Author Topic: Umesh Dobhal, famous Poet, Journalist & Social Worker-उमेश डोभाल पत्रकार & कवि  (Read 5235 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Dosto,

Late Umesh Dobhal born on 17 Feb 1952 in Pauri District of Uttarakhand. Mr Dobhal was a famous Poet, Journalist & Social Worker. He aggressively launched a social movement against 'Illegal Liquor Mafia' in which lost life. He was murdered by these Mafia on 25 Mar 1988. Mr Dobhal will always be remembered for his scarification for the public. Every Journalist organize Programme in various part of Uttarakhand to remember this great soul. There is an Award after Late Umesh Dobhal's name for the Journalist in the State.

Merapahad pays homage to this Late Shri Umesh Dobhal ji. Hope society will learn from his scarification and raise their voice the corruption and wrong doings.

We will be posting some articles and poem by Late Shri Umesh Dobhal here. 



 
One of the Poem of Late Mr Umesh Dobhal before he was murdered.

अब मैं मार दिया जाउंगा 
 युद्व में हूंबहते हुए झरने, गाड-गधेरे
पहाड़ों की चोटियां
बुग्याल और उनका फैलाव
अच्छे लगते हैं
गीत गाते ग्वाले को
हलवाहों को
बैलों की चुनींदा भाषा में
निर्देश देते हुए
मैं प्यार करता हूं
पहाड़ी सड़क के मोड़
ढलान पर उगे चीड़-वन
अच्छे लगते हैं
कितने अच्छे हैं वे गीत
जो बेजुबानों की जुबान हों
जो अनगढ़ रूप हों प्यार के
मैं उन्हें तराशना चाहता हूं
वह हवा जो हिमालय से आती है
भली लगती है
मुझे अब भी खींचते हैं
घिंघोरू का डंडा और गुल्ली
हल-बैल बन जाने का खेल
मैं इन सबका हिस्सा होना चाहता हूं
इसलिए युद्व में हूं


M S Mehta

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Poem of -Late Umesh Dobhal
वे कौन हैंवे कौन हैं
जो प्रत्येक सुबह
चिड़ियों के चहचहाने से पहले
उठ जाते हैं और
बिछ जाते हैं हर उस जगह
जहां से तुम्हें गुजरना होता है
अपने महत्वाकांक्षी सपनों के साथ
इस खूबसूरत पृथ्वी पर
वे प्रत्येक जगह हैं
अपने श्रम की सम्पूर्ण महक के साथ
गांव में वे जमीन है
जमीन में वे औंधे लेटे हुए
मानो तो शहर भी वे ही हैं
शहर भर को उठाए हुए
और नहीं भी हैं कहीं
वे लाखों लोग
जो तुमसे ज्यादा हैं ताकतवर भी
निरंतर बढ़ रहे हैं और एक हो रहे हैं
आखिर कोई कब तक किसी को रोक सकता है
जमीन पर सीधे खड़े होने से

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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युद्व में हूं - By Late Umesh Dobhal Poem

बहते हुए झरने, गाड-गधेरे
पहाड़ों की चोटियां
बुग्याल और उनका फैलाव
अच्छे लगते हैं
गीत गाते ग्वाले को
हलवाहों को
बैलों की चुनींदा भाषा में
निर्देश देते हुए
मैं प्यार करता हूं
पहाड़ी सड़क के मोड़
ढलान पर उगे चीड़-वन
अच्छे लगते हैं
कितने अच्छे हैं वे गीत
जो बेजुबानों की जुबान हों
जो अनगढ़ रूप हों प्यार के
मैं उन्हें तराशना चाहता हूं
वह हवा जो हिमालय से आती है
भली लगती है
मुझे अब भी खींचते हैं
घिंघोरू का डंडा और गुल्ली
हल-बैल बन जाने का खेल
मैं इन सबका हिस्सा होना चाहता हूं
इसलिए युद्व में हूं

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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उमेश डोभाल की एक कविता
सरपट भागते घोड़े की तरह नहीं
अलकनंदा के बहाव की तरह
धीरे धीरे आयेगा बसंत
बसंत की पूर्व सूचना दे रहे हैं

मिट्टी पानी और हवा से ताकत लेकर
तने से होता हुआ
शाखाओं में पहुंचेगा बसंत

अंधेरे में जहां आंख नहीं पहुंचती
लड़ी जा रही है एक लड़ाई
खामोश हलचलें
अंदर ही अंदर जमीन तैयार कर रही हैं
जागो! बसंत दस्तक दे रहा है

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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New about Umesh Dobhal award given to some Journalist.


