Author Topic: Pt.Madan Mohan Upadhyaya Freedom Fighter from Uttarkahand  (Read 16114 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Re: Pt.Madan Mohan Upadhyaya Freedom Fighter from Uttarkahand
« Reply #10 on: May 08, 2011, 02:35:27 AM »
Shri Madan Mohan Upadhyaya ji
Freedom Fighter and MLA Ranikhet with Dr. Sampurnanand Pant ji Chief Minister UP and Chaudhary Charan Singh ji Ex. Prime Minister of India.


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Re: Pt.Madan Mohan Upadhyaya Freedom Fighter from Uttarkahand
« Reply #11 on: May 08, 2011, 02:37:38 AM »
Shri Madan Mohan Upadhyaya ji
Freedom Fighter and MLA Ranikhet with Smt Indira Gandhi ji, Rajiv ji and Sanjay ji at his house Holm Farm Ranikhet  in 1952.


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Re: Pt.Madan Mohan Upadhyaya Freedom Fighter from Uttarkahand
« Reply #12 on: May 08, 2011, 02:38:34 AM »
Shri Madan Mohan Upadhyaya ji
Freedom Fighter and MLA Ranikhet with Pt. Govind Ballabh Pant Chief Minister UP.


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Re: Pt.Madan Mohan Upadhyaya Freedom Fighter from Uttarkahand
« Reply #13 on: May 08, 2011, 02:39:59 AM »
Shri Madan Mohan Upadhyaya ji
Freedom Fighter and MLA Ranikhet with Govind Ballabh Pant ji Chief Minister U


Devbhoomi,Uttarakhand

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Re: Pt.Madan Mohan Upadhyaya Freedom Fighter from Uttarkahand
« Reply #14 on: May 08, 2011, 01:13:15 PM »
ये कम ही लोग जानते होंगे कि ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ी जा रही लड़ाई के दौरान मुम्बई में 'आजाद हिन्द रेडियोज' शुरू किया गया। उत्तराखण्ड के लोग भी शायद ही इस बात से वाकिफ हों कि इस रेडियो का संचालन 'कुमाऊं टाइगर' कहे जाने वाले मदन मोहन उपाध्याय करते थे। सोलह साल की अवस्था में आजादी की लड़ाई में कूद पड़े और जेल गये इस कुमाऊं टाइगर को अंग्रजों ने काला पानी की भी सजा सुनाई। देश आजाद हुआ और मदन मोहन उपाध्याय चुनाव जीतकर न सिर्फ विधान सभा पहुंचे, विपक्ष के उप नेता भी चुने गये। द्वाराहाट को मोटर मार्ग और रानीखेत को बिजली से जोड़ने वाले इस स्वतंत्रता सेनानी को सरकारी उपेक्षा ने जनता के जेहन से ओझल करने का काम
किया। उत्तर प्रदेश और बाद में उत्तराखण्ड की सरकारों ने श्री उपाध्याय के नाम पर एक स्मारक तक स्थापित नहीं किया

'क्या किसी को कुमाऊं का टाइगर याद है? अगर आंदोलनकारियों की धरती उत्तराखण्ड में आज यह सवाल किया जाये तो शायद बहुत कम ही बता पायेंगे कि वह द्वाराहाट निवासी मदन मोहन उपाध्याय ही थे जिनको 'कुमाऊं का टाइगर' का टाइटिल दिया गया था। स्व ़ उपाध्याय कुमाऊं के पहले ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे जिनके सिर पर अंग्रेजों ने न केवल एक हजार का इनाम द्घोषित किया था बल्कि उन्हें काला पानी की सजा भी सुनाई थी।

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Re: Pt.Madan Mohan Upadhyaya Freedom Fighter from Uttarkahand
« Reply #15 on: May 08, 2011, 01:14:38 PM »
महज १६ साल की अवस्था में पहली बार जेल गए मदन मोहन उपाध्याय का ज्यादातर समय मुम्बई और अल्मोड़ा की जेलों में बीता। ब्रिटिश पुलिस की गिरफ्त से फरार होने पर उन्होंने मुम्बई में भूमिगत होकर 'आजाद हिन्द रेडियोज' का संचालन कर देश वासियों में आजादी का अलख जगाने का काम किया।

 वे द्वाराहाट से प्रजा सोशलिष्ट पार्टी के पहले विधायक बन लखनऊ विधानसभा में विपक्ष के उपनेता रहे। द्वाराहाट से रानीखेत तक बनी सड़क के निर्माता और रानीखेत में विद्युत आपूर्ति शुरू कराने वाले ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और राजनेता को लोगों ने भुला दिया। उन्हें याद करना तो दूर, उनके नाम पर आज तक कहीं भी कोई मूर्ति तक स्थापित नहीं कराई गई और न ही कोई स्मारक बनाया गया।

