उत्तराखण्ड की पॄष्टभूमि पर आधारित नाटक "पंडेरा" दिल्ली में समय-समय पर उत्तराखण्ड की पॄष्टभूमि पर आधारित अनेक कार्यक्रम होते रहते हैं। मैं यहां पर एक नाटक के कुछ चित्रों को प्रस्तुत कर रहा हूं। यह नाटक दिल्ली के LTG Auditorium में खेला गया था। इस नाटक का Screen play ’मेरा पहाड़’ के सदस्य, श्री दिनेश बिजल्वाण ने लिखा। नाटक काफ़ी सफ़ल रहा और रंग मंच की दुनिया में काफ़ी प्रसंसा भी हुई। यह नाटक श्री राजेश्वर उनियाल के उपन्यास "पंडेरा" पर आधारित है। नाटक के कथानक की अधिक जानकारी देने हेतु मैं अपने मित्र श्री दिनेश बिजल्वाण जी से ब्यक्तिगर रूप से मिल कर निवेदन करुंगा और ये चित्र जो मैने उनकी एल्बम से चुरा के यहां डाल दिये हैं उसकी भी जानकारी उनको दे दुंगा। आपसे बिनती है कि नाटक के कथानक के आने का इंतजार धैर्य से करें।धन्यबाद।
मेरी रंगमंच यात्रा "दि हाईहिलर्स ग्रुप" के साथ आरम्भ हुई , इस ग्रुप की स्थापना १९८१ मे सुरेस नौटियाल (पत्रकार) ने की थी , वह पर्वतीय कलाकेन्द्र की ट्क्कर की संस्था बनाना चाहते थे जिसमे कोइ भी पहाडी शामिल हो सके जो पहाडी कल्चर को बढावा देना चाह्ता हो / ग्रुप का औपचारिक गठन १८-३-८४ को हुआ / इसके पहले सद्स्यओं मे सुरेश , मोहन राणा ( कवि) , हरपाल ने़गी, बलवन्त सिंह रावत , कैलाश सेम्वाल , देवेन्दर खन्डुरी , चन्द्रशेखर कोट्नाला, सज्जन सिन्ह रावत, उमाकान्त बलूनी, खीम सिंह रावत, रेबत राम डोभाल. यशपाल रावत, मुकेश शर्मा, हरीश उनियाल, शामिल थे/जारी/-
Quote from: dinesh bijalwan on July 02, 2008, 03:11:50 PMमेरी रंगमंच यात्रा "दि हाईहिलर्स ग्रुप" के साथ आरम्भ हुई , इस ग्रुप की स्थापना १९८१ मे सुरेस नौटियाल (पत्रकार) ने की थी , वह पर्वतीय कलाकेन्द्र की ट्क्कर की संस्था बनाना चाहते थे जिसमे कोइ भी पहाडी शामिल हो सके जो पहाडी कल्चर को बढावा देना चाह्ता हो / ग्रुप का औपचारिक गठन १८-३-८४ को हुआ / इसके पहले सद्स्यओं मे सुरेश , मोहन राणा ( कवि) , हरपाल ने़गी, बलवन्त सिंह रावत , कैलाश सेम्वाल , देवेन्दर खन्डुरी , चन्द्रशेखर कोट्नाला, सज्जन सिन्ह रावत, उमाकान्त बलूनी, खीम सिंह रावत, रेबत राम डोभाल. यशपाल रावत, मुकेश शर्मा, हरीश उनियाल, शामिल थे/जारी/- दिनेश जी मै ही खीमसिंह रावत हूँ