त्रिपाठी को दिया जायेगा डोभाल स्मृति सम्मान पौड़ी गढ़वाल। वर्ष 2०13 का उमेश डोभाल स्मृति सम्मान पुरस्कार विद्ताराचंद त्रिपाठी को दिया जाएगा जबकि राजेन्द्र रावत राजू जन सरोकार सम्मान बहन शिष्या शोभना व गिरीश तिवारी गिर्दा जन कवि सम्मान चारू चन्द्र चंदोला को दिया जाएगा। यह निर्णय उमेश डोभाल ट्रस्ट की बैठक में लिया गया। हर वर्ष आयोजित होने वाला उमेश डोभाल स्मृति सम्मान समारोह इस वर्ष बागेश्वर में 6 व 7 अन्रैल को आयोजित होगा। पूर्व में यह कार्यक्रम 25 मार्च को आयोजित होता था लेकिन इस साल 25 मार्च को रंग पर्व होली की वजह से अन्रैल में आयोजित किया जा रहा है। उमेश डोभाल ट्रस्ट के अध्यक्ष गोविंद पंत राजू की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक में एक अहम निर्णय यह  लिया गया कि पुरस्कार राशि को 5 हजार से ब़ाकर 11 हजार रुपए कर दिया जाए। ट्रस्ट के सदस्यों की सहमति के बाद धनराशि ब़ा दी गई है।  बैठक में नन्द्र सिंह नेगी, डा$ शमशेर सिंह बिष्ट, राजीव लोचन शाह, बी$ मोहन नेगी, सुन्द्र सिंह रावत, विमल नेगी, एल मोहन कोठिययाल, एपी इाायल, अरविंद मुदगिल, हरीश पंत, ओंकार बहुगुणा, एसएन समेत अन्य उपस्थित रहे।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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उमेश डोभाल को याद करने 25 को पौड़ी पहुंचें   
बीसवां उमेश डोभाल स्मृति समारोह 25 मार्च को पौड़ी में आयोजित किया जा रहा है. पत्रकार उमेश डोभाल की 25 मार्च 1988 को पौड़ी शहर में शराब माफिया ने हत्या कर दी थी. शुरू में उनकी हत्या की बात गुमशुदगी में टाल दी गई थी, लेकिन बाद में पत्रकारों के तीव्र विरोध और आन्दोलन के बाद मामला सीबीआई के हवाले हुआ और हत्यारे कानून के शिकंजे में फंस सके.
उमेश की हत्या के बाद देश भर में पत्रकारों ने अभूतपूर्व एकजुटता दिखाई. उमेश डोभाल के नाम पर बना ट्रस्ट अब तक उमेश की मशाल को उठाये रखने की कोशिश में जुटा हुआ है. ट्रस्ट की ओर से अब तक एक वरिष्ठ रचनाकार को उसके काम के लिए उमेश डोभाल  स्मृति सम्मान से और 35 वर्ष से कम उम्र के एक युवा पत्रकार को उमेश डोभाल  पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित किया जाता था.
उमेश डोभाल ट्रस्ट के संस्थापक, उत्तराखण्ड के अग्रणी पत्रकार और जुझारू सामाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र रावत राजू का दिसम्बर 2009 में असामायिक निधन होने के बाद इस वर्ष से उनकी स्मृति में ट्रस्ट ने राजेन्द्र रावत जन सरोकार सम्मान भी शुरू किया है. इस वर्ष से इलेक्ट्रानिक मीडिया के लिए भी एक पुरस्कार शुरू किया गया है.
वर्ष 2010 का उमेश डोभाल स्मृति सम्मान राजेन्द्र रावत को मरणोपरान्त और 2010 का पहला राजेन्द्र रावत सरोकार सम्मान व्योवृद्व सर्वोदय कार्यकर्ता मान सिंह रावत को दिया जा रहा है. उमेश डोभाल स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार सीताराम बहुगुणा को और इलेक्ट्रानिक मीडिया पुरस्कार गणेश रावत को दिया जा रहा है. 25 मार्च को होने वाले आयोजन में 'प्रायोजित पत्रकारिता और मीडिया की साख' विषय पर एक परिचर्चा भी होगी.
गोविन्द पन्त राजू
अध्यक्ष
उमेश डोभाल स्मृति ट्रस्ट
(source http://old.bhadas4media.com