पच्चीस अक्टूबर १९१० को द्वाराहाट के बमनपुरी में जीवानंद उपाध्याय के द्घर जन्मे थे मदन मोहन उपाध्याय। कालीखोली के मिशन स्कूल में अध्यापक जीवानंद की आठ संतानों में सातवें नंबर पर रहे मदन मोहन उपाध्याय का बचपन का नाम मथुरा दत्त उपाध्याय था। बाद में मदन मोहन मालवीय से प्रभावित होकर ही उन्होंने अपना नाम परिवर्तित किया और वे मथुरा दत्त से मदन मोहन उपाध्याय हो गए।

 उनकी प्राथमिक शिक्षा द्वाराहाट और नैनीताल के जीआईसी में हुई। इसके बाद वे अपने बड़े भाई पं .शिवदत्त उपाध्याय के साथ इलाहाबाद चले गए। शिवदत्त पंडित मोतीलाल नेहरू के निजी सचिव हुआ करते थे। मदन मोहन उपाध्याय भी उन्हीं के साथ इलाहाबाद में स्वतंत्रता सेनानियों के चर्चित केन्द्र स्थल आनंद भवन में रहे थे। तब वे महज १२ साल के थे। चार साल बाद ही मदन मोहन उपाध्याय स्वंतत्रता संग्राम के सेनानियों के संपर्क में आकर आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए।

 पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार बल्लभ भाई पटेल और मदन मोहन मालवीय का साथ पाकर मदन उपाध्याय में स्वतंत्रता संग्राम के प्रति ऐसा जज्बा उमड़ा कि महज १६ साल की अवस्था में ही उन्हें पहली बार जेल जाना पड़ा। इलाहाबाद की नैनी जेल से जब वे साल भर बाद निकले तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।

 इसके बाद उन्हें पंडित जवाहर लाल नेहरू की पत्नी कमला नेहरू के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। १९३६ में श्री उपाध्याय इलाहाबाद से वकालत की पढ़ाई पूरी कर रानीखेत आ गए। यहां आते ही उन्हें रानीखेत कन्टोमेंट बोर्ड (छावनी परिषद) का उपाध्यक्ष चुन लिया गया।

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Re: Pt.Madan Mohan Upadhyaya Freedom Fighter from Uttarkahand
« Reply #16 on: May 08, 2011, 01:16:37 PM »
वर्ष १९३९ में श्री उपाध्याय को अल्मोड़ा जिले से प्रांतीय कांग्रेस कमेटी में लिया गया और इसके बाद एआईसीसी (आल इंडिया कांग्रेस कमेटी) का सदस्य चुना गया। तब उन्हें सत्याग्रह आंदोलन के सक्रिय सदस्यों की सूची में रखा गया। १९४० में अल्मोड़ा जिले के वे पहले ऐसे व्यक्ति थे जो सत्याग्रह आंदोलन में गिरफ्तार हुए और एक साल तक जेल में रहे।

इसी दौरान नैनीताल से गोविंद बल्लभ पंत भी गिरफ्तार हुए। श्री पंत और मदन मोहन उपाध्याय दोनों ही अल्मोड़ा की जेल में एक साथ रहे। जेल से बाहर आकर एक बार फिर देश की आजादी के आंदोलन से जुड़ गए। १९४२ के भारत छोड़ो आंदोलन में उन्हें अल्मोड़ा के मासी गांव से गिरफ्तार किया गया।

 लेकिन वे गोटिया भवाली के पास पुलिस की गिरफ्त से फरार हो गए। तब अंग्रेजी हुकूमत ने श्री उपाध्याय के जिंदा या मुर्दा पकड़े जाने पर १००० का इनाम द्घोषित किया था। फरारी की हालत में ही वे मुम्बई पहुंचे, जहां उनकी मुलाकात जयप्रकाश नारायण, अरुणा आसफ अली, अच्युत पटवर्धन तथा राममनोहर लोहिया से हुई।

 सभी ने मिलकर 'आजाद हिन्द रेडियोज' की स्थापना की। जहां श्री उपाध्याय ने रेडियो ट्रांसमीटर का महत्त्वपूर्ण काम किया। इस दौरान उन्होंने रेडियो के जरिए देश में स्वतंत्रता की अलख जगाई। १९४४ में श्री उपाध्याय को डिफेंस ऑफ इंडिया एक्ट में गैर हाजिरी पर ही काला पानी की सजा सुनाने का फरमान जारी किया। इसके एक साल बाद ही ब्रिटिश पुलिस ने उन्हें मुम्बई में गिरफ्तार कर लिया और २५ साल की सजा सुनाई गई। इस दौरान उन्हें एक बार फिर अल्मोड़ा जेल में बंद किया गया।


