Uttarakhand > Uttarakhand History & Movements - उत्तराखण्ड का इतिहास एवं जन आन्दोलन

Know Your State Uttarakhand-जानिये अपने राज्य उत्तराखंड को

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

Dosto,

You will find some exclusive, historical, mythological and other information about Uttarakhand State in this topic.

Do you know ?

उत्तराखण्ड का प्राचीन इतिहास सामान्यतः अनुमान तथा प्रचलित लोक-विश्वास एवं किंवदंतियों पर आधारित है, किन्तु वेद, पुराण, महाभारत आदि प्राचीन भारतीय ग्रंथों में इस भू-भाग का उल्लेख पवित्र क्षेत्र के रूप में किया गया है। इसी कारण आज भी उत्तराखण्ड को देवभूमि कहा जाता है।

M S Mehta

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

Do you know ?


कुणिन्द वंश को उत्तराखण्ड में शासन करने वाली पहली राजनैतिक शक्ति माना जाता है। सुमाड़ी ;पौड़ी गढ़वालद्ध, थत्यूड़ ;टिहरीद्ध तथा अल्मोड़ा में कुणिन्द कालीन सिक्के इस तथ्य की पुष्टि करते हैं। ‘अमोहाभूति‘ को इस वंश का सबसे प्रभावशाली राजा माना जाता है।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

Do you know ?

कुणिन्द वंश के पश्चात् उत्तराखण्ड में ‘कुषाण वंश’ का शासन माना जाता है। वीरभद्र ()षिकेश), मोरध्वज (कोटद्वार) व गोविषाण (काशीपुर) से बड़ी मात्रा में कुषाण कालीन अवशेष प्राप्त हुए हैं।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

Do you Know?

कार्तिकेयपुर राजवंश को उत्तराखण्ड का प्रथम ऐतिहासिक राजवंश माना जाता है। ऐतिहासिक कालक्रम के अनुसार, इस राजवंश का शासन काल 700ई.से 1050ई.माना जाता है। निम्बरदेव, ललितशूरदेव व सलोणादित्य को इस वंश के प्रभावशाली शासकों में शुमार किया जाता है।

कार्तिकेयपुर राजवंश के बाद कुमाऊं में कत्यूरी और गढ़वाल में परमार राजवंश की स्थापना मानी जाती है।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

DO YOU KNOW ?

परमार राजवंश का संस्थापक राजा कनकपाल को माना जाता है। स्थापना के समय इस राजवंश की राजधानी चांदपुर गढ़ थी, जिसे राजा अजयपाल ने पहले देवलगढ़ और बाद में श्रीनगर स्थानान्तरित किया था।

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