छानापांडे का जंगल देवी को समर्पितशुक्रवार, 31 अगस्त 2012
पिथौरागढ़। सरकारी व्यवस्था से आजिज आकर जंगलों को न्याय की देवी कोटगाड़ी (कोकिला) को चढ़ाने के सिलसिले को छानापांडे के लोगों ने आगे बढ़ाया है। वन पंचायत छानापांडे के जंगल को 10 वर्षों के लिए कोटगाड़ी देवी को चढ़ा दिया है।
ग्राम पंचायत में हुई बैठक में जंगल के अंधाधुंध कटान को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए जंगल कोटगाड़ी देवी को चढ़ाने का फैसला लिया गया। तय हुआ कि गांव के लोग साल में केवल एक बार जंगल से घास काटेंगे और गिरे हुए पत्तों का उठान करेंगे। आवश्यक कार्य जैसे कि मृत्यु आदि पर बेकाम की लकड़ियों को जंगल से उठाया जाएगा। बांज, बुरांश, मेहल, काफल, उतीस आदि प्रजातियों के पेड़ों से किसी भी दशा में कटान नहीं किया जाएगा। इन पेड़ों की टहनियों और पत्तों को चारे के रूप में भी उपयोग नहीं किया जाएगा।