Uttarakhand > Uttarakhand History & Movements - उत्तराखण्ड का इतिहास एवं जन आन्दोलन

Strugle Story Of Making Uttarakhand State - उत्तराखंड राज्य बनने की संघर्ष कहानी

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

श्रीयंत्र टापू (श्रीनगर) काण्ड  श्रीनगर कस्बे से २ कि०मी० दूर स्थित श्री यंत्र टापू पर आन्दोलनकारियों ने ७ नवंबर, १९९४ से इन सभी दमनकारी घटनाओं के विरोध और पृथक उत्तराखण्ड राज्य हेतु आमरण अनशन आरम्भ किया। १० नवंबर,   १९९४ को पुलिस ने इस टापू में पहुंचकर अपना कहर बरपाया, जिसमें कई लोगों   को गंभीर चोटें भी आई, इसी क्रम में पुलिस ने दो युवकों को राइफलों के बट   और लाठी-डण्डों से मारकर अलकनन्दा नदी में फेंक दिया और उनके ऊपर पत्थरों की बरसात कर दी, जिससे इन दोनों की मृत्यु हो गई।
श्रीयंत्र टापू के शहीद लोगः
 
* अमर शहीद स्व० श्री राजेश रावत।
* अमर शहीद स्व० श्री यशोधर बेंजवाल।  इन दोनों शहीदों के शव १४ नवंबर, १९९४ को बागवान के समीप अलकनन्दा में तैरते हुये पाये गये थे।

Devbhoomi,Uttarakhand:
आज ही रखी गई थी राज्य आंदोलन की नींव
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आज से ठीक 17 साल पहले एक सितंबर 1994 को खटीमा से राज्य आंदोलन की क्रांतिकारी नींव रखी गई थी, जब यहां के सात सपूतों ने प्राणों की आहुति देकर कुमाऊं व गढ़वाल के लोगों को आंदोलन के लिए दिशा दी थी। उसके बाद तो समूचे राज्य के लोग सड़क पर उतर आये थे। लेकिन राज्य गठन के बाद प्रदेश में शासन करने वाली सरकारें खटीमा को कोई दिशा व पहचान नहीं दिला पाई। आज भी क्षेत्र के आंदोलनकारी प्रमाणपत्र के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।

एक सितंबर 1994 को सुबह करीब 10 बजे रामलीला मैदान से 20 हजार से अधिक राज्य समर्थकों का सैलाब जुलूस की शक्ल में मुख्य मार्गो से होता हुआ सर्कस ग्राउंड पहुंचा। वहां से फिर तहसील की ओर लौटने लगा। जनसैलाब से राज्य विरोधी शक्तियों व प्रशासनिक अधिकारियों के होश उड़ गए। कोतवाली के पास आंदोलनकारियों पर पथराव शुरू हो गया। पुलिस ने जनसमूह पर पहले लाठियां भांजीं, फिर आंसू गैस के गोले छोड़े। तत्कालीन कोतवाल डीके केन ने गोलियां चलानी शुरू कर दीं और चंद मिनटों में तहसील प्रांगण व सड़कें खून से लाल हो गई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के परिवारों को घरों से निकालकर बेरहमी से पीटा। करीब डेढ़ घंटे तक नगर में कहर बरपाया। दोपहर करीब एक बजे क‌र्फ्यू लगा दिया गया, जो 18 सितंबर तक लगा रहा। पुलिस तांडव में सात आंदोलनकारी भवान सिंह सिरौला, गोपी चंद, धर्मानंद भट्ट, प्रताप सिंह मनौला, परमजीत, सलीम, रामपाल शहीद हो गये। सैकड़ों आंदोलनकारी घायल हुए। बड़ी तादाद में घायलों ने पुलिस के भय से निजी अस्पतालों में उपचार कराया। खटीमा गोलीकांड के बाद राज्य आंदोलन पूरे प्रदेश में आग की तरह भड़क उठा। मजबूरन केंद्र सरकार को राज्य गठन करना पड़ा। आज गोलीकांड के 17 वर्ष पूरे हो गए, लेकिन क्षेत्र का विकास और भूमि-विवाद जैसी समस्याएं ज्यों की त्यों बनी हुई हैं।

शहादत दिवस पर हर साल पुराने तहसील परिसर में आंदोलनकारियों के साथ सत्तापक्ष व विपक्षी दलों के प्रमुख नेता जुटते है। शहीदों के सपनों के अनुरूप क्षेत्र के विकास के वादे गूंजते है, लेकिन वे वादे अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाए हैं। क्षेत्र के आंदोलनकारियों का ही सही चिह्नीकरण नहीं हो पाया है। इस कारण आंदोलनकारी प्रमाणपत्र के लिए धरना-प्रदर्शन करते रहते हैं।

पुरानी तहसील में श्रद्धांजलि सभा आज


http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_8139439.html

Devbhoomi,Uttarakhand:
राज्य आंदोलनकारियों से भी छल
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हल्द्वानी,जासं: चुनावी वर्ष में पिछले छह माह के भीतर तत्कालीन भाजपा सरकार ने ताबड़तोड़ घोषणाएं की, और चुनाव के समय उसे जमकर भुनाया भी, लेकिन योजनाएं धरातल की तलाश में अब भी भटक रही हैं। हद तो यह कर दी कि जिन आंदोलनकारियोंकी त्याग और तपस्या के बूते राज्य बना, उन्हें भी छल का शिकार बना दिया।

यहां बात हो रही है परिवहन निगम की बसों में राज्य आंदोलनकारियों को मुफ्त यात्रा कराने की योजना की। ऐन चुनाव से पूर्व तत्कालीन सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रित दो बच्चों को निगम की बसों में मुफ्त यात्रा कराने की घोषणा की थी।

 लाभ लेने के लिए 13 दिसंबर 11 को इस आशय का शासनादेश भी निर्गत कर दिया गया। इस शासनादेश की प्रति सभी राज्य आंदोलनकारियों को भेजी गई और चुनाव के समय इसे अपनी उपलब्धियों में शुमार किया गया, लेकिन यह छल अब सामने आ गया है।

 परिवहन निगम ने शासनादेश पर घाटे का हवाला देकर संज्ञान नहीं लिया। एमडी स्तर से शासनादेश के अनुपालन संबंधी आदेश निर्गत नहीं किया गया। इस बात से तत्कालीन सरकार को भी निगम ने अवगत करा दिया। फिर भी राज्य आंदोलनकारियों को धोखे में रखा गया। निगम सूत्रों का कहना है कि अब यह योजना तभी लागू हो सकती है जबकि नई सरकार इस मामले में नए सिरे से पहल करे।


http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_9056579.html

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