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Poster by B Mohan Negi for Umesh Dobhal



एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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उमेष डोभाल स्मृति समारोह- 2013
स्थान- बागेश्वर

आमन्त्रण

मान्यवर,
पत्रकार साथी उमेष डोभाल की षहादत पर बागेश्वर में हो रहे 23वें उमेष डोभाल स्मृति समारोह केअवसर पर आपको निम्न कार्यक्रमानुसार सादर आमनित्रत करते हैं-

कार्यक्रम

06 अप्रैल 2012 सायं : 5.00 बजेस्थान तहसील रोड से-

नगर में सांस्कृतिक जुलूस

पुस्तक प्रदर्षनी

कविता पोस्टर

स्लाइड शो

लघु चित्र

कवि सम्मेलन

1-30 बजे से 2.30 बजे तक दोपहर का भोजन
-खुला सत्र-
3.00 सांय से

प्रस्ताव अनुमोदन

5.00 समापन

निवेदक

उमेष डोभाल स्मृति ट्रस्ट
आयोजन समिति
पौड़ी गढ़वाल

सम्पर्क-9412413720, 9412930166, 9412101130,
9412106119, 9412097666,

स्थान- गोमती होटल, स्टेशन रोड, बागेश्वर  .....
 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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हिंदुस्‍तान के भास्‍कर उप्रेती तथा जी न्‍यूज के कोमल मेहता कोMonday, 08 April 2013 12:25       Written by  अयोध्‍या प्रसाद भारती           बागेश्वर (उत्तराखण्ड)। शराब माफिया के खिलाफ लिखने पर 25 मार्च 1988 को मारे गये पत्रकार उमेश डोभाल की याद में बनाए गये उमेश डोभाल स्मृति ट्रस्ट द्वारा आयोजित 23वें उमेश डोभाल स्मृति एवं सम्मान समारोह में वर्ष 2012 का युवा पत्रकारिता पुरस्कार (प्रिंट मीडिया) हिंदुस्तान देहरादून में कार्यरत पत्रकार भास्कर उप्रेती को तथा इलेक्ट्रानिक मीडिया के लिए दिया जाने वाला युवा पत्रकारिता पुरस्कार जी न्यूज पिथौरागढ़ में कार्यरत कोमल मेहता को प्रदान किया गया।
 इसके अलावा ट्रस्ट द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले लोगों में समाज सेवा के लिए स्व0 सरला बहन की शिष्या शोभा बहन को राजेंद्र रावत ‘राजू’ जनसरोकार सम्मान, वरिष्ठ लेखक, अन्वेषक और इतिहासकार ताराचंद्र त्रिपाठी को उमेश डोभाल स्मृति सम्मान तथा वरिष्ठ कवि चारुचंद्र चंदोला को गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ सम्मान प्रदान किया। बागेश्वर के होटल गोमती में प्रेस क्लब जनपद बागेश्वर के तत्वावधान में आयोजित इस समारोह में राज्य भर से जुटे पत्रकारों, जनआंदोलनकारियों, कला-संस्कृति, साहित्य, शिक्षा और समाज सेवा आदि से जुड़े सैकड़ों लोगों ने जनसरोकारी पत्रकारिता को बचाए रखने, अपनी भाषा एवं संस्कृति की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध होने की प्रतिबद्धता जताई।
 
