Author Topic: Bal Krishana Dhyani's Poem on Uttarakhand-कविता उत्तराखंड की बालकृष्ण डी ध्यानी  (Read 63230 times)

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
नैनों कि भासा तेर

नैनों कि भासा तेर अपरम्पार
मिथे पिरीति को पाठ पढे जा
इन अल्जीगियूं आँख्यूं मा तेर
मेर बि जीना कि उमीद बले जा

ब्य्खुनि को घाम जाणु वै छाल
वै दग्डी तेर मेर छुई लगे जा
जरासि बैठी जौला वै डाळ मोंड
हातमा हात कथा माया लगे जा

दिलमा बात धैरी जाण कख सुदी
आंखि वोंते तू मेर बात बते जा
वै घैल बाटा बैठ्यूं च मि प्यारी
हाँ बोलि कि ऐ ज्यू दबेई लगे जा

बालकृष्ण डी. ध्यानी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
स्वास

यखि छया हम
यखि रौला
यखि मां हमन
यनि मिसै जाण

जबै राख उडालि
हमर मासाण भतेक
हमन यख वख
सुदि मुदि पसरे जाण

हैरा-भैर डांण्ड्याळी बोती
फूल बणिक हमन सजै जाण
अफि अफ लगि स्वास
आखेर तिल बल क्या पाई

यखि छया हम .....

बालकृष्ण डी. ध्यानी

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
खोजि ल्यावा अपडो ते

कबि अपड़ा रैन्दा छया यख
अब बि नि जाण वो ग्या कख

तिबारी उदास डांण्ड्याळी उदास
कख गे होळा वो खोजीदास

बालकृष्णा ध्यानी

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
गुमान

बैथ्यू छौं सुप्न्यु का रेल मां
अपरि हि दैल फैल मां
फुर्सत कख छ ..... रै गैल्या अब
कैते मिन भेट्ण कैते देन ऐ भेँट या

खोजदु छौं बल जी खोजदु छौं
अपडा मन भितर मि कैथे खोजदु छौं
मालूम छ्या मि यौ माटा कू जीबन
मिन एक दिन इन सौधी धौलि दीन

फिर बैथि कि ऐ कोरी किताब ते
किलै कि वैमा जिलेद लगाणु छौं
लिखणु छौं औरृ वैते पुसणु छौं
गैरो ऐ बस्ता किलै मि सरणु छौं

चितेणु छौं कि मिते अबेर ह्वैगेई
फुण्ड फूंकाण कूँन यौ गुमान ते मि देर ह्वैगेई
क्या यख जोडि मिन वैते लीजाणा को धे लगाणु छौं
वैन भि भोरिक रखयूं छ जै ते मि समझाणु छौं

बैथ्यू छौं सुप्न्यु का रेल मां ........

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
म्यारू ढुंगा

धुरपळिम खिरबोज
ग्वरबाटा का ढुंगा
इन असगुन किलै मिते ऊ आज
कब उथ्ळो मि वैते
कब वैते द्यूँलू चुला

पुंगड़ी पटळि ली
द्वाखरी बंजी कुडी
मिते बुलाणु भुला
ज्वानि मां छोड़ि गियूं
किले लागणू अप्डी ब्यथा

पितरकूड़ी ह्वैगे अजाण
रुंदी हँसदी रै मेर पछाण
अहा कैर कि अप्डी कुदशा
हम तै अब बि नि पता
विकास कै घार छ बता

मोर बिंयारा संगाड रूणा
बैठि कुकुर आज कै कुणा
सर्या दिन राति काटी मिन
ना मिल मिते अप्डी सुधा
कै बाटो होलो म्यारा चुलू ढुंगा

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
कानों मा झुमकी ,नाक मा नथुली
गला गुलुबंदा सजै आ
माथा कि बिंदुली क्या बोल्नी छुचि
अप्डी जिकुड़िळ मेर जिकुड़ि मां
अपरी सरया माया भोरे जा

हमारी संस्कृति हमारी पहचान
जय हो देवभूमि उत्तराखंड

बालकृष्ण डी ध्यानी

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
आदिम औरृ डाळा

 

