंड को

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Devbhoomi,Uttarakhand:
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किंवदंती है कि रामायण काल में हनुमान संजीवनी बूटी की खोज में इसी घाटी में पधारे थे। इस घाटी का पता सबसे पहले ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रैंक एस स्मिथ (अंग्रेजी: Frank S Smith) और उनके साथी आर एल होल्डसवर्थ (अंग्रेजी: R.L.Holdsworth) ने लगाया था, जो इत्तेफाक से १९३१ में अपने कामेट पर्वत के अभियान से लौट रहे थे। इसकी बेइंतहा खूबसूरती से प्रभावित होकर स्मिथ १९३७ में इस घाटी में वापस आये और, १९३८ में “वैली ऑफ फ्लॉवर्स” नाम से एक किताब प्रकाशित करवायी

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उत्तराखण्ड के महान इतिहासकार प्रो. रामसिंह के अनुसार, उत्तराखण्ड का इतिहास चार हजार वर्ष पुराना है? ईसा से डेढ़ से दो हजार वर्ष पूर्व हड़प्पाकालीन संस्कृति के भग्नावशेष यहां पिथौरागढ़ जनपद के बनकोट एवं नैनी पाताला क्षेत्रों में ताम्र मानवकृतियों के रूप में प्राप्त हुये हैं।

 उन्होंने   अपने उद्बोधन में उत्तराखण्ड का खाका तैयार किया। उनके अनुसार हड़प्पा काल में यहां के लोग बीलों में रहते थे। राज सत्ता के प्रमाण सबसे पहिले पांचवीं से दूसरी सदी के सिक्को से पता चलता है, सबसे पहले कुणिन्द वंश के राजाओं ने शासन किया।

 सतलुज से काली नदी के बीच इस प्रकार के सिक्के पाये गये हैं। इसके बाद ईसा बाद छटी शताब्दी में पौरव वंश के शासन का भी पता चलता है। प्रो. रामसिंह के अनुसार 11वीं शताब्दी में कत्यूर वंश के शासन का आधिपत्य हुआ।

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