 सन 1991 से प्रति वर्ष अलग-अलग नगरों में आयोजित हो रहे इस समारोह को इस बार बागेश्वर में करने की जिम्मेदारी उठाई उत्‍तराखंड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने। समारोह 24-25 मार्च को आयोजित होता था, इस बार इसे होली के कारण आगे कर दिया गया। 6 अप्रैल की सायं समारोह का शुभारंभ पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान राज्यसभा सदस्य भगत सिंह कोश्यारी ने किया। इसके बाद नगर में जुलूस निकाला गया जिसमें खनन, भू और शराब माफिया के खिलाफ नारेबाजी की गई और उत्तराखंड के जनकवि गिरीश तिवारी गिर्दा के गीत गाये गये। भारी संख्या में उमंग और उत्साह से गाते-बजाते जुलूस नगर के विभिन्न मार्गों से गुजरा। वक्ताओं ने नेता, नौकरशाहों और धन्नासेठों के द्वारा राज्य के जल, जमीन, जंगल और मानव संसाधन के शोषण-दोहन के खिलाफ लोगों से आगे आने का आह्वान किया। इसके बाद रात्रि में पद्मश्री शेखर पाठक ने हिमालय पर स्लाइड शो प्रस्तुत किया जिसमें हिमालय के विभिन्न पहाड़ों, नदियों, हिमशिखरों, जानवरों, पक्षियों, जातियों आदि के बारे में फोटो और जानकारी देकर दर्शकों को अभिभूत कर दिया। रात्रि में कवि गोष्ठी का आयोजित हुई जिसमें विभिन्न कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर श्रोताओं की तालियां और वाहवाही लूटी। कवि गोष्ठी का संचालन चंद्रशेखर बड़शीला ने किया।
 
 7 अप्रैल की प्रातः 23वें उमेश डोभाल स्मृति एवं सम्मान समारोह का शुभारंभ ट्रस्ट के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार गोविंद पंत राजू, शेखर पाठक, शमशेर सिंह बिष्ट, पीयूसीएल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रविकिरण जैन आदि ने राजेंद्र रावत ‘राजू’, उमेश डोभाल और गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया। इस अवसर पर गायत्री विद्या मंदिर की बच्चियों ने मनोहारी स्वागत गीत व मां शारदे की वंदना प्रस्तुत की। गोविंद पंत राजू ने कहा कि पत्रकारिता में आ रही जबरस्त गिरावट के बीच भी हमें उम्मीद का दामन नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि अनेक लोग कारपोरेट मीडिया के माध्यम से भी जनसरोकारी पत्रकारिता कर रहे हैं, यह भास्कर उप्रेती और कोमल मेहता के कार्यों से भी साबित होता है। देश में हजारों-हजार पत्रकार समाज की पीड़ा को विभिन्न मीडिया माध्यमों से सामने ला रहे हैं।
 
