Author Topic: Some Famous Historic Places in Uttarakhand-उत्तराखंड के कुछ ऐतिहासिक एव पौराणिक  (Read 11010 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
 
श्रीनगर, गढ़वाल का पौराणिक संदर्भ
 
हिन्दुओं के पौराणिक लेखों में इसे श्री क्षेत्र कहा गया है जो भगवान शिव की पसंद है। किंवदन्ती है कि महाराज सत्यसंग को गहरी तपस्या के बाद श्री विद्या का वरदान मिला जिसके बाद उन्होंने कोलासुर राक्षस का वध किया। एक यज्ञ का आयोजन कर वैदिक परंपरानुसार शहर की पुनर्स्थापना की। श्री विद्या की प्राप्ति ने इसे तत्कालीन नाम श्रीपुर दिया। प्राचीन भारत में यह सामान्य था कि शहरों के नामों के पहले श्री शब्द लगाये जांय क्योंकि यह लक्ष्मी का परिचायक है, जो धन की देवी है।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
नीति घाटी
नीति घाटी कभी तिब्बती व्यापारिक पथ का व्यस्त स्थल था और यहां के वासी भोटिया, मरचा एवं तोलचा आदि उन्नतशील व्यापारी थे। इस घाटी से कैलास मानसरोवर के प्रवेश का एक अन्य वैकल्पिक रास्ता निकलता था, जो कुछ लोगों के अनुसार सर्वाधिक सहज था। इसलिए सीमा बंद हो जाना इस क्षेत्र एवं यहां के लोगों के लिए एक बड़ा झटका था जिसने उनके जीवन, जीवन शैली तथा जीविका को प्रभावित किया।

नीति घाटी विश्वप्रसिद्ध पर्वतीय नंदादेवी पक्षी-विहार का प्रवेश द्वार भी है। आज यह यूनेस्को का विश्व-विरासत स्थल है, जिसे नंदादेवी जैविक संरक्षण के नाम जानते हैं जो पर्यावरणीय जैविक विविधता एवं सांस्कृतिक परंपराओं का अलौकिक खजाना है। यहां के एक गांव लाटा में नंदा देवी को समर्पित एक पुराना मंदिर भी है। भारत के इस भाग के अंतिम गांव नीति में पहुंच की एक सड़क है।

यह जानना महत्त्वपूर्ण होगा कि वर्ष 1970 के दशक में वनों के संरक्षण के लिए लोगों के अलौकिक जागरण का चिपको आंदोलन का केंद्र लाटा गांव तथा पड़ोस का रेनी गांव था। चिपको आंदोलन लोगों के संरक्षण जागरूकता का प्रतीक था जिसने लोगों में पर्यावरण के प्रति रूचि तथा चौतरफा जागरूकता पैदा की जिसके परिणामस्वरूप हिमालयी पर्यावरण एवं विकास की नई नीति निरूपण में आया। इसने हिमालय के जंगलों में हरे पेड़ों को काटने से बचाया जो समुद्र तल से 1,500 मीटर ऊंचाई पर थे।


 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22