आदिम

बेकसूर डाळों को कुल्हड़ी न हत्या करदु

वूं का सीरर ते इजा कैरि कि

निरदई

उघड़ मां वों को परपंच लगे देंदु

अदिमों को राज यन हि हुंदु



भोल डाळों कि सत्ता आळी

तब आदिम का बि हड़गा टुटला

वों ते बि ऊनि ई जनि उघड मा रखे जालो

वूं का कुंटब मां कैकि मृत्यु हैव जाली त

वूं पर हुंया अत्याचार जनि

वो आदिम पर वो प्रयोग करला

आदिम राज आण से पैल

हत्या का सबूत ठिकाण लगाण धरण कला

डाळा बि आत्मसात कैर दयाळा

जन एक बार फिर

वूं कि सत्ता ऐजाव



बालकृष्ण डी. ध्यानी

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
जय गोलू देबता
« Reply #1027 on: December 27, 2022, 06:02:52 PM »
जय गोलू देबता

हमरी पीड़ा अफि मा जा तू समै
क्या पाई तिल यखमा रैकि यख रुपै
गोलू देबता लगे हमुन फिर ते थे  धे
दौडी ऐजा हमते लिजा ते दगडी सरे

दुई हात जोड़ि कि हम छा बैथयां
अपडा से एकमत ह्वैकि हम छा बैथयां
तेरु ही धास तेर सार अब हमते लग्युं छा
चिट्ठी मा स्वाल लिखी सब्बि छा बैथयां

मनोकामना सबै कि पूरी व्है जाली
न्याय देबता जबै तू सबते न्याय देलि
घांट चिट्ठी मिल बि गेड़ी च मंदिर मा
तू मिते ना  कै ते ना अब ना तू बिसरे

हमरु उत्तराखंड को चितई गोलू देवता
तेरू जय जयकरा रै  हमरा मुखम सदै
हम सबु ते तू सत बुद्धि सत मार्ग बते
छोड़ि  कि गयां सबु ते पाड़ों मा परते

हमरी पीड़ा अफि मा जा तू समै  ....
जय गोलू देबता
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
https://dhyani1971.blogspot.com/
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
लड़ी ले जिकोडि तू हिमत भोरिकि

ना ऐ पिछने तू इन पाठ फिरैकि
लड़ी ले जिकोडि तू हिमत भोरिकि

जैल ऐ बि बुरू टैम थोडु टैम लगे दि
अपडो परयों कि बल खुद लगे कि
ध्यान धैर ध्यानी ऐ आखेर नि छ
डैरी डैरी कि हि  सै ते थे बाट देखेलि

ना ऐ पिछने तू इन पिठ फिरैकि
लड़ी ले जिकोडि तू हिमत भोरिकि

पता छे ते वै समण तू ठैर निसकदु
कुच निछ ते पास वै दगड़ लड़णा कुन
फिर बि वैते चित्कारी ललकार देणु रे
बिच बिच मां तू वै ते हुंकार देणु रे

ना ऐ पिछने तू इन पिठ फिरैकि
लड़ी ले जिकोडि तू हिमत भोरिकि

ध्यान धरि ऐ समै क्या शिक्षा देणु
हरेक बेल ऊ तुमरी परीक्षा लेणु
उपयोग मा ले अफ ते सक्षम कना कुन
कु छु मि ? अर क्या ह्वै सक्दु ऐ जण ना कुन

ना हात-खुथी गालि वै कु रूप देखिकि 
स्वार हवैजा वै पर लड़णु छ ऐ ठरैकि
ना ऐ पिछने तू इन पिठ फिरैकि
लड़ी ले जिकोडि तू हिमत भोरिकि

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
https://dhyani1971.blogspot.com/
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
मायाजाळ
« Reply #1029 on: January 01, 2023, 03:21:51 PM »
मायाजाळ

सब्यू  ते .....  ते यख
लाइक ,कमेन्ट...  शेयर चैन्दु
यूँ  रगरायाट अंख्यूं  ते
क न  यु सुख चैन  चैन्दु
सब्यू  ते .....  ते यख

स्वप्नयाळी आँखि थक गैनी
जग्वाळ  देख कैरी कैरी
क्वी त  होलो दगड़्या बिन पड़ी
लाइक ,कमेन्ट...  शेयर करलू ..... हरी हरी
सब्यू  ते .....  ते यख

बडू  टैम  ह्वैगे
कैल  बि वै  पोस्ट ते ख्वगेल ना
निराशा व्हाई क्वी बी ऐना
ऐना  दिख्या  ग्याई मि भिर-भिराट  कैरि
सब्यू  ते .....  ते यख

अप्डू  सुख  अफ दगडी हि  छा
मिल वै  ते  खोजी भैर  भैर
अब बी  नि  व्हाई  देर
झट स्वप्नियु  मा  ख्वै जै कैर अप्डी ..... केयर
सब्यू  ते .....  ते यख

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
https://dhyani1971.blogspot.com/
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22