इस दौरान एक ऐसी द्घटना द्घटित हुई जिसने उन्हें भीतर से हिला दिया। वे जेल में थे और उनकी पत्नी बहुत बीमार हो गई। ऐसे में उनकी तीन वर्षीय बेटी को देखने वाला कोई नहीं था और उसने भूख में मिट्टी खा ली। उसमें जहरीला तत्व होने के चलते उसकी मौत हो गई। जेल में उन्हें इस बात की खबर नहीं दी गई। जेल से छूटने पर उन्हें अपनी बेटी की मौत का पता चला।


वर्ष १९४७ में जब देश आजाद हुआ तब कांग्रेस से अलग हुए लोगों ने सोशलिष्ट पार्टी का झंडा बुलंद किया। जिनमें मदन मोहन उपाध्याय भी शामिल हो गए। १९५२ में पहली बार हुए विधानसभा के आम चुनावों में सोशलिष्ट पार्टी प्रजा सोशलिष्ट पार्टी में तब्दील होकर रानीखेत उत्तरी से चुनाव में उतरी। विधानसभा में उन्हें विपक्ष का उपनेता चुना गया।

 क्षेत्र का विधायक रहते हुए उन्होंने द्वाराहाट को रानीखेत से जोड़ने के लिए मोटर मार्ग का निर्माण कराया। इसी दौरान श्री उपाध्याय ने रानीखेत में विद्युतीकरण भी कराया। बताया जाता है कि रानीखेत के नागरिक चिकित्सालय की नीव भी उनके ही प्रयासों के चलते रखी गई थी जिसे वर्तमान में गोविंद सिंह मेहरा चिकित्सालय के नाम से जाना जाता है। एक अगस्त १९७८ को मदन मोहन उपाध्याय का रानीखेत में निधन हो गया।

http://www.thesundaypost.in/31_10_10/janpad

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Re: Pt.Madan Mohan Upadhyaya Freedom Fighter from Uttarkahand
« Reply #17 on: May 08, 2011, 01:24:45 PM »





रानीखेत के चौबटिया में मदन मोहन उपाध्याय की एकमात्र निशानी होमफार्म है। यह हेरीटेज होम फार्म अंग्रेजों का था जिसे श्री उपाध्याय ने अल्मोड़ा जेल से छूटने के बाद खरीदा था। इसके बारे में उनके पुत्र एवं हेरीटेज होमफार्म के डायरेक्टर हिमांशु

उपाध्याय बताते हैं कि 'जब पिताजी जेल से छूटकर आए तो उनका रानीखेत में भव्य स्वागत हुआ। लोगों ने उनसे कहा कि वे द्वाराहाट की बजाय रानीखेत में ही बस जाएं। तब अंग्रेजों का चौबटिया में बनाया हुआ होमफार्म बिकाऊ था। रानीखेत के लोगों ने उनसे कहा कि वे इसे ही खरीद कर अपना आवास बना लें।'


 इसके बाद श्री उपाध्याय ने ५० रुपये में इस होमफार्म को खरीदा। यह ५० रुपये पिताजी को अल्मोड़ा जेल में रहते हुए मिले थे। जेल का मेहनताना उनके द्घर खरीदने के काम आया। हिमांशु यह भी बताना नहीं भूलते कि जब दादू ने यह होमफार्म खरीदा तो वे बड़े खुश थे और कहते थे कि उन्हीं के पैसे से उन्हीं का बंगला खरीद लिया।

 बाद में यह बंगला कई नेताओं की खास पसंद बना था। जब पिताजी ने रानीखेत में पंडित जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी को बुलाया था तो वे इसी हेरीटेज होमफार्म में ठहरे थे। यही नहीं बल्कि आचार्य नरेन्द्र देव ने इसी फार्म में अपनी एक किताब भी लिखी थी।


http://www.thesundaypost.in/31_10_10/janpad_se.php

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Re: Pt.Madan Mohan Upadhyaya Freedom Fighter from Uttarkahand
« Reply #18 on: May 08, 2011, 01:50:51 PM »
Thank you Jakhi Ji.. for detailed information about Madan Mohan Upadhayay ji.





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Re: Pt.Madan Mohan Upadhyaya Freedom Fighter from Uttarkahand
« Reply #19 on: May 08, 2011, 01:53:19 PM »
Wedding Card of Shri Rajiv Gandhi ji and Smt. Sonia Gandhi ji send to Pt. Madan Mohan Upadhyaya ji



 

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