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Teelu Rauteli Greatest Female Warriors from Gahrwal-वीरांगना तीलू रौतेली

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MANOJ BANGARI RAWAT:
तीलू रोतेली   

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
Rajeshwar Uniyal
8 hrs ·

तीलू रौतेली की जयंती - (8 अगस्त 2015)
बंधुओं, आज से 354 साल पहले रविवार, 8 अगस्त 1661, श्रावण मास 1718, युगाब्ध 4763 को भारतभूमि के उत्तराखण्ड में जिला पौड़ी गढ़वाल के अन्तर्गत चौंदकोट पट्टी के गुराड तल्ला गांव में श्री भूपसिंह गोर्ला व मैंणावती के घर में विश्व की महानत्तम योद्धा तीलू रौतेली ने जन्म लिया था । 15 वर्ष की अल्हड जिसे अभी अपने हाथों चूडियां पहननी भी नहीं आती थी उसने लगातार सात वर्षों तक तेरह युद्धकर दुश्मनों पर विजय पाई ।
एक पहाड़ी ग्रामीण बाला की इस साहसिक वीर गाथा का वर्णन मेरी शीघ्र प्रकाशित होनेवाली नाट्य पुस्तक `तीलू रौतेली' में किया गया है । प्रस्तुत है तीलू रौतेली की 355 वीं जयंती के उपलक्ष में तीलू रौतेली नाट्य पुस्तक सेे लिया गया गीत - जय जय हो तीलू रौतेली ।
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जय जय हो तीलू रौतेली
- डा. राजेश्‍वर उनियाल
- 9869116784
मेघ गर्जन संग चली, छाए गगन में बदली,
वीरबाला वीरांगना, जय जय हो तीलू रौतेली।
जै जै हो तीलू रौतेली, जय जय हो तीलू रौतेली...

खडग खडकने लगी, रणभेरी गूंजने लगी,
धूल से धरती भरी, जब अश्‍व सेना बढ़ चली ।
दुश्‍मन को रौंदती चली, वाहन ये तेरी बिंदुली,
वेलू देवकी संगनी साथ, लाई है तीलू रौतेली। ।
लाई है तीलू रौतेली, जय जय हो तीलू रौतेली...

पर्वत पुष्प बिखेरते, नयार मध्यम हो चली,
जिस डगरसे तू चली, पावन वो माटी हो चली ।
चांद सी तेरि कांति काया, रौद्ररूप है धर चली,
शत्रुओं का संहार करने, चली है तीलू रौतेली । ।
चली है तीलू रौतेली, जय जय हो तीलू रौतेली...

अधरों में है आज तेरे, रक्त पिपासा जग चली,
केश अपने बांधकर, मुण्‍डमाला पहन चली ।
ललाट दहकने लगे, अंगार नयनों से जली,
शोलों से सज श्रंगार कर, आई है तीलू रौतेली । ।
आई है तीलू रौतेली, जय जय हो तीलू रौतेली...
© सर्वाधिकार सुरक्षित - डा. राजेश्‍वर उनियाल
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