 भास्कर उप्रेती ने कहा कि पत्रकार समाज से आते हैं और समाज की हलचल को अपनी लेखनी में उतारते हैं। इसका उदाहरण है 90 के दशक का उत्तरखण्ड आंदोलन। पत्रकारों से अपेक्षा करने से पहले समाज को स्वयं एकजुट होकर किसी मसले पर आंदोलन खड़ा करना चाहिए। कोमल मेहता ने कहा कि किसी भी परेशान आदमी की एक पत्रकार से बड़ी उम्मीद होती है। एक मां जिसे राशन न मिल रहा हो या कोई अन्य कार्य न हो रहा हो वह इस उम्मीद से पत्रकार के समक्ष दुखड़ा सुनाती है कि पत्रकार मेरे बेटे की तरह उसकी समस्या का हल करा देगा। ऐसे में संवेदनशील पत्रकार की जिम्मेदारी होती है कि जनता की बात को अपने मीडिया माध्यम और व्यक्तिगत रूप से भी जिम्मेदार लोगों तक पहुंचाए। मुख्य वक्ता श्री जैन ने कहा कि संविधान में सत्ता के विकेंद्रीकरण के व्यापक प्रयासों की गुंजाइश है। विकेंद्री..त शासन प्रणाली धरातल पर नहीं उतरने के कारण ही उत्तराखंड के लोग जल, जंगल और जमीनों से बेदखल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता और विभिन्न योजनाओं में जनता की सीधी भागीदारी से ही विकास का सही लाभ आम लोगों तक पहुंचेगा इसके लिए राज्य की जनता को व्यापक जनगोलबंदी कर राज्य व्यापी आंदोलन चलाना चाहिए। अन्य वक्ताओं ने नेता-नौकरशाह और कारपोट्स की तिकड़ी द्वारा राज्य के संसाधनों के दोहन और यहां के आम नागरिकों की उपेक्षा पर चिंता प्रकट की और लूट के खिलाफ जनएकता बनाए जाने पर बल दिया।
 
 इतिहासकार तारा चंद्र त्रिपाठी ने पहाड़वासियों के पहचान का सवाल उठाते हुए कुमाऊंनी और गढ़वाली भाषा को बचाने तथा इसके लिए बच्चों में संस्कार विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अपनी बोली बानी छोड़ने से बच्चे अपनी संस्कृति, मर्यादा और परिवार से कट रहे हैं जो भविष्य के लिए खतरनाक है। कार्यक्रम का संचालन ट्रस्ट के उपसचिव त्रिभुवन उनियाल ने किया। समारोह में डा. शेखर पाठक, ललित मोहन कोठियाल, राजीव लोचन शाह, महेश जोशी, पीसी तिवारी, हरीश पंत, सदन मिश्र, अयोध्या प्रसाद ‘भारती’, प्रेम अरोरा, चंदन डांगी, बीसी सिंघल, प्रो. प्रभात उप्रेती, प्रेमसिंह गुसाइईं, उमा भट्ट, गजेंद्र रौतेला, अनिल बहुगुणा, जगमोहन नेगी, पंकज उप्रेती, सीताराम बहुगुणा, गिरीश कांडपाल, त्रेपन सिंह चौहान, उमेश तिवारी,  दिनेश चंद्र लोहनी, खुशबू लूथरा, बागेश्वर प्रेस क्लब अध्यक्ष चंदन परिहार, घनश्याम जोशी, केश्व भट्ट, दीपक पाठक, सुरेश पांडे, अशोक लोहनी, संजय शाह, आनंद नेगी, पूरन तिवारी, भास्कर तिवारी, आनंद बिष्ट, अमित उप्रेती, उमेश मेहता, हिमांशु संगटा, पंकज पांडे, आलोक साह गंगोला, संजय साह, बसंत चंदोला, अशोक जोशी, देवेंद्र पांडे, रमेश पांडे बृजवासी, बबलू कांडपाल, हिमांशु गड़िया, शंकर पांडे, अल्मोड़ा सांसद प्रदीप टम्टा, जिला पंचायत अध्यक्ष विक्रम शाही, ब्लॉक प्रमुख राजेंद्र टंगड़िया, कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुनील भंडारी, विधायक चंदन रामदास, नगर पालिकाध्यक्ष सुबोध साह, जिला सूचना अधिकारी गीता जोशी, विभिन्न विभागों के अधिकारी, शिक्षक और अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद थे। आयोजन स्थल पर लगी पुस्तक प्रदर्शनी का अतिथियों ने अवलोकन किया और साहित्य खरीदा। समारोह में ट्रस्ट की ‘स्मारिका 2013’ का विमोचन भी किया गया। विगत दिनों स्वर्गवासी हुए वरिष्ठ पत्रकारों एस राजेन टोडरिया और आनंद बल्लभ उप्रेती को भी समारोह में याद किया गया।
वरिष्‍ठ पत्रकार अयोध्‍या प्रसाद भारती की रिपोर्ट.

 

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